[gtranslate]
world

एशिया के लिए सबसे गंभीर खतरा, जलमग्न हो जाएंगे ये 7 शहर

एशिया

आपको अपने चारो ओर के पर्यावरण में निरन्तर बदलाव देखने को मिल रहा है। कहीं भयंकर गर्मी तो कही बिन मौसम बारिश और तो और कहीं तो बाढ़ के हालात भी देखने को मिल रहे हैं। बीते कुछ वर्षों से मौसम और पर्यावरण में निरन्तर आए बदलाव का नाता किसी बड़े संकट से तो नही। जी हां आपने एकदम सही सोचा !

हाल ही में ग्रीनपीस की ओर से एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसके अनुसार समुद्र का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिसकी वजह से एशियाई तटीय शहरों की अर्थव्यवस्था और जनजीवन के लिए खतरा दिन-दिन गंभीर होता जा रहा है।

एशिया

2030 तक खतरे की घंटी

रिपोर्ट के अनुसार 2030 तक 7 एशियाई शहरों पर जलमग्न होने का खतरा बन रहा है। जिन शहरों की इस रिपोर्ट में बात की गई है उनमें बैंकॉक, हांगकांग, टोक्यो, सियोल, जकार्ता , ताइपे और मनीला शामिल है। रिपोर्ट के अनुसार इन 7 शहरों की 15 मिलियन आबादी पर भारी बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार मौसम में घटित होने वाली घटनाओं में अत्यधिक गर्मी, हीटवेभ, अत्यधिक बारिश, चक्रवात जैसी घटनाएं सम्मिलित है। साथ ही रिपोर्ट के अनुसार इन शहरों पर आने वाले सालों में उष्णकटिबंधी चक्रवात, तूफान की लहरें, उच्च ज्वार, समुद्र के जलस्तर में बढ़ोतरी जैसी घटनाएं बढ़ सकती है। हीटवेव, वॉर्मिंग के चलते समुद्र के जलस्तर में बढ़ोतरी होने के कारण इन शहरों में बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा है।

एशिया

रिपोर्ट में दी गई ये चेतावनी

ग्रीनपीस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि एशिया के तटीय शहरों में जलस्तर बढ़ने, तेज तूफान, चक्रवात के कारण जनजीवन की सुरक्षा और आजीविका के प्रभावित होने का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। रिपोर्ट में सरकारों को शीघ्र ही बाढ़ नियंत्रण और प्रारंभिक चेतावनियों को लागू करने की सलाह दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार जनसंख्या, भूमि , और जीडीपी किसी भी देश के आर्थिक विकास के लिए बेहद आवश्यक है।

समुद्र के जलस्तर के बढ़ने से ये होगा प्रभावित

एशिया

रिपोर्ट के अनुसार इसका असर करीब 600 मिलियन लोगों पर होगा, जिनमें से अधिकांश लोग एशिया के निचले इलाकों, तटीय क्षेत्रों, बाढ़ के उच्च जोखिम एरिया वाले इलाकों में रहते हैं।

किस शहर का कितना हिस्सा होगा जलमग्न

रिपोर्ट के अनुसार यदि 2030 तक बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है तो बैंकॉक का 17 फीसदी हिस्सा पूरी तरह से जलमग्न हो जाएगा। वहीं जकार्ता का भी 17 फीसदी हिस्सा जल के नीचे चला जाएगा। तो वहीं टोक्यो की जीडीपी को 68 अरब डॉलर का नुकसान होगा , जबकि ताइपे के कुल GDP का 24 प्रतिशत हिस्सा इससे प्रभावित होगा। वहीं मनीला का 87 फीसदी हिस्सा पूरी तरह जलमग्न हो जाएगा।

जानिए क्यों इस देश के 36 राज्यों ने Google के खिलाफ दायर किया मुकदमा ?

You may also like

MERA DDDD DDD DD