दुनिया ने 2022 में रक्षा और हथियारों पर 2.24 ट्रिलियन डॉलर यानी 183 लाख करोड़ रुपए खर्च किए हैं। यह दुनिया में सेना पर अब तक का सबसे ज्यादा खर्च है। दुनिया भर के देशों के रक्षा खर्च पर यह जानकारी स्वीडन के स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) की सालाना रिपोर्ट में दी गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, यह खर्च रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से बढ़ा है। रिपोर्ट में बताया गया है कि सिर्फ यूरोप महाद्वीप में ही युद्ध के कारण रक्षा खर्च में एक साल में 13 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। यह पिछले 30 सालों में सबसे ज्यादा है।
SIPRI के सीनियर रिसर्चर नान टियान ने कहा कि सेना पर इतनी तेजी से किया जाने वाला खर्च बताता है कि हम दुनिया में कितने असुरक्षित जीवन जी रहे हैं। युद्ध के कारण रूस के आसपास के देशों ने अपनी सुरक्षा पर तेजी से खर्च बढ़ाया है। फ़िनलैंड ने सैन्य व्यय में 36% की वृद्धि की है जबकि लिथुआनिया के व्यय में 27% की वृद्धि हुई है। यूक्रेन का खर्च जहां 6% बढ़ा, वहीं युद्ध के बीच में यहां 36 लाख करोड़ से ज्यादा खर्च किए गए हैं।
ताइवान और दक्षिण चीन सागर को लेकर अमेरिका के साथ बढ़ते विवाद के बीच चीन ने अपने रक्षा बजट में 4.2% की वृद्धि की है। इसके बाद रक्षा बजट पर खर्च करने वाला चीन दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है। चीन का बजट भारत से करीब 4 गुना ज्यादा हो गया है। भारत ने 2022 में अपने रक्षा पर 6 लाख करोड़ खर्च किए, जबकि चीन ने 23 लाख करोड़ खर्च किए।
किस देश ने कितना खर्च किया
- अमेरिका 71 लाख करोड़
- चीन 23 लाख करोड़
- रूस 7 लाख करोड़
- भारत 6 लाख करोड़
- जापान 3 लाख करोड़
रिपोर्ट में कहा गया है कि मध्य और पश्चिमी यूरोप ने शीत युद्ध के दौर की तुलना में 1989 में सेना पर अधिक खर्च किया। इन देशों ने रक्षा पर 28 लाख करोड़ रुपए खर्च किए हैं। दूसरी ओर, SIPRI के अनुसार, रिकॉर्ड मुद्रास्फीति के बावजूद अमेरिका ने अपने रक्षा बजट पर खर्च किया है। जो पूरी दुनिया के रक्षा बजट का 39% है। जबकि अमेरिका में महंगाई 1989 के बाद के उच्चतम स्तर पर है।
SIPRI के प्रोफेसर नान तियान ने बताया कि अगर महंगाई न बढ़ी होती तो अमेरिका अपने बचाव पर ज्यादा खर्च करता। तियान ने यह भी कहा कि अमेरिकी रक्षा बजट में बढ़ोतरी का कारण यूक्रेन में युद्ध भी है। अमेरिका ने 2022 में यूक्रेन को सैन्य सहायता देने के लिए एक लाख करोड़ रुपए खर्च किए हैं।
सऊदी अरब ने 2022 में सैन्य खर्च में 16% की बढ़ोतरी की है। जो 2018 के बाद सबसे ज्यादा है। पिछले साल सऊदी ने अपनी सुरक्षा में 6 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं। वहीं नाटो देशों के रक्षा खर्च में भी 0.9 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 2022 में नाटो देशों ने अपनी सुरक्षा पर 1232 अरब खर्च किए हैं।
रिकॉर्ड महंगाई के बीच यूक्रेन की मदद के लिए ब्रिटेन ने सैन्य खर्च भी बढ़ाया है। 2022 में वहां 562 करोड़ रुपए खर्च किए गए।