उत्तर कोरिया देश तानाशाह देशों की कैटेगिरी में आता है। किंग जोंन उन को उसके तानाशाह रवैये के जरिये पूरी दुनिया जानती है। अक्सर उत्तर कोरिया से ऐसे फैसले आते है जिन्हें सुनकर आम आदमी को सिर चकरा जाए। ऐसा ही एक फैसला उत्तर कोरिया सरकार ने लिया है। उत्तर कोरिया हमेशा से दक्षिण कोरिया को अपना प्रतिद्ददी देखता आ रहा है। हाल ही में उत्तर कोरिया सरकार ऐलान किया है कि अगर कोई बच्चा या व्यक्ति दक्षिण कोरिया को फिल्म या पुस्तक पढ़ता पाया जाता है तो उसे 15 साल की जेल सजा दी जाएगी। इसके साथ यह भी कहा गया है कि इस मामले में बच्चों के माता-पिता को भी जिम्मेदार माना जाएगा।
हालांकि पिछले साल ही उत्तर कोरिया सरकार ने प्रतिक्रियावादी विचारधारा पर अंकुश लगाने के लिए एक कानून पास किया है। कानून के तहत अगर कोई प्रतिद्धदी दक्षिण कोरिया की फिल्म देखने और पुस्तक पढ़ता है तो उसे 15 साल की सजा का प्रावधान है और साथ ही अगर कोई दक्षिण कोरियाई लहजे में बात करता है तो उसे दो साल का कारावास का प्रावधान है। इतना ही नहीं माता-पिता पर भी 111 से 222 डालर का जुर्माना लगाया जाएगा, जो अपने बच्चों की सही तरीकें से परवरिश करने में विफल रहे।
इस नए कानून के तहत अगर कोई व्यक्ति बाहरी सामान वितरण करता है या उसे बेचता है तो उसे मौत की सजा तक का प्रावधान है। इस कानून को लाने के पीछे उत्तर कोरिया सरकार का कहना है कि ज्यादातर लोग बाहरी फिल्मों और पुस्तकें पढ़ने के कारण विदेशों में भागते है। साल 2019 में 200 भगोड़ो के अध्यनन में पाया गया है कि 90 फीसद लोग विदेशी या दक्षिण कोरियाई चैनल देखते है। दक्षिण कोरियाई नाटक कैरश लैडिंग ऑन यू उत्तर कोरियाई लोगों में काफी ज्यादा प्रचलित है। इस नाटक में उत्तर कोरियाई जीवन का संजीव चित्रण किया गया है। उत्तर कोरिया के अधिकारियों को लगता है कि इससे किम जोंग की छवि को खराब किया जा रहा है। इसलिए वह इस कानून को लेकर आए है, ताकि विदेशी या दक्षिण कोरियाई विचारों पर अंकुश लगाया जा सके।