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इमरान पर गिरफ्तारी की तलवार

आजादी मार्च के दौरान पुलिस के साथ हुई हिंसक भिड़ंत के चलते इमरान खान के खिलाफ राजट्टानी इस्लामाबाद समेत पूरे पाकिस्तान में कई केस दर्ज कराए गए हैं। इस वजह से उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को जेल जाना पड़ सकता है। उनके खिलाफ राजधानी इस्लामाबाद समेत पूरे पाकिस्तान में कई एफआईआर दर्ज कराए गए हैं। इमरान को गिरफ्तार करने के लिए उनके घर के बाहर पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया है। वे इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि कब उन्हें कोर्ट से मिली अग्रिम जमानत की अवधि खत्म हो और कब उन्हें गिरफ्तार किया जाए। दरअसल पीटीआई प्रमुख इमरान खान ने पिछले दिनों खैबर पख्तूनख्वा प्रांत से अपनी पार्टी का ‘आजादी मार्च’ शुरू किया था।

पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह

राजधानी इस्लामाबाद में मार्च खत्म करने के बाद वह खैबर पख्तूनख्वा लौट गए थे। यहां उनकी पार्टी की सरकार है। दूसरी ओर आजादी मार्च के दौरान पुलिस के साथ हुई हिंसक भिड़ंत के चलते इमरान खान के खिलाफ राजधानी इस्लामाबाद समेत पूरे पाकिस्तान में कई केस दर्ज कराए गए हैं। इसके चलते उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। बीते सप्ताह गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान के बानी गाला आवास के बाहर सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिसकर्मी तैनात हैं। पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने का इंतजार कर रही है। जैसे ही गिरफ्तारी से पहले की जमानत खत्म होती है, पुलिसकर्मी बड़े ही उत्साह के साथ उन्हें गिरफ्तार कर लेंगे। इमरान नियाजी पर दंगा, देशद्रोह और अराजकता फैलाने के आरोप में देश भर में लगभग दो दर्जन से अधिक केस दर्ज हैं। दूसरी ओर पीटीआई के नेता शाहबाज गिल ने आरोप लगाया है कि पूर्व पीएम इमरान खान की सुरक्षा हटा ली गई है। इमरान खान की जान खतरे में है। उनपर हमला हो सकता है।

इमरान खान के भतीजे हसन नियाजी ने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री को कुछ भी होता है तो इसे पाकिस्तान पर हमला माना जाएगा। हम इसका आक्रामक तरीके से जवाब देंगे। वहीं इस्लामाबाद पुलिस ने कहा कि इमरान के आने की खबर मिलने पर उनके घर बानी गाला के आस-पास सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है। इस्लामाबाद में धारा 144 लागू है। जिला मजिस्ट्रेट के आदेश के अनुसार किसी भी सभा की अनुमति नहीं है। इमरान को कानून के अनुसार पूरी सुरक्षा दी जाएगी। गौरतलब है कि पिछले दिनों अविश्वास प्रस्ताव के बाद इमरान खान की सरकार गिर गई थी और नवाज शरीफ के भाई शहबाज शरीफ पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री बने। इसके बाद से ही इमरान खान ने शरीफ बंधुओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और ‘शरीफ बंधु चोर हैं’ का नारा हर मंच से बुलंद करते रहे और अब यही इमरान के गले की फांस बन गया है और इमरान खान अब अपने ही नारे में उलझकर कानून के शिकंजे में फंस गए हैं। कानूनी शिकंजे में फंसने का मामला भी शहबाज शरीफ के सऊदी अरब की यात्रा से जुड़ा है।

पिछले दिनों पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल अपनी सऊदी अरब यात्रा के दौरान मदीना की मस्जिद-ए-नवबी पहुंचा था। यहां शहबाज शरीफ और अन्य पाकिस्तानी मंत्रियों को कड़े विरोध का सामना करना पड़ा। मस्जिद में घुसते ही भीड़ पाकिस्तानी डेलिगेशन के खिलाफ चोर-चोर के नारे लगाने लगी। सऊदी अरब की पुलिस ने पांचों पाकिस्तानी नागरिकों को उसी समय गिरफ्तार कर लिया था लेकिन अब इस मसले ने पाकिस्तान में अलग रंग लिया है।

