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लेनिन का आज है जन्मदिन, जाने उनकी जिन्दगी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें

लेनिन का आज है जन्मदिन, जाने उनकी जिन्दगी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें

रूस को तत्‍कालीन जार शासन से मुक्‍त कराने वाले व्‍लादिमीर लेनिन का आज जन्‍मदिन है। उनके ही नेतृत्‍व में रूसी क्रांति के बाद 1922 में सोवियत संघ की स्थापना हुई थी और बाद में ये विश्‍व की महाशक्तियों में शामिल हुआ। व्लादिमीर इलीइच लेनिन का जन्म 22 अप्रैल, 1870 को सिमबिर्स्क में हुआ था। 1886 में उनके पिता की मौत के बाद घर की जिम्‍मेदारी लेनिन पर आ गई थी।

1887 में उनके बड़े भाई को जार की हत्या का षड्यंत्र रचने में शरीक होने के आरोप में फांसी दे दी गई। इसके बाद लेनिन रूस की क्रांतिकारी समाजवादी राजनीति के करीब आए। जार शासन के खिलाफ झंडा बुलंद करने की सजा के तौर पर उन्हें कजन इंपीरियल यूनिवर्सिटी से निकाल दिया गया।

रूस की 1905 की असफल क्रांति के दौरान उन्‍होंने न सिर्फ जार शासन के खिलाफ विद्रोह को आगे बढ़ाने का काम किया बल्कि प्रथम विश्व युद्ध के समय एक अभियान चलाया। इसका मकसद यूरोप में व्यापी सर्वहारा वर्ग के खिलाफ क्रांति का सूत्रपात करना था।

उनका मानना था कि यह विरोध पूंजीवाद को उखाड़ फेंकने, और समाजवाद की स्थापना का कारण बनेगा। फरवरी 1917 जब रूस में जार शासन का अंत हुआ तो एक अंतरिम सरकार की स्थापना हुई। इसके साथ ही वो रूस वापस लौटे और देश की कमान संभाली। 1917 में उनके नेतृत्व में जो क्रांति हुई थी उसको बोल्शेविक क्रांति भी कहा जाता है।

1897 में उन्हें देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर तीन वर्षों के लिए निर्वासित कर दिया गया था। इसी दौरान उन्‍होंने नाडेज्डा कृपकाया से शादी की। इसी निर्वासन के दौरान वे पश्चिमी यूरोप गए और मार्क्सवादी रूसी सामाजिक डेमोक्रेटिक लेबर पार्टी (आरएसडीएलपी) में एक प्रमुख सिद्धांतकार बन कर उभरे। 1903 में उन्होंने पार्टी के वैचारिक विभाजन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और जुलियस मार्टोव के मेन्शेविकों के खिलाफ बोल्शेविक गुट किया।

लेनिन 1917 से 1924 तक सोवियत रूस के और 1922 से 1924 तक सोवियत संघ के हेड ऑफ गवर्नमेंट रहे। उनके प्रशासन काल में रूस, और उसके बाद व्यापक सोवियत संघ भी, रूसी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा नियंत्रित एक-पक्ष साम्यवादी राज्य बन गया।

लंबी बीमारी के बाद 21 जनवरी 1924 को दिल का दौरा पड़ने से लेनिन की मौत हो गई। इसके बाद उनके सम्मान में सेंट पीटर्सबर्ग का नाम बदल कर लेनिनग्राद कर दिया गया। हालांकि, रूस में कई लोग शहर के कम्युनिस्ट नाम से सहमत नहीं थे जिसके चलते 1991 में इसे दोबारा बदल कर सेंट पीटर्सबर्ग कर दिया गया। लेनिन मार्क्सवाद से प्रेरित थे और इसी के आधार पर उन्होंने रूसी कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना की।

समाज और दर्शनशास्त्र को लेकर लेनिन के मार्क्सवादी विचारों ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया। उनकी इस विचारधारा को ही लेनिनवाद के नाम से जाना जाता है। हालांकि, अपने जीवन में उन्होंने खुद न तो कभी लेनिनवाद शब्द का प्रयोग किया, और न ही इसके प्रयोग को प्रोत्साहित किया। वे अपने विचारों को मार्क्सवादी, समाजवादी और कम्युनिस्ट श्रेणियों में रखकर व्यक्त करते थे।

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