इजरायल के पड़ोसी देश फिलिस्तीन में इन दिनों ‘स्पर्म स्मगलिंग’ का चलन तेजी से बढ़ा है। इसकी वजह ये कि इजरालय की जेलों में बंद आतंकवादी चोरी छिपे स्पर्म अपनी पत्नियों तक पहुंचा रहे हैं ताकि वो उनके वारिस को जन्म दे सकें। किस रास्ते से ये स्मगलिंग की जाती है, इसे लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं , लेकिन ये साफ हो चुका है कि आतंकी स्पर्म की स्मगलिंग कर अपनी पत्नियों को गर्भवती कर रहे हैं। जानकारों का मानना है कि अगर इस पर रोक नहीं लगी तो इजरायल के लिए बड़ा खतरा पैदा हो सकता है।
इजरायल में आतंकवाद के आरोप में बंद कैदियों को वैवाहिक मुलाकात की इजाजत नहीं है। इसलिए आतंकवादी इस तरह की स्मगलिंग का सहारा लेते हैं। फिलिस्तीन के अस्पतालों में ऐसे प्रसव कराए जाते हैं, जो स्पर्म स्मलिंग की परिणति होते हैं। हांलाकि जेल में सिक्योरिटी लीक लगभग नामुमकिन है, लेकिन कभी – कभार कोशिश कामयाब हो जाती है।
आतंकी कैसे भी कर के छोटी-छोटी डिब्बियों में अपना स्पर्म स्मगलिंग के जरिए पत्नियों के पास पहुंचा रहे हैं। इसके लिए विज्ञान की मदद भी ली जाती है। कई बार तो टॉफी या कैंडी रैपर के जरिए भी स्पर्म को पार्टनर तक पहुंचाया जाता है। रजान सेंटर जैसे कुछ केंद्र भी ऐसा प्रसव कराने में अपनी भूमिका निभा रहे हैं।
आंकड़ों की पुष्टि नहीं
माना जाता है कि वर्ष 2012 में साना ही पहली महिला थी, जो स्पर्म स्मगलिंग की वजह से प्रेगनेंट हुई। जानकारी के मुताबिक वर्ष 2018 तक 56 से अधिक फिलिस्तीनी आतंकियों की पत्नियां स्पर्म स्मगलिंग के जरिए मां बन चुकी थी। रजान सेंटर जैसे कुछ केंद्र भी ऐसा प्रसव कराने में अपनी भूमिका निभा रहे हैं।
इस तरह हुई शुरुआत
वर्ष 1980 के दशक में पॉपुलर फ्रंट ऑफ द लिबरेशन ऑफ फिलिस्तीन ने एक इजरायली सैनिक का किडनैप करके हत्या कर दी थी। नाराज इजरायल ने टीरा से एक इजरायली अरबी नागरिक वालिद डक्का को हिरासत में लिया। टेररिज्म के केस में उसे उम्रकैद हुई थी। जेल में उसने एक महिला पत्रकार साना से शादी कर ली। साना तब फिलिस्तीनी कैदियों की हालत पर रिपोर्टिंग करती थीं, इस वजह से उसे इजरायल की जेलों में बंद फिलिस्तीनी कैदियों से मिलने की इजाजत थी। ये जोड़ा एक बच्चे को जन्म देना चाहता था, लेकिन वैवाहिक मुलाकात की मंजूरी न होने की वजह से ऐसा नहीं हो सका। उसके बाद स्पर्म स्मगलिंग का तरीका निकाला गया।