अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सात लाख युवा आव्रजकों के न्यायिक संरक्षण खत्म करने की कोशिशों पर पूरी तरह रोक लगा दी। साथ कोर्ट ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के बाल अवस्था आव्रजन कार्यक्रम (डीएसीए) को रद्द करने के फैसले को मनमाना और द्वेषपूर्ण बताया है।
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला राष्ट्रपति चुनाव से पूर्व ट्रंप के लिए एक बहुत बड़ा झटका बताया जा रहा है। ऐसा माना जाता है कि ट्रंप के चुनाव अभियान के समय यह मुद्दा अवश्य उठाया जाएगा। 2012 में बराक ओबामा ने कार्यकाल के वक्त डीएसीए कार्यक्रम बनाया गया था, जो नाबालिगों के रूप में अमेरिका में प्रवेश करने वाले लोगों को निर्वासित करने से रोकता है।
ट्रंप प्रशासन की दलील खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को ट्रंप प्रशासन की दलील को खारिज कर दिया था जिसमे ट्रंप ने कहा था कि आठ साल पुराना डीएसीए गैरकानूनी है और इसे खत्म करने के फैसले की समीक्षा करने में न्यायालय की कोई भी भूमिका नहीं है। चीफ जस्टिस जॉन रॉबर्ट ने आदेश में कहा कि ट्रंप प्रशासन ने डीएसीए खत्म करने में सही प्रक्रिया का पालन नहीं किया है। हम यह तय नहीं करते है कि डीएसीए अथवा इसके बचाव की कोई ठोस नीतियां हैं या फिर नहीं। इस संबंध में गृह विभाग एक बार फिर से कोशिश कर सकता है, परन्तु मौजूदा समय में डीएसीए की तरह संरक्षण पाने वाले युवाओं को उनके देश वापस भेजे जाने और अमेरिका में उनके काम करने की अनुमति को लेकर संरक्षण अभी भी बरकरार रहेगा।
लीडिंग टूगेदर के लिए जीत
अमेरिका में दक्षिण एशियाई समूहों ने डीएसीए कार्यक्रम के समाप्त होने पर अस्थायी तौर पर रोक लगाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अपनी खुशी जाहिर की है। इसपर साउथ एशियन अमेरिकन लीडिंग टूगेदर ने कहा कि यह हमारे लिए बहुत बड़ी जीत है। जबकि यह अस्थायी है क्योंकि यह ट्रंप प्रशासन को अभी भी कानूनी तौर पर कार्यक्रम खत्म करने का अवसर देता है। संगठन के कार्यकारी निदेशक लक्ष्मी श्रीधरन ने इसपर कहा कि ऐसे समय में आज की जीत स्वागत के योग्य है जब अश्वेत लोगों के समुदाय के विरुद्ध युद्ध कभी ख़त्म नहीं होने वाला सा प्रतीत होता है। इसपर नॉर्थ अमेरिकन पंजाबी एसोसिएशन के निदेशक सतनाम सिंह चहल ने कहा कि हमारा पूरा समुदाय इस फैसले का दिल से स्वागत करता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ट्विटर पर भी एक वीडियो शेयर करने को लेकर घिर चुके हैं। ट्विटर ने ट्रंप के ट्वीट को लेबल करते हुए चेतावनी दी कि इस वीडियो से छेड़छाड़ की गई है। दरअसल, गुरुवार को ट्रंप के वीडियो साझा करते हुए ट्विटर ने इसे मैनीपुलेटेड मीडिया करार दिया और कहा कि कई पत्रकारों ने इसकी पुष्टि की है कि इस क्लिप को सीएनएन का बताने के लिए एडिट किया है।