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फ़्रांसीसी जांच के बाद टेलीग्राम संस्थापक की बढ़ती मुसीबतें

हाल ही में टेलीग्राम के संस्थापक पवेल ड्यूरोव को 25 अगस्त की शाम पेरिस में फ्रांसीसी अधिकारियों द्वारा हिरासत में लिया गया है । हालांकि चार दिन बाद ही 28 अगस्त को अदालत द्वारा जमानत दे दी गई। लेकिन इनके देश से बाहर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है । 39 साल के पवेल ड्यूरोव की मुसीबत यहीं खत्म नहीं होती। फ्रांस के अलावा दक्षिण कोरिया ,भारत में भी उनके खिलाफ जांच कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

 

योनहप न्यूज एजेंसी के अनुसार दक्षिण कोरिया की पुलिस जांच करने में लगी है कि क्या टेलीग्राम यौन शोषण से जुड़े डीपफेक कंटेंट के वितरण में शामिल है? खबरों के मुताबिक टेलीग्राम चैट रूम में कई बार साऊथ कोरिया की महिलाओं की डीपफेक  पोर्नोग्राफी से जुड़ा आपत्तिजनक कंटेट देखने को मिला है,इसे लेकर जनता और राजनीतिक दलों ने नाराज़गी जताई है। जिसके बाद दक्षिण कोरियाई पुलिस ने एनक्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप टेलीग्राम के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारत सरकार भी इस ऐप पर नकेल कस सकती है। इस संबंध में आईटी मंत्रालय ने गृह मंत्रालय से अपडेट मांगा है। जिसमें ये पूछा गया है कि क्या इस ऐप के जरिए भारत में भी कोई गैरकानूनी काम हो रहा था। फ्रांस की घटना के बाद आईटी मंत्रालय ने गृह मंत्रालय से टेलीग्राम के खिलाफ लंबित शिकायतों की जांच करने और अब तक लिए गए एक्शन की डिटेल मांगी है। आपको बता दे कि देश में टेलीग्राम ऐप के 50 लाख से ज्यादा रजिस्टर्ड यूजर्स हैं।  इसमें संदिग्ध अकाउंट के खिलाफ पहले भी एक्शन लिया गया है। लेकिन अब इस ऐप के खिलाफ बड़ा एक्शन लेने की तैयारी है।

पवेल ड्यूरोव की हिरासत के बाद दक्षिण कोरिया ही नहीं बल्कि मास्कों ,संयुक्त अरब अमीरात और फ्रांस के बीच तनाव उत्पन्न हो गया है। पावेल ड्यूरोव टेलीग्राम के संस्थापक हैं। यह क्लाउड आधारित सोशल मीडिया ऐप है ,जो तीव्र गति से संदेश पहुँचाने की सेवा देती है। जिसके 950 मिलियन सक्रिय उपयोगकर्ता हैं, जो इसे एक्स (540 मिलियन उपयोगकर्ता) से बड़ा बनाता है। हाल ही में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरेव ने टेलीग्राम के सीईओ की गिरफ्तारी को लेकर कहा है कि पावेल दुरोव सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को अपने दृष्टिकोण से चलाने में बहुत अधिक स्वतंत्र थे,और यही उनकी हार का कारण बना। इसके अलावा रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि ड्यूरोव की जांच रूस पर शक्ति का प्रयोग करने के लिए पश्चिम द्वारा एक बड़ी राजनीतिक चाल का हिस्सा है। उन्होंने अपने एक भाषण के दौरान कहा कि  “पावेल ड्यूरोव   बहुत स्वतंत्र थे। “उन्होंने अपने दिमाग की उपज को नियंत्रित करने के लिए पश्चिमी देशों की सलाह नहीं सुनी। हालांकि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अरबपति ड्यूरोव की हिरासत के पीछे किसी भी राजनीतिक मकसद से इनकार किया है।

