[gtranslate]
world

ईरान में फंसे छात्रों की हालत बुरी, फरवरी में जियारत के लिए गया था 14 दोस्तों का दस्ता

कोरोना मरीजों का आंकड़ा 5 लाख के पार, अब तक 15,689 लोगों की गई जान

ईरान के क्योम सिटी में दिल्ली के 22 वर्षीय आरिफ (बदला हुआ नाम) समेत चार लड़के कोरोना के खौफनाक पल में जी रहे हैं। ये 20 फरवरी को 14 दोस्तों का दस्ता जियारत के लिए दिल्ली से ईरान गया था। इनकी तरह से देशभर से 2500 लोग पहुंचे थे। इनमें से 1 हजार से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है।

आरिफ बताते हैं कि हमें यहां के हालात हर दिन डरा रहे हैं, हम फंसे हुए हैं, मदद न पहुंची तो हम मर जाएंगे। वे बताते हैं कि 22 फरवरी को कोरोना फैलने की वजह से क्योम में हड़कंप मच गया। हम यहां से ईरान के दूसरे शहर चले गए।

इस बीच पता चला कि भारतीय एंबेसी टेस्ट करवा कर तीर्थ यात्रियों को भारत भेज रही है। हम क्योम वापस पहुंचे। पर यहां टेस्ट की व्यवस्था नहीं होने पर तेहरान एम्बेसी चले गए। यहां टेस्ट कराया। दस लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई और चार लोगों की पॉजिटिव।

ईरान में जियारत के लिए गए लोगों ने बताया कि उनके समूह के चार लोग वहां एक कमरे में बंद हैं। अब तक ईरान से 1000 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है। लेकिन कई छात्र अब भी फंसे हुए हैं।

गैर-मुल्क की जमीन, न कैश, न खाने को, न कोई परिचित और वहां आपका टेस्ट कर आपको पता लगे कि आप कोरोना पॉजिटिव हैं। इलाज के नाम पर आपको सिर्फ यह बोला जाए कि एहतियात रखें। यहां कोई मेडिकल सुविधा नहीं है।

कुछ यही हाल यहां पढ़ने के लिए आए भारतीय छात्रों का है। अल-मुस्तफा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी से इस्लामिक स्टडीज की पढ़ाई करने वाले एक छात्र बताते हैं कि हम सभी भारत लौटना चाहते हैं। इसके लिए एंबेसी से लगातार मदद की गुहार लगा रहे हैं।

चीन के शहर वुहान से कोरोना वायरस निकला और तीन महीने में ही 199 मुल्कों से होते हुए दुनियाभर में फैलता चला गया। इस शहर की आबादी महज एक करोड़ 10 लाख के करीब है। यहां से निकला वायरस आज दुनिया की 700 करोड़ से ज्यादा आबादी को असर डाल रहा है।

27 दिसंबर को इसी वुहान में कोरोना से संक्रमित पहला मरीज मिला था। 10 जनवरी को दुनिया को इस वायरस के बारे में पता चला। फरवरी तक कोरोना के सबसे ज्यादा मरीज चीन में ही थे। पर मार्च आते-आते पूरी दुनिया इसके गिरफ्त में है।

You may also like

MERA DDDD DDD DD