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काबुल की ओर बढ़ते कदम

तालिबान आतंकी घरों में आकर बहू-बेटियों को उठा रहे हैं। निर्ममता से खून बहा रहे हैं। ऐसे में हजारों अफगानी परिवार अपने घर छोड़ चुके हैं। लेकिन विस्थापितों को राहत शिविरों में भी सिर्फ एक वक्त का खाना मिल रहा है। गर्भवती महिलाओं के लिए यहां कोई चिकित्सा सुविधा नहीं है
पड़ोसी देश अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बाद तालिबान ने यहां के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया है और उसने यहां तक दावा किया है कि उसके कदम अब काबुल की तरफ बढ़ रहे हैं। देश के कई हिस्सों में तालिबान की हिंसा जारी है। जिसमें पाकिस्तानी आतंकियों का भी साथ मिल रहा है। अफगानिस्तान में तालिबान आतंकवादियों का और अधिक प्रांतों पर कब्जे का मंसूबा खत्म नहीं हो रहा है। उनके खौफ से बचने के लिए हजारों अफगान परिवार अपना घर छोड़ने को मजबूर हो गए हैं।
अफगान सरकार और तालिबान के बीच लड़ाई जारी है। इस बीच सरकारी अधिकारियों ने जानकारी दी है कि इस लड़ाई से दक्षिणी अफगानिस्तान में अब तक 20-30 हजार परिवार विस्थापित हो गए हैं। इन लोगों में से अधिकतर कंधार क्षेत्र से हैं।  फराह, बड़गी और हेलमंद जैसे इलाके से भी कई परिवार विस्थापित हुए हैं। विस्थापित परिवारों को खाने, रहने और स्वास्थ्य सेवाओं की दिक्कत आ रही है। हाजी कैंप में कई विस्थापित परिवार रह रहे हैं।
तालिबान अपने कब्जे वाले क्षेत्र के लोगों को धमकी दे रहा है और अपहरण कर रहा है। हालांकि तालिबान ने इन दावों को अफगान सरकार की खुफिया एजेंसी का प्रचार बता खारिज किया है।
विस्थापित बिलकिस बताती हैं कि करीब 20 दिन पहले तालिबान ने मेरे घर पर हमला किया और मेरे सामने मेरे बेटे को मार डाला। वह मेरी बहू को ले जाना चाहते थे। इस कारण से हमने घर छोड़ दिया।
विस्थापितों को सिर्फ एक वक्त का खाना
सरकार इन विस्थापितों को दिन में एक बार ही खाना दे रही है। कुछ हेल्थ वर्कर्स स्वेच्छा से लोगों की मदद कर रहे हैं। डॉक्टर सबावून बताती हैं कि विस्थापित कैंप में सैकड़ों गर्भवती महिलाएं हैं। ये किसी भी वक्त बच्चे को जन्म दे सकती हैं। लेकिन यहां उनकी मदद करने वाला कोई नहीं है। यहां किसी भी तरह की कोई स्वास्थ्य सुविधा नहीं है।
रिफ्यूजी डिपार्टमेंट के मुताबिक कंधार में करीब 20 हजार परिवार विस्थापित हुए हैं, लेकिन स्थानीय लोगों का मानना है कि विस्थापित परिवारों की संख्या 30 हजार के पार है। बता दें कि कंधार के 17 जिलों में से सिर्फ तख्तपोल जिला सरकार के नियंत्रण में है। तालिबान ने कंधार शहर के कुछ हिस्सों पर भी कब्जा कर लिया है।
अफगान सरकार ने अभी तक उन्हें भोजन और आश्रय प्रदान नहीं किया है, लेकिन स्थानीय लोग विस्थापित लोगों को भोजन की आपूर्ति कर रहे हैं। अफगानिस्तान के शरणार्थी मंत्रालय ने कहा कि आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों की संख्या अभूतपूर्व रही है और युद्ध के कारण उन्हें बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना मुश्किल हो गया है। मंत्रालय के अनुसार, पिछले पांच महीनों की लड़ाई में अब तक 75 हजार परिवार बेघर हो चुके हैं।
अमेरिका और नाटो सेनाओं की वापसी के साथ ही तालिबान के बढ़ते प्रभाव और कब्जे से अफगानिस्तान के नागरिकों में खौफ काफी ज्यादा है। इसी के चलते अफगान नागरिक जल्द से जल्द देश छोड़ना चाहते हैं। इस कारण काबुल में पासपोर्ट कार्यालय के बाहर लोगों की भारी भीड़ उमड़ने लगी है। खुद पासपोर्ट की लाइन में लगने वाले लोग कहते हैं कि बिगड़ते हालात में हमें कभी भी देश छोड़ना पड़ सकता है।
भारत की सुरक्षा एडवाइजरी 
अफगान पर तालिबान का कब्जा बढ़ता ही जा रहा है। इसके चलते भारत सरकार ने अफगानिस्तान में रह रहे भारतीय नागरिकों के लिए सुरक्षा एडवाइजरी जारी की है। काबुल दूतावास द्वारा बीते 10 अगस्त को जारी एडवाइजरी में अफगानिस्तान में रह रहे सभी भारतीयों को कमर्शियल फ्लाइट्स की उपलब्धता को लेकर अपडेट रहने की सलाह दी गई। लोगों से कहा गया कि उनके क्षेत्र में हवाई सेवा बंद होने से पहले भारत लौटने की व्यवस्था कर लें। अफगानिस्तान में बढ़ रही हिंसा को लेकर भारत सरकार ने तीसरी बार सुरक्षा एडवाइजरी जारी की है। इससे पहले 29 जून और 24 जुलाई को भी भारत सरकार ने सुरक्षा एडवाइजरी जारी की थी।
अफगानिस्तान में काम कर रही भारतीय कंपनियों को हवाई यात्रा सेवाओं के बंद होने से पहले अफगानिस्तान में प्रोजेक्ट साइट्स से भारतीय कर्मचारियों को तुरंत वापस लेने की सलाह दी गई है। विदेशी कंपनियों के साथ काम कर रहे कर्मचारियों को सलाह दी गई है कि वह अपने नियोक्ता से कहें कि जल्द से जल्द उन्हें भारत भेजने में मदद करें। मीडिया से जुड़े लोगों को भी सलाह दी गई है कि अफगानिस्तान में काम रहे भारतीय मीडियाकर्मी ब्रीफिंग के लिए दूतावास के सार्वजनिक मामलों और सुरक्षा विंग के साथ संपर्क करें। ऐसे में मीडिया के लोग जिस क्षेत्र में यात्रा कर रहे हैं, उन्हें बेहतर सलाह दी जा सकेगी क्योंकि सुरक्षा स्थिति में तेजी से बदलाव हो रहे हैं।
अफगानिस्तान में रह रहे भारतीयों से अपील की गई है कि दूतावास की वेबसाइट eoi.gov.in/kabul/ पर जाकर या paw.kabul@mea.gov.in पर जाकर जल्द से जल्द खुद को रजिस्टर करें। किसी तरह की कोई दिक्कत या सवालों को लेकर 93-706131611, 93-705127863 पर सम्पर्क किया जा सकता है।

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