कोरोना वायरस के चलते अभी तक पूरे विश्व में 16658 लोगों की मौत हो चुकी हैं। पूरे विश्व में इस वायरस से 381,649 लोग संक्रमित हैं। लंदन में वायरस के चलते मृतकों की संख्या 335 पर पहुंच गई है। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने देश में कोविड-19 के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए लोगों की आवाजाही पर कम से कम तीन हफ्ते के लिए सख्त प्रतिबंध लगा दिए हैं।
बोरिस ने सोमवार शाम को टेलीविजन पर प्रसारित देश के नाम संबोधन में कहा कि कोई भी प्रधानमंत्री अपने लोगों पर इस तरह का दबाव नहीं बनाना चाहता, लेकिन हालात इस तरह के हैं कि उन्हें लोगों की आवाजाही को प्रतिबंधित करने और दो से अधिक लोगों के जुटने पर उनके खिलाफ कार्रवाई करने को मजबूर होना पड़ा है।
जॉनसन ने कहा, “आज शाम से मैं ब्रिटेन के लोगों को बहुत साधारण निर्देश दे रहा हूं-आप घर पर ही रहें।” लोगों को केवल जरूरी सामान खरीदने, किसी चिकित्सीय जरूरत, किसी जरूरतमंद व्यक्ति की देखभाल या मदद के लिए तथा काम के सिलसिले में आने-जाने की इजाजत होगी लेकिन उसी सूरत में जब काम घर से नहीं हो सकता है।
प्रधानमंत्री बोरिस ने कहा, “आपको दोस्तों से मुलाकात नहीं करनी है। अगर आपके दोस्त आपको मिलने के लिए बुलाते हैं तो आपको न कहना होगा। जो परिवार के सदस्य आपके घर में नहीं रहते हैं उनसे आपको मुलाकात नहीं करनी है।” जॉनसन ने लोगों को हिदायत देते हुए कहा कि जो भी इन सख्त नियमों का उल्लंघन करेगा, उसे पुलिस की कार्रवाई का सामना करना होगा। इसी तरह की सख्ती दुनिया के अन्य देशों में भी देखने को मिल रही है।
फ्रांस भी इस वायरस से निपटने के लिए लॉकडाउन (बंद) के नियमों को सख्त करने वाला है जिसके तहत वह व्यायाम को सीमित करेगा तथा खुले में लगने वाले बाजारों को बंद करेगा। प्रधानमंत्री एडवर्ड फिलिप ने सोमवार को एक साक्षात्कार में कहा कि वह एक किलोमीटर से ज्यादा की जॉगिंग और खुले में लगने वाले बाजारों को बंद करने के लिए मंगलवार को एक आदेश पर हस्ताक्षर करेंगे।
हालांकि, स्थानीय अधिकारी कुछ मामलों में राहत देने की मांग कर सकते हैं। वहीं अफ्रीका की सबसे औद्योगिकृत अर्थव्यवस्था और 5.7 करोड़ की आबादी वाले देश दक्षिण अफ्रीका में बृहस्पतिवार से 21 दिन के लिए राष्ट्रव्यापी बंद प्रभावी होगा। देश में कोविड-19 के मामले 402 पर पहुंचने के बाद राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने सोमवार को इसकी घोषणा की। रवांडा और ट्यूनीशिया के बाद दक्षिण अफ्रीका तीसरा अफ्रीकी देश है जिसने जरूरी आर्थिक गतिविधियों के अलावा सब काम रोक दिए हैं।