[gtranslate]
world

जाना जनता के सुल्तान का

काबूस ने पिता का तख्ता तो पलटा, मगर संतुलित विदेश नीति अपनाकर वह ओमान को विकास के रास्ते पर भी ले गए। जनता में उनकी लोकप्रियता बढ़ती गई। नए सुल्तान के सामने यही चुनौती है कि वे कैसे काबूस की बनाई लीक पर चल जनता की अपेक्षाओं पर खरे उतर सकते हैं

 

कहा जाता है कि अंत भला तो सब भला। एक समय था जब काबूस अपने ही पिता का तख्ता पलटकर ओमान के शासक बन गए थे। तब बेशक देश और दुनिया में उनकी छवि अच्छी नहीं गई हो, लेकिन कूटनीतिक मोर्चे पर संतुलित नीतियां अपनाने के साथ ही अपने देश को आगे ले जाने में उनका जो अहम योगदान रहा, उसको देखते हुए निसंदेह वे एक अच्छे शासक के तौर पर याद किये जाते रहेंगे। 79 वर्षीय सुल्तान काबूस ने हाल में दुनिया को अलविदा कहा है। अपने कार्यों से वे देश के नए सुल्तान और चचेरे भाई हैथम के लिए चुनौतियां छोड़ गए हैं कि उनके शासन में भी ओमान अपनी संतुलित विदेश नीति को कायम रख पाता है या नहीं? देश की अर्थव्यवस्था को संभाले रख पाते हैं या नहीं? काबूस तीस साल की उम्र में अपने पिता सईद बिन तैमूर को गद्दी से हटाकर सुल्तान बने थे। अलसाइद वंश के वे आठवें शासक थे। इस परिवार का ओमान पर 1744 से शासन है। काबूस का जन्म 18 नवंबर 1940 को हुआ था।

46 लाख की आबादी वाले ओमान में करीब 43 प्रतिशत लोग प्रवासी हैं। लगभग पांच दशकों से काबूस ओमान की राजनीति पर वर्चस्व था। दरअसल, काबूस के पिता सईद बिन तैमूर एक अतिरूढ़िवादी शासक थे। उन्होंने रेडियो सुनने या धूप का चश्मा पहनने सहित कई चीजों पर प्रतिबंध लगा दिया था। लोगों के शादी करने शिक्षित होने और देश छोड़ने जैसे फैसले भी उन्होंने अपने अनुसार किए थे। काबूस को अपने पिता का यह रूढ़िवादी दृष्टिकोण पसंद नहीं आया। यही वजह रहा कि पिता के बाद सुल्तान बनते ही उन्होंने ऐलान किया कि एक आधुनिक सरकार चाहते हैं। तेल से आने वाले पैसे को देश के विकास पर लगाना चाहते हैं। उस वक्त ओमान में सिर्फ 10 किमी ़ पक्की सड़क और तीन स्कूल थे। आधारभूत सुविधाओं का भारी अभाव था। प्रशासन में भी दक्ष लोगों की भारी कमी थी। कोई सरकारी संस्थान भी नहीं थे। काबूस ने धीरे-धीरे सत्ता पर अपना नियंत्रण बढ़ाया। वित्त, रक्षा और विदेश मामलों को अपने पास रखा।

उन्होंने धोफर विद्रोहियों से लड़ाई की। इस लड़ाई में उन्हें ब्रिटेन, जॉर्डन और ईरान से मदद मिली। छह साल के भीतर ही उन्होंने विद्रोहियों को देश की मुख्यधारा में शामिल कर लिया। ओमान को आसमान तक पहुंचाने वाले काबूस को ओमान में नवचेतना जगाने के तौर पर याद किया जाएगा। तेल की कमाई से हुए अरबों डॉलर का निवेश उन्होंने आधारभूत ढांचे के निर्माण में किया।

काबूस की सबसे बड़ी उपलब्धि विदेश नीति रही। सऊदी और ईरान के टकराव में उन्होंने ओमान को किसी पाले में नहीं जाने दिया। कतर के साथ सऊदी और उसके सहयोगी देशों के विवाद में भी ओमान पूरी तरह से तटस्थ रहा और रचनात्मक भूमिका अदा करता रहा। वर्ष 1980 से 1988 तक इराक और ईरान में युद्ध हुआ तब भी ओमान का दोनों देशों से संबंध बना रहा। ईरान में 1979 में इस्लामिक क्रांति के बाद अमेरिका और ईरान के संबंध खराब हुए तब भी काबूस ने ओमान को किसी खेमे में नहीं जाने दिया। यहां तक कि काबूस ने 2013 में ईरान और अमेरिका के बीच गोपनीय मध्यस्थता भी की। इसी के जरिए तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ईरान के साथ परमाणु समझौता किया था। काबूस सार्वजनिक रूप से आखिरी बार अक्टूबर 2018 में इजराइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू के साथ दिखे थे। नेतन्याहू ओमान के दौरे पर आए थे। बाकी के खाडी देशों के नेता नेतन्याहू से खुलेआम मिलने से परहेज करते आए हैं। ओमान ने कई क्षेत्रीय संकटों को कम करने की कोशिश की है। इनमें से खास है ईरान में हिरासत में लिए गए तीन अमेरिकी यात्रियों को 2009 में रिहा करवाना। इसके अलावा कतर के नागरिकों को राजधानी दोहा लौटने में मदद करना। यह मामला साल 2017 का है जब कतर में कूटनीतिक संकट चल रहा था, जिसमें फारस की खाड़ी के कई देशों ने कतर जाने के लिए समुद्री मार्ग को बंद कर दिया था।

