भारतीय मूल के ऋषि सुनक को ब्रिटिश मीडिया प्रधानमंत्री बनते हुए नहीं देखना चाहती है, इसलिए ब्रिटिश मीडिया में ऋषि सुनक के खिलाफ कैम्पेन शुरू हो गए हैं। कई रिपोटों में कहा जा रहा है कि सुनक के पास ब्रिटेन की महारानी क्वीन एलिजाबेथ से भी दोगुनी संपत्ति है, लिहाजा उनका प्रधानमंत्री बनना मुश्किल है
ब्रिटेन में प्रधानमंत्री बनने की जंग अब आखिरी मुकाम पर है लेकिन ऐसा लगता है कि ब्रिटिश मीडिया और ब्रिटेन के कुछ लोग भारतीय मूल के शख्स को ब्रिटिश प्रधानमंत्री बनते हुए नहीं देखना चाहते हैं, इसलिए ब्रिटिश मीडिया में ऋषि सुनक के खिलाफ कैम्पेन शुरू हो गई है और अब ऋषि सुनक की संपत्ति को उनके प्रधानमंत्री बनने की राह में सबसे बड़ा रोड़ा बताया जा रहा है। ब्रिटिश मीडिया में कई रिपोर्ट ऋषि सुनक की संपत्ति को लेकर की जा रही है और कहा जा रहा है, कि उनके पास ब्रिटेन की महारानी क्वीन एलिजाबेथ से भी दोगुना संपत्ति है, लिहाजा उनका प्रधानमंत्री बनना मुश्किल है।
ब्रिटिश अखबार ‘एक्सप्रेस’ में ऋषि सुनक की संपत्ति को लेकर एक ब्रिटिश प्रोफेसर मैट गुडविन ने कहा है कि उनके पास क्वीन एलिजाबेथ से ज्यादा संपत्ति है और इस वजह से ऋषि सुनक का ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। ब्रिटेन में प्रधानमंत्री के चुनाव के लिए अंतिम राउंड का मतदान बचा है और आखिरी राउंड में ऋषि सुनक और
विदेश मंत्री लिज ट्रस बची हुई हैं और अब कंजरवेटिव पार्टी के करीब डेढ़ लाख कार्यकर्ता अगला प्रधानमंत्री कौन होगा, इसके लिए वोटिंग करेंगे। ऐसा माना जा रहा है कि अब तक सभी राउंड में नंबर वन रहने वाले ऋषि सुनक आखिरी राउंड में पिछड़ सकते हैं और खुद उन्होंने भी अपने आपको ‘कमतर’ बताया है।
ब्रिटेन के पॉलिटिकल साइंस के प्रोफेसर मैट गुडविन ने कहा है कि ऋषि का प्रधानमंत्री बनना थोड़ा मुश्किल होने वाला है, क्योंकि उनके पास ब्रिटिश महारानी से दोगुना संपत्ति है। क्योंकि देशभर में कई ब्रिटिश इस वक्त बुनियादी सुविधाओं के लिए जूझ रहे हैं और उनकी संपत्ति वोटरों के बीच एक बड़ा मुद्दा बन सकता है, जो चुनाव को प्रभावित करने की क्षमता रखता है। जिससे कंजरवेटिव पार्टी के मतदाताओं के मन में एक सवाल उठ सकता है कि एक तरह प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार ऋषि सुनक अकूत संपत्ति के मालिक हैं, तो दूसरी तरफ एक आम ब्रिटिश बुनियादी सुविधाएं नहीं होने के वजह से परेशान है।
प्रोफेसर मैट गुडविन के मुताबिक इस वक्त देश की जनता बड़े संकट कॉस्ट ऑफ लिविंग से गुजर रही है। सर्दी आने तक स्थिति और भी ज्यादा बिगड़ने वाली है, लिहाजा ऋषि सुनक की संपत्ति एक बड़ा कारक बन सकता है।
प्रोफेसर मैट गुडविन ने आगे कहा कि ‘मुझे लगता है कि वह सिर्फ अपनी प्रधानमंत्री पद की दावेदारी के लिए ही नहीं, बल्कि अपनी पार्टी के लिए भी एक बड़ी समस्या हैं। और अगले लोकसभा चुनाव में अगर ऋषि सुनक बनाम कीयर स्टार्मर हुआ, तो फिर कौन जीतेगा।’
