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डेनमार्क में लॉकडाउन के बीच शुरू हुए स्कूल, बनाए कुछ सख्त नियम

डेनमार्क में लॉकडाउन के बीच शुरू हुए स्कूल, बनाए कुछ सख्त नियम

कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए विश्व के कई देशों में लॉकडाउन जारी है पर बुधवार से डेनमार्क में थोड़ी ढील दी गई है। इसी ढील के तहत स्कूलों में पांचवीं तक क्लास शुरू करने की अनुमति दी गई है। यह यूरोप का पहला देश है, जिसने स्कूल शुरू करने का फैसला लिया है। इसके लिए सरकार ने कुछ नियम भी बनाए हैं। जिनका पालन करना अनिवार्य है।

हालांकि, सरकार ने लॉकडाउन में ढील तो दी हैं, लेकिन डेनमार्क सरकार के इस कदम से बच्चों के माता पिता ख़ुश नहीं हैं। बच्चों के माता पिता का कहना हैं कि सरकार हमारे बच्चों पर प्रयोग कर रही है। फैसले के खिलाफ अभिभावकों ने फेसबुक पर ग्रुप बनाया है, ऐसे ही एक ग्रुप का नाम मेरे बच्चे गिनी पिग नहीं हैं। इस ग्रुप में 39 हजार लोग जुड़े हैं।

स्कूल में बच्चों के लिए कई नियम भी बनाए गए हैं। माता पिता अपने बच्चों को कुछ मिनट के अंतर पर छोड़ने-लेने आएंगे, ताकि भीड़ जमा न हो। स्कूल के अंदर दो मीटर के अंतर पर पेंट किया गया है। बच्चों को इसी दूरी को ध्यान में रखकर क्लास में जाना होगा।

पढ़ाई के दौरान ही बच्चों को हाथ धोने के लिए जाना होगा। हर बच्चे को एक मिनट तक हैंडवाश जरूरी करना होगा। बच्चों को क्लास में और खेलते समय 2 फुट की दूरी रखनी होगी। वे स्कूल में मास ग्रुप में नहीं बैठ सकते।

कोरोना वायरस महामारी के बीच दुनिया के 37 देशों के 11 करोड़ 70 लाख बच्चों को खसरे का टीका नहीं लग पा रहा है। ये बच्चे दुनिया के ऐसे क्षेत्रों में रहते हैं, जहां खसरे और रूबेला जैसी बीमारियों का प्रकोप अब भी है। संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनिसेफ और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंगलवार को कहा कि 24 देशों में टीकाकरण का काम लगभग बंद है।

13 देशों में भी यह कार्यक्रम प्रभावित हुआ है। दुनिया के 210 देशों में कोरोनावायरस का संक्रमण है। अब तक 19 लाख 88 हजार 770 लोग इसकी चपेट में हैं। एक लाख 26 हजार की मौत हो चुकी है। राहत की बात ये कि इसी दौरान चार लाख 66 हजार 948 संक्रमित स्वस्थ भी हुए हैं।

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