अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल को अगवा कर उनकी हत्या के मामले में अब नया मोड़ आ गया है। पाकिस्तान के सिंध हाईकोर्ट ने अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल को अगवा कर सिर काटने के आरोपियों को रिहा करने का आदेश दिया। हालांकि, इस फैसले से नाखुश अमेरिका ने अपनी चिंता जाहिर की है। कल 24 दिसंबर को सिंध हाई कोर्ट ने मामले के आरोपी आतंकी अहमद उमर, सईद शेख, फहाद नसीम, शेख आदिल और सलमान साकिब को रिहा करने के आदेश दिए हैं। कल 26 दिसंबर को सभी आरोपियों को रिहा किया जा रहा है। खबर है कि हत्या के आरोपी अलकायदा नेता अहमद उमर सईद शेख और उसके तीन सहायक कल जेल से बाहर आएंगें। गौरतलब है कि हत्या का ये मामला वर्ष 2002 का है, जब आरोपियों ने पत्रकार का सिर कलम कर दिया था।
बता दें कि पाकिस्तान की एक अदालत ने मामले में दोषी ठहराए गए और सजा प्राप्त शेख और उसके तीन सहयोगियों फहद नसीम, सलमान साकिब एवं शेख आदिल को रिहा करने का आदेश दिया था। लेकिन कागजी कार्यवाही में देरी के चलते ये रिहाई नहीं हो पाई थी। जिसके बाद अब कल 26 दिसंबर को सभी की रिहाई की जाएगी।
सिंध उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति के के. अगा की दो सदस्यीय पीठ ने सुरक्षा एजेंसियों को शेख और अन्य आरोपियों को किसी भी तरह हिरासत में नहीं रखने का निर्देश दिया था और उनकी हिरासत से संबंधित सिंध सरकार की सभी अधिसूचना को अमान्य करार दिया था। असल में अदालत ने उन सबकी हिरासत को अवैध करार दिया है।
इस मामले में जेल अधीक्षक ने जानकारी देते हुए बताया है कि चारों को 24 दिसंबर को कराची सेंट्रल जेल से रिहा नहीं किया जा सका था क्योंकि जेल प्रशासन को सिंध उच्च न्यायालय का आदेश बहुत देर से मिला था औऱ देश में हर शुक्रवार को सार्वजनिक अवकाश होने के कारण चारों को अब कल शनिवार को रिहा किया जाएगा।
वाल स्ट्रीट जर्नल के दक्षिण एशिया ब्यूरो प्रमुख पर्ल को 2002 में अगवा कर लिया गया था और उनका सिर कलम कर दिया गया था। ये घटना उस वक्त हुई थी जब वह पाकिस्तान में खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठन अलकायदा के बीच जुड़ाव पर खबरों के लिए तफ्तीश कर रहे थे।
डेली पाकिस्तान के मुताबिक, सिंध हाई कोर्ट ने आरोपी अहमद उमर शेख और अन्य के नाम एग्जिट कंट्रोल लिस्ट में डालने का भी आदेश दिया है। ये आरोपी बीते 18 सालों से जेल में थे। अब कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि आरोपियों को कोर्ट के समन पर पेश होना पड़ेगा।
अमेरिका ने जाहिर की नाराजगी
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के साउथ ऐंड सेंट्रल एशियन अफेयर्स ब्यूरो ने ट्वीट कर इस फैसले से नाखुशी जाहिर की है। ट्वीट में लिखा गया है, ‘सिंध हाई कोर्ट ने 24 दिसंबर को पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या के आरोपियों को रिहा करने के आदेश से हम बेहद चिंतित हैं। हमें यह आश्वासन दिया गया था कि इस बार आरोपियों को रिहा नहीं किया जाएगा। हम समझते हैं कि यह मामला चल रहा है और इसकी जांच बारीकी से की जाएगी। हम इस मुश्किल प्रक्रिया के समय पर्ल के परिवार के साथ खड़े हैं। हम एक साहसी पत्रकार के रूप में डेनियल पर्ल का हमेशा सम्मान करेंगे।’