 
गौरतलब है कि टेलीग्राम के ड्यूरोव मूल रूप से रूस के निवासी हैं, लेकिन करीब एक दशक पहले ड्यूरोव ने रूस छोड़ दिया था। पावेल ड्यूरोव ने 22 साल की उम्र में अपने भाई को साथ मिलकर 2013 में टेलीग्राम मैसेजिंग ऐप की स्थापना की थी। साल 2014 में रूस सरकार द्वारा जब उनसे यूजर्स से जुड़ा डाटा देने को कहा गया तब ड्यूरोव दुबई शिफ्ट हो गए। उनकी कुल अनुमानित संपत्ति करीब 15 बिलियन डॉलर के आस-पास बताई जाती है। ड्यूरोव की गिरफ्तारी के बाद रूस  ड्यूरोव का समर्थन करता नजर आ रहा है। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने फ्रांस को चेतावनी देते हुए कहा कि डुरोव की गिरफ्तारी – किसी प्रमुख प्रौद्योगिकी सीईओ की पहली गिरफ्तारी है। फ्रांस द्वारा की गई यह गिरफ्तारी मास्को और पेरिस के बीच संबंधों को निम्न स्तर पर ले गई है।  वहीं ड्यूरोव के वकील का कहना है कि ड्यूरोव पर लगाए गए आरोप बेतुके हैं।  यह बेतुका है कि उन्हें ऐप पर किए गए किसी भी अपराध के लिए जिम्मेदार ठहराया जाए ,जिसके लगभग 1 बिलियन उपयोगकर्ता है। यह ऐप रूस ,यूक्रेन और अन्य पूर्व सोवियत देशों में व्यापक रूप से लोकप्रिय है। रूस में जन्मे अरबपति पावेल ड्यूरोव के खिलाफ कार्रवाई से उस युग का अंत हो सकता है जिसमें प्रौद्योगिकी कंपनियों के प्रमुखों की अपने प्लेटफॉर्म पर सामग्री के लिए अपेक्षाकृत कम जिम्मेदारी होती थी। फ्रांस द्वारा टेलीग्राम पर मादक पदार्थों की तस्करी, बाल पोर्नोग्राफ़ी, हिंसक प्रचार और संगठित अपराध से जुड़ी अवैध सामग्री की अनुमति देने का आरोप लगाया गया है । ड्यूरोव पर खुद इनमें से किसी भी अपराध का आरोप नहीं लगाया गया है। फ्रांसीसी अभियोजकों ने टेलीग्राम पर ऐप से संबंधित लगभग एक दर्जन आरोप लगाए हैं। जिनमें दावा किया गया है कि टेलीग्राम लगभग एक बिलियन उपयोगकर्ताओं के लिए अवैध गतिविधियों को सुविधाजनक बना रहा है। ऐसे में उपयोगकर्ता अवैध गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने और कानून प्रवर्तन के साथ सहयोग नहीं करने में सक्षम हैं।

 

गौरतलब है कि रूस के अलावा उनके पास  फ्रांस, संयुक्त अरब अमीरात, सेंट किट्स और नेविस की भी नागरिकता है। यूएई की नागरिकता रखने के अलावा संयुक्त अरब अमीरात में पावेल दुरोव अमीर के बेटे जायद अल नाहयान के करीबी भी माने जाते हैं। यूएई की नागरिकता रखने वाले टेलीग्राम के सीईओ पावेल ड्यूरोव को फ्रांस में गिरफ्तार करने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। जिसका सीधा असर उनके व्यापारिक संबंधों पर पड़ रहा है। संयुक्त अरब अमीरात ने फ्रांस के साथ हुए अरबों की डील ख़ारिज कर दी है । गौरतलब है कि साल 2021 में यूएई ने फ्रांस की कंपनी डसॉल्ट के साथ 80 राफेल खरीदने के लिए 20 बिलियन की डील की थी। राफेल का पहला बैच 2027 में मिलने की उम्मीद थी।  ऐसे में इस डील के रद्द होने से न सिर्फ फ्रांस को वित्तीय नुकसान हुआ है, बल्कि यूएई के साथ उसके रिश्तों में भी गिरावट के तौर पर देखा जा रहा है। पावेल ड्यूरोव का अपनी इस गिरफ्तारी को लेकर कहना है कि उनकी गिरफ्तारी राजनीतिक साजिश है। उन्होंने कहा था कि पश्चिमी देशों को टेलीग्राम का बैकडोर एक्सिस देने से इनकार करने की वजह से उन पर ये कार्रवाई की गई है।  यूएई ने इसे राजनयिक रिश्तों का उल्लंघन भी बताया था। आने वाले महीनों पावेल ड्यूरोव उन्हें फ्रांस में संभावित जेल की सजा का सामना करना पड़ सकता है।

 

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