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इस एक कानून को लेकर आस्ट्रेलिया की सरकार और फेसबुक के बीच गतिरोध

ऑस्ट्रेलिया सरकार और फेसबुक के बीच एक कानून को लेकर गतिरोध पैदा हो गया है। न्यूज दिखाने के लिए पैसा देने के कानून से फेसबुक ने सभी न्यूज वेबसाइट की खबरें पोस्ट करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। फेसबुक ने खुद का पेज भी ऑस्ट्रेलिया में बंद कर दिया है। फेसबुक द्दारा न्यूज पर प्रतिबंध लगाए जाने के कारण लोगों को सूचना प्राप्त करने में काफी दिक्कत आ रही है। आस्ट्रेलिया के लोग जब सुबह अपनी नींद से आंखे खोली तो उन्होंने अपने फेसबुक पर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय न्यूज को बंद पाया। इतना ही नहीं फेसबुक ने सरकार के हेल्थ और आपातकालीन फेसबुक पेज को भी बंद कर दिया था। पंरतु कुछ समय बाद इन्हें खोल दिया गया।

फेसबुक ने अपने बयान में कहा कि वह सीनेट में पास किए गए कानून के विरोध में यह रोक लगा रहा है। आस्ट्रेलिया के इस नए कानून के तहत कहा गया है कि फेसबुक और गूगल न्यूज प्रकाशक कंपनियों को पैसे का भुगतान करेंगी। पहले फेसबुक के निशाने पर केवल न्यूज प्रकाशक कंपनियां थी, लेकिन बाद में इसकी चपेट में सरकारी एजेंसिया के दर्जनों पेज आ गए। ये पेज फेसबुक ने ब्लॉक कर दिए, ऑस्ट्रेलिया के मौसम विभाग ने गुरूवार 18 फरवरी को कहा कि फेसबुक ने उनके पेज को भी ब्लॉक कर दिया है।

ऑस्ट्रेलिया सरकार ने मंगलवार 16 फरवरी को कहा था कि मसौदा कानूनों में यह स्पष्ट करने के लिए संशोधन किया जाएगा कि गूगल और फेसबुक समाचारों के लिए प्रकाशकों को समाचार के लिंक पर पर प्रति क्लिक के बजाय एकमुश्त राशि का भुगतान करेंगे। ऑस्ट्रेलिया के मंत्रियों ने पिछले सप्ताह ही फेसबुक के सीएओ मार्क जुकरबर्ग और गूगल के सीएओ सुंदर पिचाई से इस बाबत चर्चा की थी। ऑस्ट्रेलिया सरकार का मौजूदा संसद सत्र 25 फरवरी को संपन्न होने से पहले ‘न्यूज मीडिया बारगेनिंग कोड’ को लागू करने की उम्मीद कर रही है। फेसबुक और गूगल की किसी भी देश में ऑनलाइन विज्ञापन में 81 प्रतिशत हिस्सेदारी रहती है। इसलिए फेसबुक इस कानून की निंदा कर रहा है। अगर यह कानून फेसबुक पर लागू हो जाता है तो फेसबुक को अन्य देशों में भी इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि अभी तक कई देशों में फेसबुक पर शेयर किए गए कान्टेंट को लेकर समस्या होती रही है, कई बार फेसबुक पर भड़काऊ कान्टेंट शेयर करने या पब्लिश करने पर फेसबुक उस पेज को ब्लॉक कर देता है। भारत के संदर्भ की बात करें तो फेसबुक ने हालिया में कई ऐसे फेसबुक पेज बंद किए है जिन पर भड़काऊ कान्टेंट परोसा जाता है।

भारत के भी कई मीडिया हाउस फेसबुक के जरिये अपनी बात दूर ग्राम तक पहुंचाते है और लाखों की संख्या में लोग इस कान्टेंट को पढ़ते और शेयर करते है। पंरतु अभी तक भारत सरकार या किसी भी मीडिया हाउस की तरफ ऑलाइन ऐड के रेवन्यू को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है। गूगल ने भी ऑस्ट्रेलिया सरकार को चेताया है कि अगर वह विधेयक संसद में पेश किया गया तो ऑस्ट्रेलिया में गूगल अपना सर्च इंजन बंद कर देगा। फेसबुक ने भी धमकी दी थी कि यदि उसे समाचार के लिए भुगतान करने को मजबूर किया गया तो आस्ट्रेलियाई प्रकाशकों को समाचार साझा करने से रोक दिया जाएगा।

फ़ेसबुक ने कहा है कि उसने रेफरल के ज़रिए ऑस्ट्रेलियाई प्रकाशकों को पिछले से 31.6 करोड़ डॉलर कमाने में मदद की थी जबकि उसे न्यूज़ के ज़रिए बहुत कम कमाई हुई है। अगर ऑस्टेलिया में यह कानून पास हो जाता है तो फेसबुक न्यूज प्रकाशन कंपनियों को भुगतान करने के लिए बाध्य होगी और टेक कंपनियों के लिए इसका महत्व वैश्विक होगा।

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