रुस ,पाकिस्तान ,अफगानिस्तान समेत दुनिया के ऐसे कई देश हैं जिन्हे किसी न किसी परशानियों का सामना करना पड़ रहा है फिर चाहे वो परेशानी युद्ध ,आंतरिक ग्रह युद्ध हो या आर्थिक ,राजनीतिक संकट । जिसका सामना ज्यादातर देश मौजूदा समय में कर रहे हैं। इसी तर्ज पर दुनिया भर के देशों के भविष्य को लेकर अंतराष्ट्रीय स्तर पर सर्वे किया गया है। यह सर्वे लोगों की राय के आधार पर किया गया है। अटलांटिक काउंसिल सर्वे के अनुसार अगले दस सालों में पाकिस्तान का अस्तित्व खत्म होने का अंदेशा लगाया जा रहा है। पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम होता जा रहा है। हालात यह हैं की उसे अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष से गुहार लगानी पड़ रही है। हालांकि अबतक आईएमएफ की तरफ से कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है। आईएमएफ द्वारा बताये गए शर्तों का अनुसरण करते हुए सरकार द्वारा देश के खर्चों पर नियंत्रण किया जा रहा है। पाकिस्तान के हालात ऐसे हैं कि वो अपने आवाम को दो जून की रोटी तक नहीं दे पा रहा। आटा से लेकर रसोई गैस समेत पेट्रोल डीजल के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। कई इलाकों में बिजली संकट देखे जा रहे हैं। विदेशी मुद्रा भंडार खत्म होने से इसका अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। अटलांटिक काउंसलिंग सर्वे के अनुसार तकरीबन आठ फीसदी लोगों का कहना है की वर्ष 2033 में पाकिस्तान का अस्तित्व खत्म हो सकता है।
पाकिस्तान के अलावा अफगानिस्तान में भी कुछ इसी प्रकार का खतरा मंडरा रहा है। सर्वे में लोगों से पूंछा गया था कि किस देश की सबसे अधिक संभवना है अगले दस सालों तक एक असफल राज्य बनने की। जिसमे करीब 10 फीसदी लोगों ने अफगानिस्तान की ओर इशारा किया था। अफगानिस्तान में तालिबान सत्ता होने के बाद से ही अफगानिस्तान नागरिकों के लगभग सभी अधिकार छीन लिए गए हैं। महिलाओं के लिए शिक्षा से लेकर खेल तक सभी आयामों को प्रतिबंधित कर दिया गया है। वहीं तालिबान सत्ता काबिज होने के बाद से ही देश आर्थिक तंगी का सामना कर रहा है। अफगानिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार भी कम होता जा रहा है। अंतराष्ट्रीय स्तर तालिबान को अभी अफगानिस्तान के शाषक के रुप में मान्यता नहीं दी गई है। जिससे ये देश अन्य देशों से आर्थिक सहायता भी नहीं ले पा रहा है। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के अलावा सात फीसदी लोगों का मानना है कि अमेरिका में भी कुछ इसी प्रकार की हलचल देखी जा सकती है।
सर्वे में 40 फीसदी लोगों द्वारा कहा गया है कि 2033 तक रुस क्रांति, गृह युद्ध, या राजनीतिक विघटन सहित अन्य कारणों से आंतरिक रूप से टूट सकता है। रूस यूक्रेन के खिलाफ युद्ध ग्रह पर सबसे बड़े परमाणु हथियारों के साथ उथल- पुथल मचा सकता है। इसके अतिरिक्त लगभग 21 फीसदी ने कहा कि रूस के अगले दस वर्षों के भीतर एक असफल राज्य बनने की संभावना है, जो कि अफगानिस्तान से दोगुने प्रतिशत से अधिक है।
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