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अल जवाहिरी की मौत से अमेरिका पर मंडराया आतंकी खतरा

कुछ दिन पहले अमेरिका द्वारा अलकायदा प्रमुख अयमान अल-जवाहिरी को मार गिराने के बाद अंदेशा लगाया जा रहा है कि अलकायदा या उसके समर्थक आतंकवादी नेटवर्क अमेरिका और उसके नागरिकों को निशाना बना सकते हैं । अल जवाहिरी के मारे जाने के बाद अमेरिकी विदेश अंदेशा जताया है कि आतंकवादी संगठन अमेरिका में आत्मघाती हिंसक घनाएं करवा सकते हैं। इन आत्मघाती हमले को कराने के लिए अपहरण ,विमान, दुर्घटना ,विस्फोट जैसे हिंसक हथकंडे अपनाये जाने का अनुमान लगाया जा रहा है। अमेरिका को मिली जानकारी के मुताबिक अमेरिकी हितधारकों पर आतंकवादी खतरा मंडरा रहा है।

गौरतलब है कि अमेरिका के खुफिया एजेंसी (सीआईए) ने अलकायदा सरगना अयमान अल-ज़वाहिरी को एक ड्रोन हमले मार गिराया। जिसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने घोषणा की ‘‘ न्याय हुआ और यह आतंकवादी मारा गया।’’ अयमान अल जवाहिरी अमेरिका में हुए आतंकवादी हमला 9/11 के मास्टरमाइंड में से एक था। जिसे अमेरिका ने काबुल में छिपे इस आतंकवादी को मार गिराया । इस आतंकवादी ने पहले ओसामा बिन लादेन के साथ काम किया और बाद में उसके उत्तराधिकारी के तौर पर अलकायदा की बागडोर संभाली। 2011 में लादेन के मारे जाने के करीब 11 साल बाद ज़वाहिरी मारा गया है ।

अमेरिका ने अल जवाहिरी को मारने के लिए अफगानिस्तान में एक सटीक आतंकवाद विरोधी ड्रोन हमला किया। इस हमले के बाद अमेरिका ने अपने नागरिकों के लिए चेतावनी जारी की है। दुनिया भर में रह रहे अमेरिकी नागरिकों को अमेरिका ने विदेश यात्रा करते समय सावधानी बरतने को कहा है। अमेरिका के विदेश विभाग द्वारा जारी किये गए परामर्श में कहा गया है आतंकवादी हमले अक्सर बिना किसी चेतावनी के होते आएं है। अमेरिकी नागरिकों को विदेश यात्रा करते वक्त उच्च स्तर की सतर्कता बनाए रखने और परिस्थितियों के अनुरूप व्यापक तौर पर जागरूक रहने की सलाह दी गई है।

अलकायदा ने अपने लीडर अयमान अल जवाहिरी की मौत का बदला लेने के लिए आईएसआई से जुड़े पाकिस्तानी कमांडर सरफराज को उनके हेलीकॉप्टर समेत मार गिराया। अलकायदा ने ये कदम तब उठाया जब ये बात सामने आई कि अल जवाहिरी को मरवाने में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था दिवालिया होने के कगार पर है ऐसे में पाकिस्तान ने आईएमएफ से आर्थिक तंगी से निपटने के लिए 1.2 बिलियन डॉलर का कर्ज माँगा है। ये कर्ज पाकिस्तान सरकार ने नहीं बल्कि सेना प्रमुख बाजवा ने माँगा है। हालांकि इस तरह की आधिकारिक तौर पर कर्ज लेना सेना के पास नहीं है लेकिन पाकिस्तान पर इतना बड़ा आर्थिक संकट आ गया है तो बाजवा ने खुद ही देश को बचाने का मोर्चा संभाल लिया है और अमेरिका से आर्थिक सहायता मांगी है । दरअसल मौजूदा समय में पाकिस्तान भारी आर्थिक संकट से जूझ रहा है। उसका विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खाली हो चूका है।पाक को को आयात करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। करीब 9 बिलियन डॉलर से भी कम विदेशी मुद्रा पाक के पास बची हुई है। लेकिन जब तक एग्जीक्यूटिव बोर्ड फाइनल फैसला नहीं कर लेता तब तक पाकिस्तान को आईएमएफ आर्थिक मदद नहीं पहुंच सकता। इस बोर्ड में अमेरिका भी एक अहम सदस्य है, ऐसे में पाकिस्तान सीधे अमेरिका संपर्क साधने की कोशिश में लगा है।


