क्रिसमस की शाम को नाईजीरिया के पेमी ईलाके में बोको हराम के आंतकियों ने हमला किया। मिली जानकारी के अनुसार हमले में सात लोगों की मौत हो गई है। पेमी ईसाई बहुसंख्यक ईलाका है इसलिए बोको हराम ने क्रिसमस की शाम को इस ईलाके में हमला किया। चिबॉक स्थानीय सरकारी क्षेत्र के सचिव काचल्लाह उस्मान ने बताया कि बोको हराम ने पेमी गांव पर हमला किया जिसमें सात लोगों की हत्या कर दी और एक पादरी सहित अन्य सात लोगों का अपहरण कर लिया। इसके अलावा आंतककियों ने एक चर्च, डिस्पैंसरी और कई घरो को भी जला दिया।
पेमी चिबोक से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जहां बोको हराम के आंतककियों ने छह साल पहले 200 से अधिक स्कूली छात्राओं का अपहरण कर लिया था। उन छात्राओं को कई वर्षेां तक बंधक बनाकर रखा। हालांकि कुछ छात्राओं को बातचीत के दौरान रिहा करवा दिया था। लेकिन कुछ छात्राएं को कभी नहीं लौटाया गया। 2018 में आईएसडब्ल्यूएपी के नाम से मशहूर बोको हराम से टूटे गुट ने दाची में 100 से ज्यादा लड़कियों का अपहरण कर लिया। पंरतु उन सभी को बातचीत के बाद छोड़ दिया गया था।
अबुजा में चिबोक समुदाय के पूर्व सचिव ऑडू चिवार ने मीडिया को बताया कि “उन्हें एक स्थानीय निवासी का फोन आया कि बंदूकधारियों ने गांव में गोलीबारी की है। घटनास्थल पर मौजूद व्यक्ति ने चिवार को बताया कि क्षेत्र के कई घर जलकर खाक हो गए थे। प्रत्यक्षदर्शी बोमो इशाकू के अनुसार, एक अंतरराष्ट्रीय ईसाई युवा संगठन क्रिसमस मनाने के लिए पेमी गांव में परेड आयोजित कर रहा था, जब हमला हुआ।
अबुजा में चिबॉक समुदाय के अध्यक्ष नकेकी मुत्ताह ने मीडिया को कहा है कि उनका मानना है कि पेमी गांव को विशेष रूप से निशाना बनाया गया क्योंकि यह एक ईसाई बहुल समुदाय है।
बोको हराम एक सुन्नी जिहादी गुट है। यह साल 2002 में उत्तरी नाईजीरिया में सबसे पहले ऊभरा। उत्तरी नाईजीरिया मुस्लिम बहुल इलाका है। अफ्रीका के सबसे धनी देशों में से गिने जाने वाले नाइजीरिया का ये सबसे ग़रीब इलाक़ा है। ज्यादातर लोग इस बात की और संकेत करते है कि बोको हराम के उभार को नाइजीरिया के भीतर दक्षिणी और उत्तरी इलाक़े के बीच की ग़ैरबराबरी से भी जोड़कर देखते हैं। बताया जाता है कि मुस्लिम मौलवी मोहम्मद यूसुफ़ ने नाइजीरिया में शरिया क़ानून को मानने वाली सरकार के गठन के इरादे से ये संगठन बनाया था।