ड्रैगन ने सीमा से अपने सैनिकों को पीछे हटाने से साफ इंकार कर दिया है। इतना ही नहीं वह भारत को धमकी भी दे रहा है
पिछले एक साल से चीन और भारत के बीच चल रहा सीमा विवाद कई दौर की बैठक के बावजूद अभी तक जारी है। एलएसी पर आज भी तनाव जारी है और चीन हर बात पर भारत को धमकी देता फिर रहा है। दोनों देशों की तरफ से बार-बार ये कहा जा रहा है कि हालात ठीक करने को लेकर सभी तरह से बातचीत की जा रही है। लेकिन ऐसा होता दिख नहीं रहा है। हाल ही में चीन ने पूर्वी लद्दाख में हाॅट स्प्रिंग्स, गोगरा और देपसांग के संघर्ष वाले क्षेत्रों में सैनिकों को पीछे हटाने से इंकार कर दिया है। चीन ने भारत को धमकाते हुए यहां तक कह दिया है कि ‘भारत को जो कुछ हासिल हुआ है, उसमें उसे खुश होना चाहिए।’
कुछ दिन पहले दोनों देशों के बीच 11वें दौर की सैन्य वार्ता करीब 13 घंटे तक चली, जिसमें चीन ने इन इलाकों से पीछे हटने से मना कर दिया। चीन के साथ विवाद सुलझाने में शामिल रहे एक उच्च सूत्र के मुताबिक चीन ने पहले हाॅट स्प्रिंग्स और गोगरा के पैट्रोलिंग प्वाइंट 15 और पैट्रोलिंग प्वाइंट-17ए से सेना पीछे हटाने पर सहमति जताई थी। लेकिन बाद में उसने इससे इनकार कर दिया। एक अधिकारी ने कहा है कि इससे साफ है कि चीन चाहता है कि भारतीय सेना अब एलएसी के पास पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 और 17ए पर उसकी नई स्थिति को स्वीकार करें। अधिकारी के मुताबिक चीन इन इलाकों में अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति पर जाने में भी आनाकानी कर रहा है।
कहा जा रहा है कि गोगरा-हाॅट स्प्रिंग्स इलाकों में चीन के करीब 60 सैनिक अप्रैल 2020 की स्थिति से आगे मौजूद हैं और इस इलाके को खाली करने की प्रक्रिया तब तक पूरी नहीं मानी जाएगी जब तक चीन अपने सैनिक नहीं हटाएगा। एक बार इस चरण पूरा हो जाने के बाद देपसांग इलाके में भारतीय सेना के पेट्रोलिंग अधिकारों के मुद्दे पर आगे बढ़ा जाएगा। ये मुद्दा 2013 से बना हुआ है। सिविल वाॅर जैसे हालात बने हुए थे।