ऐसे में कहा जा रहा है कि पाकिस्तान ने अपनी आर्थिक तंगी से निपटने के लिए अमेरिका से अयमान अल जवाहिरी की मौत का सौदा किया था। जिसके जवाब में अलकायदा ने 24 घंटो के भीतर ही पाकिस्तान के सबसे सीनियर लेफ्टिनेंट जनरल का हेलीकॉप्टर को निशाना बना उसे बेम से उड़ा दिया। इस हेलीकॉप्टर मे पाकिस्तान के लेफ्टिनेंट जनरल सरफराज समेत अन्य 5 अधिकारी और भी सवार थे। यह हेलीकॉप्टर पाकिस्तानी सेना के शीर्ष कमांडर और सेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों समेत 1 अगस्त को गायब हो गया था। पाकिस्तानी सेना और एविएशन मिनिस्ट्री ने हेलीकॉप्टर का पता लगाने के लिए बड़ा ऑपरेशन चलाया। तब जाकर पता चला कि हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया है और इस घटना में सभी छह अधिकारियों की मौत हो गई है।

अमेरिका के बाद तालिबान ने भी अयमान अल जवाहिरी की मौत की पुष्टि के साथ अमेरिका द्वारा किये गए अफगानिस्तान पर ड्रोन हमले की निंदा भी की है । तालिबानी प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद के मुताबिक अफगानिस्तान के काबुल राजधानी में एक आवास पर हमला किया गया है । जिसे उन्होंने अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों का उल्लंघन बताया है। वहीं अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इसका जवाब देते हुए कहा तालिबान ने दुनिया भर के देशों को आश्वासन दिया था कि वो किसी भी देश की सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए आतंकवादियों द्वारा अफगान क्षेत्र का उपयोग नहीं करने देंगे, इसके बावजूद तालिबान ने काबुल में अलकायदा के प्रमुख की मेजबानी करके और उसे आश्रय देकर दोहा समझौता का उल्लंघन किया है।

गौरतलब है कि 2020 में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अध्यक्षता में किया गया दोहा शांति समझौते में दोनों देशों ने ये कहते हुए हस्ताक्षर किये थे कि अमेरिका अफगान धरती से अपनी सेना की वापसी लेगा और तालिबान हिंसा कम करेगा साथ ही उसने गारंटी दी थी कि कोई भी आतंकी अफगान की धरती पर सुरक्षित पनाह नहीं लेगा।अमेरिका के खुफिया अधिकारी के अनुसार अल जवाहिरी जिस घर में रह रहा था वह वरिष्ठ तालिबानी नेता सिराजुद्दीन हक्कानी का है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को जुलाई में सूचना मिली थी कि तालिबान शासन में अलकायदा को अधिक स्वतंत्रता मिल रही है। लेकिन उनकी भूमिका देश के नए शासकों को सलाह देने और समर्थन करने तक सीमित है। अलकायदा लड़ाकों के दो समूह है जिनमें 180 से 400 के करीब आतंकवादी हैं, जो कि अलग हैसियत से तालिबान के लड़ाकों की इकाइयों में प्रतिनिधित्व करते हैं। तालिबानियों द्वारा किये गए इस उल्लंघन से और अलकायदा के प्रमुख अयमान अल जवाहिरी को काबुल में संरक्षण देने की वजह से द

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