फैसलाबाद में इमरान खान और उनके पांच साथियों शहबाज गिल, फवाद चौधरी, कासिम सूरी, शाहबजादा जहांगीर खान, अनील मुसर्रत और शेख रशीद के खिलाफ के खिलाफ ईशनिंदा का मामला दर्ज हुआ है। माना जा रहा है कि इमरान खान अब किसी भी वक्त गिरफ्तार हो सकते हैं। पाकिस्तानी गृहमंत्री राणा सनाउल्लाह ने कहा कि मदीना एक पवित्र जगह है और ऐसी जगह पर नारेबाजी करना ऐसा जुर्म है जिसे माफ नहीं किया जा सकता। सऊदी अरब भी इमरान खान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर सकता है। पाकिस्तान में लागू ईशनिंदा कानून के मुताबिक अगर कोई जानबूझकर धार्मिक भावनाओं का अपमान करता है, इन्हें ठेस पहुंचाता है, पूजा करने की जगह को क्षति पहुंचाता है या ईश्वर की निंदा करता है तो ये ईशनिंदा कानून के दायरे में आता है। ईशनिंदा कानून के मुताबिक इस्लाम या पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ कुछ भी बोलने पर मौत की सजा या जुर्माने के साथ आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है। इस कानून की नींव ब्रिटिश शासनकाल में ही पड़ गई थी।

क्या है मामला

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल पिछले दिनों सऊदी अरब यात्रा के दौरान मदीना की मस्जिद-ए- नवबी पहुंचा था। यहां शहबाज शरीफ और अन्य पाकिस्तानी मंत्रियों का भारी विरोध हुआ था। मस्जिद में घुसते ही भीड़ ने पाकिस्तानी डेलिगेशन के खिलाफ चोर-चोर के नारे लगाने शुरू कर दिए थे। समर्थकों का कहना है कि मदीना में जो कुछ हुआ वो इमरान खान की पार्टी के इशारे पर किया गया।

कितनी हो सकती है सजा

शहबाज शरीफ के खिलाफ नारेबाजी अब इमरान खान के लिए मुसीबत बन गई है। फैसलाबाद में इमरान खान और उनके पांच साथियों के खिलाफ ईशनिंदा का मामला दर्ज है। इस मामले में इमरान खान और उनके सहयोगियों को 5 से 8 साल तक की सजा और भारी भरकम जुर्माना भरना पड़ा सकता है।

इमरान को मिली है 25 जून तक अग्रिम जमानत

इमरान खान और पीटीआई के अन्य नेताओं पर आगजनी और तोड़-फोड़ के आरोपों को लेकर इस्लामाबाद के कई पुलिस थानों में कई मामले दर्ज किए गए। उन्हें पेशावर हाईकोर्ट से 25 जून तक अग्रिम जमानत मिली है। उन्हें अपनी पूर्व-गिरफ्तारी जमानत की अवधि समाप्त होने से पहले इस्लामाबाद सत्र अदालत में पेश होने का निर्देश दिया गया है।

सरकार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र पहुंचे इमरान

सत्ता से हटने के साथ ही पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान लगातार सरकार विरोधी प्रदर्शन कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने आजादी मार्च भी निकाला था लेकिन हिंसा के चलते उन्होंने यह प्रदर्शन बीच में ही रोक दिया था। इसी बीच एक बेहद हैरान करने वाला और असामान्य कदम उठाते हुए इमरान खान के नेतृत्व वाली विपक्षी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) अपनी ही सरकार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र पहुंच गई। दरअसल, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने संयुक्त राष्ट्र से स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच के लिए मदद मांगी है और कहा है कि सरकार द्वारा पिछले सप्ताह एक विरोध प्रदर्शन के दौरान ज्यादतियों और मानवाधिकारों का उल्लंघन हुआ। पीटीआई की वरिष्ठ नेता और इमरान खान की सरकार में मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाचेलेट को लिखे पत्र में आरोप लगाया कि सरकार ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल प्रयोग किया और पार्टी नेतृत्व के खिलाफ राजनीति से प्रेरित मामले भी शुरू किए।

पीटीआई द्वारा यह पत्र तब सामने आया है जब इमरान खान के समर्थकों ने 25 मई को इस्लामाबाद में सरकार को जल्दी चुनाव की घोषणा करने की मांग को लेकर हिंसक विरोध किया और पुलिस को उन्हें नियंत्रण में रखने के लिए आंसू गैस और लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा। मजारी ने संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी से उठाए गए मुद्दों पर तुरंत ध्यान देने का अनुरोध किया और आरोप लगाया कि सरकार ने ना केवल पाकिस्तान में लोकतंत्र को बल्कि पूर्व प्रधानमंत्री खान व उनकी पार्टी के नेतृत्व के जीवन को भी खतरे में डाल दिया है।

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