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद के फाइनल के लिए ऋषि सुनक और लिज ट्रस के रूप में दो उम्मीदवार तय हो चुके हैं। अब दोनों उम्मीदवार पूरे देश में कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों के बीच अपने लिए प्रचार कर रहे हैं। जिसके बाद टोरी पार्टी के 1 लाख 60 हजार सदस्य अपने नेता के लिए डाक के जरिए वोट डालेंगे। इन डाक मतपत्रों की गिनती कर 5 सितंबर को विजेता की घोषणा की जाएगी। अब तक हर राउंड में सबसे अधिक मत हासिल करने वाले ऋषि सुनक की राह प्रधानमंत्री बनने के लिए आसान नहीं होने वाली है। ऐसा दावा किया जा रहा है कि सुनक को अब कंजरवेटिव पार्टी के सदस्यों के बीच बेहद कठिन वोटिंग का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा हालिया दिनों में कुछ सर्वे हुए जिनके परिणामों के अनुसार ऋषि सुनक लिज ट्रस से पिछड़ रहे हैं। सर्वे में ऋषि सुनक के पिछड़ने का सबसे बड़ा कारण उनका विदेशी मूल का होना बताया जा रहा है। दरअसल, यूगोव द्वारा कंजरवेटिव पार्टी के 730 सदस्यों पर एक सर्वे किया गया था। जिसमें 62 फीसदी लोगों ने लिज ट्रस को समर्थन किया जबकि 38 फीसदी लोगों ने ऋषि सुनक को समर्थन दिया है।
ऋषि सुनक की संपत्ति
पिछले दिनों ‘संडे टाइम्स’ की रिपोर्ट में कहा गया था कि ऋषि सुनक और उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति के पास करीब 730 मिलियन यूरो यानी 58 अरब 28 करोड़ की संपत्ति है और इतनी संपत्ति उन्हें ब्रिटेन के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में डालती है। इसके अलावा भारतीय ऋषि सुनक के पास 15 मिलियन यूरो के चार आलीशन बंगले हैं, जिनमें से दो बंगले लंदन में हैं तो एक यार्कशायर में और एक अमेरिका के लॉस एंजिल्स में है। अब यही संपत्ति ऋषि सुनक के प्रधानमंत्री बनने के रास्ते में मुसीबत बनकर खड़ी हो गई है। वहीं उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति के टैक्स से जुड़ा विवाद भी उनके लिए समस्याएं पैदा कर रहा है। इस आरोप में कहा गया है कि वित्त मंत्री रहने के दौरान उन्होंने कुछ ऐसे टैक्स संबंधित कानून बनाए, जिससे उनकी पत्नी को करोड़ों का फायदा हुआ।
ऋषि सुनक और अक्षता मूर्ति की शादी साल 2009 में हुई थी और अक्षता मूर्ति के पिता का नाम नारायण मूर्ति है जो भारत की टॉप सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस के को-फाउंडर हैं और अक्षता मूर्ति से शादी के बाद ऋषि सुनक की संपत्ति में और भी ज्यादा इजाफा हुआ। नारायण मूर्ति भारत के छठे सबसे अमीर व्यक्ति हैं और अक्षता मूर्ति का इंफोसिस में बड़ा हिस्सा है। अक्षता मूर्ति पर आरोप है कि उन्होंने अपनी भारतीय कंपनी में 690 मिलियन डॉलर की संपत्ति से जो मुनाफा हुआ है, उसका टैक्स
उन्होंने ब्रिटेन में नहीं भरा है। हालांकि, अक्षता मूर्ति का कहना है कि वह ब्रिटिश नागरिक नहीं हैं और उनके पास भारतीय नागरिकता है और ऐसे में ब्रिटिश कानून के हिसाब से उन्हें टैक्स भरना नहीं है। अक्षता का कहना था कि वह ब्रिटेन में रहकर कारोबार भी नहीं कर रही हैं। हालांकि जब विवाद काफी बढ़ गया तो अक्षता मूर्ति टैक्स भरने के लिए भी तैयार हो गई थी।
कंजरवेटिव पार्टी में नेता चुनने की प्रक्रिया क्या है?
