मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि सऊदी अरब के दो नागरिकों और एक अमेरिकी नागरिक ने रियाद एवं शाही परिवार की तरफ से इन असहमत ट्विटर उपयोगकर्ताओं की पहचान उजागर करने के मकसद से कथित तौर पर मिल कर काम किया।
‘वॉशिंगटन पोस्ट’ ने खबर दी कि अदालत में दायर याचिका के मुताबिक आरोपी सऊदी अरब के किसी अज्ञात अधिकारी के इशारे पर ऐसा कर रहे थे और यह अधिकारी किसी ऐसे व्यक्ति के लिए काम कर रहे थे जिन्हें अभियोजकों ने शाही परिवार का नंबर एक सदस्य बताया है। वहीं अखबार की मानें तो यह व्यक्ति सऊदी अरब के शहजादे (क्राउन प्रिंस) मोहम्मद बिन सलमान हैं।
जिन तीनों अधिकारियों पर आरोप लगाए गए, उनके नाम अली अलजबरा, अहमद अबाउमो और अहमद अलमुतैरी हैं। वकील डेविड एंडरसन ने कहा कि तीनों लोगों ने उन ट्विटर यूजर्स की निजी जानकारी निकालने का प्रयास किया, जो सऊदी सरकार और शाही परिवार के आलोचक थे। अमेरिका का कानून किसी भी कंपनी को बाहरी दखलंदाजी से सुरक्षा प्रदान करता है। हम अमेरिकी कंपनियों में किसी बाहरी दखल की अनुमति नहीं दे सकते।
अमेरिकी अटॉर्नी डेविड एंडर्सन ने कहा कि ‘आज सामने आई आपराधिक शिकायत में आरोप है कि सऊदी अरब के एजेंटों ने देश के ज्ञात आलोचकों और ट्विटर के हजारों अन्य उपयोगकर्ताओं की निजी जानकारी हासिल करने के लिए ट्विटर के आंतरिक तंत्र में सेंध लगाई।’
उन्होंने एक बयान में कहा कि ‘अमेरिकी कानून अमेरिकी कंपनियों को इस तरह की गैरकानूनी विदेशी घुसपैठ से बचाता है। हम अमेरिकी कंपनियों या अमेरिकी प्रौद्योगिकियों को अमेरिकी कानून का उल्लंघन करते हुए विदेशी दबाव का माध्यम नहीं बनने देंगे।’