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तालिबान का अफगान पर बढ़ता ही जा रहा कब्जा , पलायन को मजबूर हिंसा पीड़ित लोग

पड़ोसी देश अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बाद से ही तालिबान ने यहां के बड़े हिस्से पर कब्जे का दावा किया है। देश के कई हिस्सों में तालिबान की हिंसा जारी है। जिसमें पाकिस्तानी आतंकियों का भी साथ मिल रहा है। अफगानिस्तान में तालिबान आतंकवादियों का और अधिक प्रांतों पर कब्जे का मंसूबा खत्म नहीं हो रहा है, लेकिन उनके खौफ से बचने के लिए हजारों अफगान परिवारों ने राजधानी काबुल का रुख किया है, जहां उन्हें सड़कों में जीने को विवश होना पड़ा है।  तालिबान ने पिछले चार दिनों में छह प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा किया है। कल  9 अगस्त को भी इसने उत्तरी प्रांत समनगन की राजधानी ऐबक पर कब्जा कर लिया।

 

इससे पहले तालिबान ने कुंदुज, तखार, जोज्जान, सर-ए-पोल और निमरुज पर कब्जा कर रखा है। इसके अलावा तालिबान और सरकारी बलों के बीच हेरात, कंधार और हेलमंद प्रांतों में भीषण मुठभेड़ जारी है। तालिबान ने आज ही यह भी घोषणा की कि वे अब देश के उत्तर में स्थित सबसे बड़े शहर मजार-ए-शरीफ की ओर रुख कर रहे हैं।

खबरों के मुताबिक 15 प्रांतों में जारी भीषण लड़ाई के बीच हजारों परिवार कुंदुज, कंधार, निमरोज, तखर और बगलान प्रांतों से काबुल भाग गए हैं। दहशत के कारण भागे लोग काबुल के सर-ए-शामाली और खैरखाना इलाकों में डेरा डाले हुए हैं।

 


काबुल शहर के एक पार्क में रह रहे हैं बेघर हुए लोग

 

उत्तरी कुंदुज प्रांत से विस्थापित हुए सैकड़ों लोग काबुल शहर के पुलिस जिला 15 के एक पार्क में रह रहे हैं। बच्चों, बुजुर्गों और घायल सदस्यों सहित परिवार काबुल में डेरा डाले हुए हैं, जिनमें से कई अपने वयस्क पुरुष सदस्यों के भाग्य के बारे में नहीं जानते, जो अकेले कमाने वाले हैं।

अफगान सरकार ने अभी तक उन्हें भोजन और आश्रय प्रदान नहीं किया है, लेकिन स्थानीय लोग विस्थापित लोगों को भोजन की आपूर्ति कर रहे हैं। अफगानिस्तान के शरणार्थी मंत्रालय ने कहा कि आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों  की संख्या अभूतपूर्व रही है और युद्ध के कारण उन्हें बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना मुश्किल हो गया है। मंत्रालय के अनुसार, पिछले पांच महीनों की लड़ाई में अब तक 75 हजार परिवार बेघर हो चुके हैं।

 

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अमेरिका और नाटो सेनाओं की वापसी के साथ ही तालिबान के बढ़ते प्रभाव और कब्जे से अफगानिस्तान के नागरिकों में खौफ काफी ज्यादा है। इसी के चलते अफगान नागरिक जल्द से जल्द देश छोड़ना चाहते हैं। इस कारण काबुल में पासपोर्ट कार्यालय के बाहर लोगों की भारी भीड़ उमड़ने लगी है। खुद पासपोर्ट की लाइन में लगने वाले लोग कहते हैं कि बिगड़ते हालात में हमें कभी भी देश छोड़ना पड़ सकता है।

दरअसल, अफगानिस्तान के ग्रामीण क्षेत्रों में तालिबान जिस तरह से पैर पसार रहा है, उसके चलते साधन संपन्न अफगानी नागरिक विदेश जाने का रास्ता तलाश रहे हैं।

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