एक बार फिर हांगकांग को लेकर अमेरिका और चीन आमने-सामने है। बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका ने चीन पर प्रतिबंधों को जारी रखते हुए 14 चीनी अधिकारियों के खिलाफ प्रतिबंध लगाया है।
अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से साझा की गई जानकारी के अनुसार, यह प्रतिबंध व्यक्तियों के खिलाफ है। जिन पर प्रतिबन्ध लगाया गया है वह सभी व्यक्ति चीन के नेशनल पीपुल्स कांग्रेस के सदस्य है।
प्रतिबंधों की घोषणा करते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो की ओर से बताया गया कि चीन की नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की स्थायी समिति (एनपीसीएससी) ने हांगकांग में पिछले कई अर्से से चल रहे जनअधिकार आंदोलन को कुचलने और वहां चीन परस्त सरकार बनाने के लिए गैर-जरुरी हस्तक्षेप किया।
गौरतलब है कि ब्रिटेन से हांगकांग वापस मिलने के बाद से ही चीन इस पर पूरी तरह अपनी राजनीतिक व्यवस्था लागू करने का प्रयास करता रहा है। चीन के लगातार बढ़ रहे हस्तक्षेप से हांगकांग के मूल निवासियों में भारी आक्रोश है। गत वर्षो से सड़को पर उतर आये हैं। अमेरिका द्वारा ट्रैवेल बैन की सूचि में डाले गए 14 चीनी अधिकारियों पर हांगकांग के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप का आरोप है।
गौरतलब है कि चुनाव में हार मिलने के बाद भी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन के प्रति अपने सख्त रवैया पर कायम हैं। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन अमेरिका में 20 जनवरी को पदभार ग्रहण करेंगे, लेकिन ट्रंप ने संकेत दिए हैं कि हार के बावजूद चीन के प्रति उनके नजरिए में कोई परिवर्तन नहीं हुआ।
जिन 14 अधिकारियों पर अमेरिका की ओर प्रतिबंध लगाया गया है उनमे वांग चेन, काओ जियानिंग, झांग चुनक्सियन, शेन यूयेयू, जी बिंगक्सुआन, अर्केन इमरबाकी, वान एक्जियांग, चेन डू, वांग डोंगमिंग, पद्मा चोलिंग, डिंग झोंगली, हेंग मिंगजिन, कै डाफेंग और वू वेहुआ नाम के व्यक्ति शामिल है। प्रतिबंधों में वीजा पर रोक भी शामिल है। नियमों के अनुसार इन लोगों के साथ इनके परिजनों को भी अमेरिका की यात्रा करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है।