इस समय पूरी दुनिया आधुनिकता की आंधी में दौड़ रही है। नतीजतन, दुनिया भर में प्लास्टिक का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है और यह पृथ्वी पर रहने वाली कुछ प्रजातियों के विलुप्त होने का कारण भी है। दुनिया भर में इस समय प्लास्टिक का अंधाधुंध इस्तेमाल हो रहा है। इससे रोजाना हजारों टन प्लास्टिक कचरा निकलता है।
ऐसे समय में संयुक्त राष्ट्र ने प्लास्टिक पर चिंता व्यक्त की है। संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि 2050 तक महासागरों में मछलियों से ज्यादा प्लास्टिक होगा।
गौरतलब है कि दुनिया भर के प्लास्टिक कचरे को ठीक से रिसाइकिल नहीं किया जा सकता है। ऐसे समय में ज्यादातर जगहों पर प्लास्टिक कचरा समुद्र में जाने से समुद्र में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है।
समुद्र में बढ़ते प्रदूषण के कारण हर साल समुद्र में जीवित जीव जंतुओं की संख्या तेजी से घट रही है। इसलिए संयुक्त राष्ट्र ने प्लास्टिक के उपयोग को कम करने और समुद्र में प्लास्टिक कचरे से होने वाले प्रदूषण से अवगत कराते हुए चेतावनी दी है कि 2050 तक समुद्र में मछलियों से ज्यादा प्लास्टिक होगा।
यही कारण है कि 27 जून 2022 से 1 जुलाई 2022 तक केन्या और पुर्तगाल की सरकारों ने संयुक्त राष्ट्र महासागर शिखर सम्मेलन की मेजबानी की। जिसमें समुद्र में बढ़ते प्रदूषण को कम करने पर जोर दिया गया। सम्मेलन में कहा गया कि संयुक्त राष्ट्र महासागर शिखर सम्मेलन इस साल यूरोपीय संघ और संयुक्त राष्ट्र के बीच सहयोग के माध्यम से शुरू किया जाएगा।
आपको बता दें, हर साल 300 मिलियन टन से ज्यादा प्लास्टिक का उत्पादन होता है। जिसमें हर साल 10 मिलियन टन प्लास्टिक कचरा समुद्र में बहा दिया जाता है। इसके अलावा, समुद्री जीव इन माइक्रोप्लास्टिक को अपने भोजन के रूप में खाते हैं। जिससे हर साल 10 करोड़ समुद्री जीवों की मौत हो रही है।