कोरोना महामारी से बेहाल देश भी अब धीरे-धीरे सभी देश पटरी पर लौटने लगे हैं। कोरोना संकट के दौरान दुनियाभर में शिक्षण संस्थान से लेकर निजी ऑफिस तक में वर्क फ्रॉम हो रहा था। इस बीच दफ्तरों का पूरा रूप ही बदल गया है। अमेरिका में अब हाइब्रिड दफ्तर का कल्चर प्रचलन में है। हाई ब्रिड मॉडल का मतलब कि कुछ लोग ऑफिस में रहकर और कुछ कर्मचारी घर से ही ऑफिस का काम करते हैं।
पर्यवेक्षकों कहते थे कि पहले दफ्तर ऐसी जगह ऐसी जगह होते थे, जहां लोग करीबी तालमेल के साथ काम करते थे। मसलन, वे सुबह मीटिंग रूम में इकट्ठे होते थे और दिन भर क्या करना है, इस बारे में चाय-कॉफी पीते हुए बात करते थे। लेकिन ये कार्य संस्कृति अब बदली हुई नजर आ रही है। कमर्शियल रियल एस्टेट और निवेश संबंधी सेवाएं देने वाली एजेंसी सीबीआरई ने दफ्तरों के बदलते रूप पर एक रिपोर्ट जारी की है।
यह भी पढ़ें : यूरोप ने दिए चौंकाने वाले आंकड़े, एक साल में ही प्रदूषण से 3 लाख लोगों की मौत
इस रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में लगभग 60 फीसदी कंपनियां महामारी के बाद अब अपने दफ्तरों को री-डिजाइन कर रही हैं। सीबीआरई ने कंपनी दफ्तरों के एक व्यापक सर्वे के बाद ये रिपोर्ट तैयार की है। इसके मुताबिक अब लगभग एक चौथाई कंपनियों ने अपने कार्यालयों में प्राइवेट स्थलों को पूरी तरह हटा दिया है। प्राइवेट स्थल से मतलब खास कर्मचारियों को मिलने वाले केबिन या खास जगह से है। जिन कंपनियों ने अपने दफ्तर में प्राइवेट स्थल रखे हैं, उनमें भी लगभग 80 फीसदी ने इनका आकार घटा दिया है। अब औसतन ऐसे दफ्तर स्थलों का आकार 149 वर्ग फीट या उससे कम है।
इस रिपोर्ट की प्रमुख लेख सुजेन वेसमंड ने वेबसाइट एक्सियोस.कॉम से कहा कि लोग अब अधिक से अधिक घर से काम करना पसंद कर रहे हैं। वे ऑफिस सिर्फ जरूरी होने या खास अवसरों पर ही आना चाहते हैं। सीबीआरई की रिपोर्ट में कहा गया है कि अब जो कर्मचारी ऑफिस आते हैं, वे वहां पूरा समय काम में लगाना चाहते हैं, ताकि काम जल्द निपटाया जा सके। हालांकि वेसमंड ने कहा- ‘ऐसा कभी नहीं होगा कि ऑफिस खत्म हो जाएं।’ लेकिन इस अध्ययन से संकेत मिला है कि ऐसे स्थलों का रूप बदल जाएगा। कहा गया है कि इन्वेस्टमेंट बैंक और लॉ फर्म के दफ्तरों में अभी भी पूरे कर्मचारी आ रहे हैं। अनुमान लगाया गया है कि ये गिने-चुने क्षेत्र होंगे, जहां दफ्तरों का चलन पहले जैसा लंबे समय तक चलता रहेगा। वहां अधिकारियों के केबिन भी अभी बने रहेंगे।