तालिबान का इतिहास महिलाओं के अत्याचार से भरा हुआ है। वर्ष 2021 में अफगानिस्तान में अपनी वापसी करने के बाद तालिबान ने भरोसा दिया था कि उनकी सत्ता इस बार महिलाओं के साथ अत्याचार नहीं करेगी बल्कि महिलाओं को कई अधिकार दिया जाएगा। ऐसा लेकिन धरातल पर होता नजर नहीं आ रहा है।
दरअसल,अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे को कई महीनें महीने बीत चुके हैं। लेकिन अफगानिस्तान में हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। अफगानिस्तान में भुखमरी जैसी स्थिति आज भी सामान्य है। इसी बीच तालिबान ने एक नया फरमान जारी किया है। तालिबान ने पुरुषों के बिना महिलाओं के फ्लाइट में सफर करने पर रोक लगा दी है। इस पर तालिबान का कहना है कि, किसी भी महिला को अफगानिस्तान से या अफगानिस्तान से बाहर फ्लाइट में सफर करने के लिए किसी न किसी रिश्तेदार पुरुष के साथ होना जरुरी होगी।
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गौरतलब है कि, तालिबान अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज होने के बाद तालिबान ने दावा किया था कि उनका संगठन पहले से बदल गया है। तालिबान ने उस समय कहा था कि,वह 1996 वाला तालिबान नहीं है। अब वह महिलाओं को शिक्षा, काम करने के आधिकार जैसे मुद्दों पर महिलाओं को अनुमति देंगे।
जिसे अब तोड़ता नज़र आ रहा है। हाल ही में तालिबान ने अफगानिस्तान में लड़िकियों के स्कूल खोलने पर रोक लगा दी थी। इस फैसले से अफगानिस्तान के लोग की मुसीबतें और बढ़ गई है।मानवीय अधिकारों के लिए काम कर ने वाली एजेंसियों और कई देशों की सरकारों इस निर्णय की निंदा कर चुकी हैं।