[gtranslate]
world

चीन की नीयत पर दुनिया को संदेह

चीन की नीयत पर दुनिया को संदेह

एक ऐसे समय में जबकि चीन की अर्थव्यवस्था संकट में है, उसने अपने रक्षा बजट में बढ़ोतरी की है, तो दुनिया का उसके इरादों पर संदेह करना स्वाभाविक है।

ऐसा माना जा रहा है कि उसने दुनिया को संदेश दिया है कि कोरोना के बावजूद उसकी ताकत कम नहीं हुई है। उसके हौसले बरकरार हैं और जरूरत पड़ने पर वह किसी भी देश का उसी की भाषा में जबाव देने में सक्षम भी है।

यही नहीं जिसने उसकी बात नहीं मानी उसकी खैर नहीं। चीन ने वर्ष 2020 के लिए रक्षा बजट में 6.6 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की घोषणा की है। पिछले साल चीन का रक्षा बजट 178 अरब डॉलर था, जबकि कोरोना महासंकट के बावजूद चीन इस वर्ष 180 अरब डॉलर रक्षा पर खर्च करेगा।

हालांकि चीन ने कहा है कि वह रक्षा बजट में बढ़ोत्तरी का ज्यादातर पैसा सैनिकों की स्थिति सुधारने में खर्च करेगा, लेकिन जानकार उसकी नीयत पर संदेह व्यक्त करते हैं।

दुनिया के रक्षा विशेषज्ञ मान रहे हैं कि चीन का वास्तविक रक्षा बजट बहुत ज्यादा है। वह बजट में कई चीजों को शामिल नहीं करता है। वह इस साल के रक्षा बजट का पैसा अपनी नौसेना के प्रसार में करेगा। इसके इलावा वह अत्याधुनिक एयरक्राफ्ट और घातक हथियार खरीदने में अपना बजट खर्च करेगा ताकि दक्षिण चीन सागर में उसकी पकड़ मजबूत हो सके और पश्चिम प्रशांत महासागर तथा हिंद महासागर में भी पहुंच बढ़ाई जा सके।

गौरतलब है कि कोरोना काल में चीन के अमेरिका सहित दुनिया के कई मुल्कों से रिश्ते तल्ख हुए हैं। अमेरिका और चीन की कड़वाहट इस बीच दुनिया ने देखी। भारतीय सैनिकों से चीनी सैनिक अक्सर सीमा पर अनावश्यक रूप से उलझते रहे हैं। ताइवान के खिलाफ चीन का रवैया साफ है कि यदि ताइवान खुद से चीन में शामिल नहीं हुआ तो वह सैन्य कार्रवाई कर देगा।

ताइवान को लेकर उसकी मंशा का अंदाजा संसद में चीनी प्रधानमंत्री ली केकियांग की इस बात से साफ हो जाती है कि हम करेंगे….दृढ़तापूर्वक विरोध करेंगे और ताइवान की स्वतंत्रता के लिए की गई किसी भी कार्रवाई का हम डटकर विरोध करेंगे।

-दादाराम चमोली

You may also like

MERA DDDD DDD DD