अफगानिस्तान भुखमरी की चपेट में तेजी से आ रहा है। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र ने भी अफगानिस्तान में फैल रही भुखमरी के लिए आगाह कर चुका है। संयुक्त राष्ट्र के उच्चायोग (यूएनएचसीआर) द्वारा दिए गए एक बयान में कहा गया था कि लगभग 90 प्रतिशत अफगानी लोग भुखमरी के कगार पर हैं और 150,000 से अधिक परिवारों में 11 लाख अफगानों का मानवीय सहायता के लिए मूल्यांकन किया गया है, और संयुक्त राष्ट्र द्वारा अफगान में 40 लाख से अधिक लोगों की सहायता की जा चुकी है। फिर भी अफगानिस्तान में आर्थिंक तंगी के चलते भुखमरी से लोगों की हालांत बिगड़ते जा रहे हैं। हालांत इतने बिगड़ गए है कि वहां के लोगों को भूख से निपटने के लिए अफीम और ड्रग्स का सहारा मजबूरन लेना पड़ रहा है। अफगान में लोग अपने भूख के कारण रोते बिलखते बच्चों को सुलाने के लिए ड्रग्स व नींद की गोलियां दे रहे हैं।
अफगानिस्तान में भुखमरी दिन प्रतिदिन लगातार बढ़ती जा रही है। हालात बद से बदतर हो गए हैं लोग अपने परिवार का पेट पालने के लिए मजबूरन अपने बच्चों को बेच रहे हैं। कई लोग तो खाने के लिए अपनी बेटियों और किडनी तक भी बेच रहे हैं। इसका सीधा कारण तालिबान सरकार का अपने ही लोगों के प्रति अनदेखी को माना जा रहा है । गौरतलब है अफगान पर तालिबान के कब्जे के बाद ही वहा की परिस्थितियां बदल गयी हैं जिस कारण कोई भी विदेशी मदद अफगान को नहीं मिल पा रही हैं |
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