ब्रिटेन में फिलहाल पीएम पद के लिए नहीं, बल्कि पार्टी नेता के लिए चुनाव हो रहे हैं। इस चुनाव के जरिए यह तय किया जाएगा कि कंजरवेटिव पार्टी का अगला नेता कौन होगा जिसमें कई दौर की वोटिंग होती है। चुनाव के माध्यम से यह तय होता है कि पार्टी के किस उम्मीदवार को अधिकतम सांसदों का समर्थन प्राप्त है। उसे कंजरवेटिव पार्टी का नेता चुना जाएगा और वही प्रधानमंत्री की सीट पर बैठेगा।
ऋषि सुनक का जन्म
ऋषि सनक के माता-पिता भारतीय मूल के हैं। हालांकि उनके पिता यशवीर का जन्म केन्या में हुआ था, जबकि उनकी मां ऊषा का जन्म तंजानिया में हुआ था। ऋषि के दादा-दादी का जन्म ब्रिटिश पंजाब में हुआ था। 1960 में वे अपने बेटे के साथ ब्रिटेन में बस गए। ऋषि सनक का जन्म 12 मई 1980 को साउथेम्प्टन, इंग्लैंड में हुआ था। तीन भाई-बहनों में ऋषि सबसे बड़े हैं।
ऋषि सुनक की शिक्षा
भारतीय मूल के ऋषि का जन्म ब्रिटेन के साउथेम्प्टन में हुआ था। उन्होंने ब्रिटेन के विनचेस्टर कॉलेज से राजनीति विज्ञान की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया। वहां उन्होंने दर्शनशास्त्र और अर्थशास्त्र में स्नातक किया। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए की पढ़ाई भी की। वह अपने शैक्षणिक दिनों के दौरान एक उज्ज्वल छात्र थे। ऋषि सुनक ने ग्रेजुएशन के बाद गोल्डमैन सेक्स में काम किया और बाद में हेज फंड फर्मों में पार्टनर बन गए। राजनीति में प्रवेश करने से पहले ऋषि ने एक बहु-अरब पाउंड की वैश्विक निवेश फर्म की स्थापना की। यह कंपनी यूके में छोटे व्यवसायों को वित्त प्रदान करती है।
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में एमबीए करने के दौरान ही ऋषि सनक की मुलाकात इंफोसिस के सह-संस्थापक और भारतीय उद्योगपति नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से हुई। बाद में अक्षता मूर्ति और ऋषि सुनक ने शादी कर ली। अक्षता मूर्ति ऋषि सुनक की कृष्णा और अनुष्का नाम की दो बेटियां हैं।
सुनक का राजनीतिक सफर
ऋषि सनक पहली बार 2015 में यार्कशायर के रिचमंड निर्वाचन क्षेत्र से संसद के लिए चुने गए थे। उस समय ब्रेक्सिट के लिए उनके समर्थन ने पार्टी में उनका महत्व बढ़ा दिया। ऋषि ने तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मंत्रिमंडल में एक कनिष्ठ मंत्री के रूप में कार्य किया। उन्हें पार्टी के उभरते नेतृत्व के रूप में देखा जाता है। पार्टी के कई बड़े नेता बार-बार उनकी तारीफ करते नजर आए हैं।