पड़ोसी देश अफगानिस्तान में तालिबान राज में आये दिन नए – नए फरमान जारी करता रहा है। जिससे की वहां के लोगों का जीना दुश्वार बना हुआ है। इसी बीच तालिबान ने अफगान निवासियों पर शरिया कानून लागू कर दिया है । यानी अब अफगानिस्तान में शरिया कानून के तहत अपराधियों को सजा दी जाएगी। तालिबान के वरिष्ठ नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा ने इस्लामी कानून के सभी पहलुओं को पूरी तरह से लागू करने का आदेश दिया है। तालिबान द्वारा लागू किये गए इस कानून में अपराधियों को सार्वजनिक निष्पादन, पत्थरबाजी और कोड़े मारना और चोरों के लिए अंगों का विच्छेदन जैसी सजा शामिल है। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद के मुताबिक यह आदेश न्यायाधीशों के एक समूह के साथ मुलाकात के बाद दिया गया है।
गौरतलब है कि तालिबान ने वर्ष 1996-2001 के शासन की तुलना में पिछले साल सत्ता पर काबिज होते ही कहा था कि इस बार वह उदार शासन करेगा , इसके बावजूद उनका पुराना तरीका सामने आने लगा है। अपने पिछले शासन के दौरान तालिबान अपराधियों को राष्ट्रीय स्टेडियम में सार्वजनिक कोड़े और फांसी दिया करता था । मौजूदा समय में एक बार फिर ये कानून अफगानिस्तान में लागू कर दिया गया है। तालिबान सरकार के हवाले से कहा गया है कि ‘अब चोरों, अपहरणकर्ताओं और देशद्रोहियों की फाइलों की सावधानीपूर्वक जांच की जाएंगी। हुदूद और क़िसस के अंतर्गत आने वाले अपराधों में इस्लामी कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी जो शरीयत का हुक्म और ये वाजिब है।
क्या है शरिया कानून
शरिया क़ानून के तहत अपराधियों के अपराध को देखते हुए सजा देने के तरीकों का प्रवधान है । हुदुद उन प्रकार के अपराधों के लिए है जिनके लिए, इस्लामी कानून के तहत, कुछ प्रकार की सजा अनिवार्य है। वहीं इस इस्लामिक कानून में क़िसस को प्रतिशोध के रूप में बताया गया है। यानी जिसने जैसा किया उसके साथ वैसा किया जाये। हुदूद के अंतर्गत आने वाले अपराधों में व्यभिचार और किसी पर झूठा आरोप लगाना , शराब पीना, चोरी, अपहरण और राजमार्ग डकैती, धर्म त्याग और विद्रोह शामिल हैं। क़िसस में हत्या और जानबूझकर चोट पहुंचाना शामिल है।
शरिया कानून के तहत अपराधियों को कोड़े मारने की सजा से लेकर मौत की सजा देने तक का प्रावधान है। इसके तहत अपराधी को बुरी तरह यातनाएं दी जाती हैं। इसे देखते हुए संयुक्त राष्ट्र ने शरिया कानून की कई प्रकार की सजाओं पर प्रतिबंध लगा रखा है। इस कानून के तहत, व्यभिचारी करने वालों को कोड़े मारने की सजा दी जाती है। ऐसे कई मामलों है जिनमें अपराधी को पत्थर से मारकर मौत की सजा दी जाती है। अगर चोरी के दौरान हथियार का इस्तेमाल हुआ है तो फिर उसके हाथ और पैर दोनों ही काटे जा सकते हैं। चोरी की गंभीरता पर भी सजा निर्भर करती है। कई मामलों में फांसी पर भी लटका दिया जाता है। ज्यादातर इस्लामिक देशों में शरिया कानून या तो पूरी तरह से लागू है या फिर उसके कुछ ही नियम लागू किये गए हैं। सऊदी अरब, कतर, यूएई, इंडोनेशिया, ईरान, ब्रूनेई और नाइजीरिया जैसे देशों में इस्लामिक शरिया कानून पूरी तरह से लागू है।