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सूडान में कुपोषण का शिकार 50 लाख बच्चे; यूएन

सूडान में काफी समय से गृह युद्ध चल रहा है। जिसके कारण सूडान के लोग काफी संकटों का सामना कर रहे हैं। इन संकटों के चलते सूडान के लोग भूख से मरने की कगार पर पहुंच गए हैं। इन संकटों की बढ़ती संख्या और खाने-पीने की चीज़ों के अभाव के चलते संयुक्त राष्ट्र ने एक रिपोर्ट जारी करते हुए कहा है कि ‘सूडान में चल रहे गृह युद्ध के बीच लगभग 50 लाख लोग भयानक भूख का शिकार हो रहे हैं जिसके कारण देश भुखमरी और अकाल की ओर बढ़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र सहायता प्रमुख का कहना है कि इन तीन सालों के भीतर 730,000 सूडानी बच्चे कुपोषण का शिकार हो चुके हैं, जिनकी संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि आने वाले महीनों में सूडान में लगभग 5 मिलियन लोगों को भयानक भुखमरी से मौत होने का खतरा बढ़ गया है।
क्या कहते हैं सहायता प्रमुख
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को भेजे गए एक नोट के जरिये, संयुक्त राष्ट्र सहायता प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ्स बताते हैं कि सूडान में चल रहे गृहयुद्ध के कारण देश की पैदावार पर काफी असर पड़ रहा है, लोगों के काम-काज, आजीविका भी इससे काफी प्रभावित हो रही है, सूडान के लोगों को व्यापार में भारी नुक्सान झेलना पड़ रहा है। वहां के लोग भयानक महंगाई का सामना कर रहे हैं। आजीविका के साधनों में कमी और महगाई के बढ़ने के चलते वहां से लोग पलायन कर रहे हैं। युद्ध के कारण लगभग लाखों लोग देश छोड़ कर जा चुके हैं।’
यूएन; 50 लाख से अधिक बच्चे मौत की हालत में
संयुक्त राष्ट्र का यह भी कहना है कि ‘तत्काल मानवीय सहायता और बुनियादी चीजों के बिना आने वाले महीनों में देश के कुछ हिस्सों में लगभग 5 मिलियन लोग भयानक भूख का शिकार हो जायेंगे यह आंकड़ा दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। सूडान में सुरक्षा का अभाव होने के कारण पश्चिम और मध्य दारफुर में कुछ लोगों को अकाल का सामना कर रहे हैं। यूएन का कहना है कि ‘सूडान की पार्टियों को अब युद्ध को रोक देना चाहिए और नागरिकों की रक्षा करनी चाहिए। सूडान में लगभग 730,000 सूडानी बच्चे गंभीर कुपोषण का शिकार हैं। उन्हें देश की हालत पर ध्यान देने की जरूरत है।’
क्यों हो रहा है सूडान में गृहयुद्ध
15 अप्रैल 2023 को सूडानी सशस्त्र बल प्रमुख अब्देल फतह अल-बुरहान और उनके पूर्व डिप्टी मोहम्मद हमदान डागलो, अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्सेज के कमांडर के बीच सत्ता और ताकत को लेकर जंग छिड़ गई थी। जिस के बाद देश में युद्ध शुरू होने से सूडान में हजारों लोग मारे गए थे, इसी कारण लगभग 8.3 मिलियन लोग देश से विस्थापित हो गए हैं, कई लोग पड़ोसी देश चाड और दक्षिण सूडान में रहने को मजबूर हैं।
सूडान में नागरिक सरकार को सत्ता हस्तांतरित करने की मांग को लेकर वर्ष 2021 से ही संघर्ष किया जा रहा है। सूडान में मुख्य विवाद सेना और अर्धसैनिक बल ‘आरएसएफ’ के विलय को लेकर चल रहा है। आरएसएफ के जवानों को अपने लिए खतरा मानते हुए सेना ने पिछले सप्ताह इनकी तैनाती को बदलते हुए नई व्यवस्था शुरू कर दी है। इसे लेकर आरएसएफ के जवानों में नाराज़गी है, जिसके कारण युद्ध तीन वर्षों से लगातार चल रहा है। इस युद्ध में बातचीत से मामला हल करने की कोशिश भी की गई लेकिन इस समस्या का कोई हल नहीं निकल पाया है। वर्ष 2021 के अक्टूबर में नागरिकों और सेना की संयुक्त सरकार के तख्तापलट के बाद से ही सेना और अर्धसैनिक बल आमने-सामने हैं।

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