ओमान ने तीन अमेरिकी यात्रियों को रिहा करवाने में पर्दे के पीछे अहम भूमिका निभाई थी। ओमान की संतुलित विदेश नीति है। यह अमेरिका और ईरान के लिए एक बहुत अच्छा वार्ताकार रहा है। ब्रिटेन, इसराइल और चीन सहित कई देशों के साथ संबंध बनाए रखने की ओमान की क्षमता ने उसे मध्य पूर्व में तटस्थता की पहचान बना दिया है। एक तटस्थ देश होने के नाते ओमान खुद को दूसरे देशों से अलग कर लेता है और यही बात विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने और व्यापक आर्थिक संदर्भ में अपने लिए एक नई भूमिका खोजने में उसके लिए बेहद फायदेमंद साबित होती है। काबूस न सिर्फ संतुलित विदेश नीति अपनाकर देश को आगे ले गए, बल्कि देश के भीतर उठते असंतोष का दबाने में भी उन्हें महारत हासिल थी। सुल्तान बनते ही उन्होंने धोफा विद्रोहियों को नियंत्रित किया तो 2011 में अरब क्रांति के दौरान ओमान तक पहुंची विरोध की ज्वाला को भी शांत कर दिया था।

काबूस की कोई संतान नहीं है और ना ही उन्होंने सार्वजनिक रूप से अपना कोई उत्तराधिकारी नियुक्त किया था। अब उनके चचरे भाई हैथम सुल्तान बने हैं। हैथम पर देश के आंतरिक मामले संभालने के साथ- साथ महत्वाकांक्षी आर्थिक योजना लागू करने का दबाव बन सकता है। उनके सामने ओमान की अर्थव्यवस्था को तेल के अलावा दूसरा आधार देने की चुनौती है। ओमान को एक तेल आधारित अर्थव्यव्यस्था से अलग कोई और आधार देने के लिए उन्हें पहले ओमान के लोगों को जवाब देना होगा जो जिंदगी भर सिर्फ एक ही सुल्तान को जानते थे। नए सुल्तान पर उनका भरोसा बनने में वक्त लगेगा।

हैथम ओमान 2040 समिति की अध्यक्षता करते हैं, जिसका मकसद देश को अधिक टिकाऊ अर्थव्यवस्था की ओर ले जाना है। ओमान के पास किसी भी खाड़ी देश की तुलना में तेल के कम स्रोत हैं और तेल की कीमतों में 2014 की गिरावट के बाद से वो बढ़ती बेरोजगारी और मुश्किल बजट में फंस गया है। वह किस तरह अर्थव्यवस्था को तेल के अलावा दूसरा आधार दें और अधिकतर लोगों की आर्थिक स्थिति भी बेहतर रख सकें।

65 वर्षीय के सुल्तान हैथम ने 1979 में ऑक्सफर्ड से ग्रेजुएशन की थी और सुल्तान बनने से पहले विरासत एवं संस्कृति मंत्री रह चुके हैं। उन्होंने 1994 से 2002 तक विदेश मंत्रालय में महासचिव का पद भी संभाला है। अब उत्तराधिकारी के तौर पर एक मध्यस्थ के रूप में ओमान की भूमिका के बावजूद नए सुल्तान के लिए मध्य पूर्व में बनी संकट की स्थिति मुश्किलें ला सकती हैं। सबसे ज्यादा परेशान करने वाला है कतर का संकट और सऊदी अरब की घेराबंदी। इसके अलावा ओमान की सीमाओं पर यमन में युद्ध हुआ है। तेल की कीमतों में गिरावट के साथ इस दबाव को झेलना बहुत मुश्किल होगा। काबूस के पांच दशकों के शासनकाल के दौरान ओमान में बड़े आर्थिक और सामाजिक बदलाव हुए और वो मध्य पूर्व देशों में एक बड़ा शांतिदूत बनकर उभरा। पुराने सुल्तान ने देश को बदला और आधुनिक बनाया। बुनियादी ढांचा पहले से कहीं बेहतर है और ओमान ने एक कृषि प्रधान समाज से औद्योगिक रूप ले लिया। उन्होंने अपने पर्यटन उद्योग को विकसित किया और आज ओमान खाड़ी देशों में एक बेहतरीन पर्यटन स्थल माना जाता है।

नए सुल्तान के सामने यही चुनौती है कि वे कैसे काबूस की बनाई लीक पर जनता में लोकप्रिय बन सकते हैं।

You may also like

MERA DDDD DDD DD