बिटक्वाइन सहित अन्य क्रिप्टो करेंसी का तिलिस्म दुनिया भर में तेजी से फैल रहा है। पर इसके तिलिस्म से अभी भी अधिकांश आबादी अनभिज्ञ है। दक्षिण अमेरिकी देश अल सल्वाडोर के राष्ट्रपति नईब बुकेले के सिर इसका जादू ऐसा चढ़ा कि उन्होंने अपने देश में एक बिटक्वाइन शहर बसाने की घोषणा कर दी। अल सल्वाडोर इसे मुद्रा के रूप में मान्यता देने वाला दुनिया का पहला देश भी बन गया है। वर्तमान में यहां की मुद्रा अमेरिकी डॉलर है। नईब बुकेले की घोषणा के बाद से सर्च इंजन गूगल पर ‘अल सल्वाडोर’ और ‘बिटक्वाइन सिटी’ को खूब सर्च किया जा रहा है। रोजाना लाखों लोग इस पर ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटा रहे हैं। बिटक्वाइन सिटी में कई खासियत होगी। मसलन, इस शहर में किसी को इनकम टैक्स नहीं भरना होगा। शहर को एक ज्वालामुखी से ऊर्जा मिलेगी। क्रिप्टो करेंसी बॉन्ड यहां का ‘सोर्स ऑफ इन्कम’ होगा। इस ‘बिटक्वाइन शहर’ में आवासीय और व्यावसायिक इलाके, सेवाएं, म्यूजियम, एयरपोर्ट, बंदरगाह, रेल और मनोरंजन जैसी हर सुविधाएं होंगी। राष्ट्रपति का दावा है कि इस बिटक्वाइन शहर और बिटक्वाइन माइनिंग को कोचागुआ ज्वालामुखी से ऊर्जा मिलेगी।
क्या है बिटक्वाइन माइनिंग
बिटक्वाइन माइनिंग उस प्रक्रिया को कहा जाता है, जिसमें कंप्यूटर की मदद से नए बिटक्वाइन का निर्माण किया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर ऊर्जा की जरूरत होती है। अल सल्वाडोर में कुछ ऊर्जा जियोथर्मल प्लांट से आती है। यह टेकापा ज्वालामुखी की मदद से ऊर्जा पैदा करता है। अल सल्वाडोर के राष्ट्रपति ने गत् सप्ताह एक सार्वजनिक सभा को सम्बोधित करते हुए यह दावा भी किया है कि ज्वालामुखी की ऊर्जा का इस्तेमाल कर बसाये जा रहे बिटक्वाइन शहर में प्रदूषण नहीं रहेगी, क्योंकि नए तकनीक से पैदा होने वाली इस ऊर्जा से कार्बन डाइऑक्साइड हवा में नहीं जाएगी जिसके चलते वातावरण शुद्ध बना रहेगा। यह पूरी तरह से पर्यावरणीय मानकों में खरा शहर होगा। इस प्रोजेक्ट को फंड करने के लिए अल सल्वाडोर 1 अरब डॉलर का बिटक्वाइन बॉन्ड साल 2022 में जारी करेगा।
राष्ट्रपति के इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को देख रहे सैमसन माउ का कहना है कि इस बिटक्वाइन ब्रांड से मिली धनराशि का आधा पैसा आधारभूत ढांचे के विकास पर खर्च किया जाएगा। उन्होंने बताया, ‘एल सल्वाडोर दुनिया का वित्तीय केंद्र होने जा रहा है। इस बिटक्वाइन शहर में रहने वाले लोगों को केवल वैट देना होगा। यानी यहां कभी भी कोई इनकम टैक्स नहीं लगेगा। यहां कैपिटल गेन टैक्स, प्रॉपर्टी टैक्स, पेरोल टैक्स जीरो होगा। हालांकि इसका निर्माण कब शुरू होगा और कब यह बन कर तैयार होगा यह अभी तय नहीं हुआ है। लेकिन इस प्रोजेक्ट पर जल्दी ही कार्य शुरू होने का अनुमान लगाया गया है। इसे आने वाले साल के अंत तक पूरा किए जाने की संभावना भी जताई जा रही है।
क्या है बिटक्वाइन माइनिंग
क्रिप्टोकरेंसी बिल के बारे में निवेशकों के बीच सभी संदेह को दूर करते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार भारत में क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिए एक नए बिल पर काम कर रही है। नई क्रिप्टो प्रणाली को लेकर राज्यसभा में उठे सवालों का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा कि हम एक नए बिल पर काम करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि क्रिप्टो ‘एक जोखिम भरा क्षेत्र है और पूर्ण नियामक ढांचे में नहीं है।’ जिसके कारण वित्त मंत्री ने टीवी और अखबारों में आने वाले क्रिप्टो के विज्ञापनों पर कहा ‘क्रिप्टोकरेंसी के बारे में विज्ञापनों पर अंकुश लगाने के लिए अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। लेकिन निवेशकों को आगाह किया गया है। जब बिल आएगा तो और भी चीजें सामने आएंगी।’
सरकार का इरादा संसद के चल रहे शीतकालीन सत्र में ही डिजिटल मुद्रा बिल, 2021 को पेश करने का है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि आरबीआई ने अक्टूबर में एक प्रस्ताव पेश किया था जिसमें ‘बैंक नोट’ के दायरे को बढ़ाने के लिए, भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम में संशोधन करने की मांग की गई थी। मंत्री ने कहा कि एक नई डिजिटल मुद्रा अधिक मजबूत, कुशल, विश्वसनीय, विनियमित और कानूनी निविदा-आधारित भुगतान विकल्प को जन्म देगी। जिस पर निर्मला ने जवाब दिए कि ‘इससे जुड़े कई जोखिमों के होने के कारण इस पर सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करना भी जरूरी है। उसके बाद ही किसी निर्णय पर पहुंचा जा सकता है।’