सऊदी अरब की महिला कार्यकर्ता लुजैन अल हथलौल को पांच साल के कारावास की सजा सुनाई गई है। लुजैन पिछले कई सालों से सऊदी की जेल में बंद थी। लुजैन सुर्खियों में तब आई जब उन्होंने सऊदी में महिलाओं को गाड़ी चलाने के अधिकार के लिए आवाज उठाई थी। कार्यकर्ता और उनकी महिला साथियों को 2018 में हिरासत में लिया गया था। उन पर आरोप लगाया गया था कि वह सऊदी से दुश्मनी रखने वाले संगठनों के संपर्क में हैं। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार समूह ने कई बार लुजैन को रिहा करने की बात दोहराई थी। पंरतु अब उन्हें पांच साल की सजा सुना दी गई है।
आंतकवाद के मामलों की सुनवाई के लिए बनाए गए विशेष अपराधिक न्यायलय ने हथलौल को राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेशी एजेंडे को आगे बढ़ाने समेत अन्य मामलों में दोषी पाया है। हथलौल बीते ढाई साल से अधिक समय से जेल में हैं तो इस अवधि को उनकी कुल सज़ा में से कम किया जा सकता है। लुजैन के ऊपर लगे आरोपों को उनके परिवार वालों ने बेबुनियाद बताया है। लेकिन सभी आरोपों को अदालत ने खारिज कर दिया हैं। परिवार वालों का आरोप है कि जेल में लुजैन को यातनाएं दी जा रही है। हथलौल के परिवार का कहना है कि हिरासत में लिये जाने के तीन महीने तक उन्हें किसी से बातचीत करने की अनुमति नहीं थी। उन्हें बिजली के झटके दिए गए कोड़े मारे गए और उनका यौन शोषण भी किया गया। परिवार का यह भी आरोप है कि उन पर दबाव बनाया गया कि अगर वो यह कह देती हैं कि उनके साथ प्रताड़ना नहीं हुई है तो उन्हें आज़ाद कर दिया जाएगा।
लुजैन अल हथलौल जन्म 31 जुलाई 1989 को सऊदी अरब में हुआ था। वह ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। सऊदी अरब में महिलाओं को गाड़ी चलाने पर प्रतिबंध की अवहेलना के लिए उन्हें कई बार गिरफ्तार और रिहा किया गया था और मई 2018 में कई प्रमुख महिला अधिकार कार्यकर्ताओं के साथ उन्हें गिरफ्तार किया गया था। उनके पति फहद अलबुतेरी एक स्टैंड-अप कॉमेडियन है। सितंबर 2016 में 14,000 अन्य लोगों के साथ अल-हथलौल ने किंग सलमान को एक याचिका पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें पुरुष संरक्षकता प्रणाली को समाप्त करने के लिए कहा गया था। 4 जून 2017 को उसे दम्मम के किंग फहद अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया और हिरासत में लिया गया था। गिरफ्तारी का कारण स्पष्ट नहीं था।
लुजैन अल-हथलौल की बहन आलिया जो ब्रसेल्स बेल्जियम में रहती है के अनुसार, लुजैन के खिलाफ विशेष रूप से इस्तेमाल की जाने वाली यातनाओं में पिटाई, बिजली के झटके और पानी में डुबाना शामिल है, और ये यातनाएं मई और अगस्त 2018 के बीच दी गई थी। लुजैन अल-हथलौल के माता-पिता ने कहा कि जब वे उनसे मिलने के लिए गए थे, तब लुजैन की जांघों पर चोट के निशान थे। और वह चलने या बैठने के लिए सामान्य रूप से अपनी पकड़ नहीं बना पा रही थी।