मध्य युगीन परम्परा को त्यागते हुए सऊदी अरब में एक ऐतिहासिक फैसला लिया गया है। सऊदी अरब के न्यायालय ने अपने एक फैसले में कोड़ों की सजा को समाप्त करने का आदेश दिया है। ब्रिटिश समाचार एजेंसी ‘रॉयटर्स’ की ओर से यह कहा गया है कि सऊदी अरब में अपराधी को कोड़े मारने की सजा को समाप्त करने का फैसला किया गया है और साथ ही इस आदेश के पश्चात सऊदी अरब में कोड़े मारने की सजा के बदले कैद और जुर्माना जैसी सजाएं दी जाएंगी।
मानवाधिकार आयोग की ओर से कहा गया है कि इस नए सुधार के पश्चात् देश में अब किसी भी अपराधी को कोड़े मारने की सजा नहीं सुनाई जा सकेगी। मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष अवाद अल-अवाद की ओर से कहा गया है, “यह निर्णय इस बात की गारंटी है कि जिन अपराधियों को पुराने कानून के तहत कोड़े मारने की सजा सुनाई जा सकती थी, उन्हें अब उसकी जगह पर जुर्माना या जेल की सजा होगी।” दरअसल, सऊदी अरब में कई अपराधों में सजा के तौर पर कोड़े मारे जाते हैं। हाल ही में देश में अतीत की कई चीजों को खत्म किया गया है तो साथ ही कई अहम बदलाव भी किए गए हैं।
किंग शाह सलमान के आदेश पर फैसला
सऊदी अरब के मानवाधिकार रिकॉर्ड की आलोचना तब बढ़ी थी जब जून 2017 में किंग सलमान ने अपने बेटे प्रिंस मोहम्मद को युवराज और सिंहासन का उत्तराधिकारी बनाया था। युवराज की ओर से महत्वाकांक्षी, आर्थिक और सामाजिक सुधार भी शुरू किये गए , जिनमें महिलाओं को गाड़ी, राज्य में खेल और मनोरंजन जैसे कई कार्यक्रम में हिस्सा लेना शामिल हैं। जबकि अक्टूबर 2018 में इस्तांबुल स्थित सऊदी वाणिज्य दूतावास के अंदर पत्रकार जमाल खशोगी की नृशंस हत्या और उसके उपरांत सऊदी अरब के अंदर विरोधियो पर अत्याचारों ने अर्थव्यवस्था और समाज के आधुनिकीकरण की राजकुमार की शपथ को धूमिल कर दिया है।
अदालत के दस्तावेज़ के अनुसार इस सजा को सउदी अरब के बादशाह शाह सलमान के आदेश पर खत्म किया गया है। तो वहीं इस फैसले का कारन बताते हुए कहा गया है कि यह फैसला एक मानवाधिकार सुधारों का विस्तार है। मानवाधिकार समूहों की तरफ से अतीत के कई ऐसे मामलों का हवाला दिया गया था जिसमें सऊदी न्यायाधीशों की तरफ से उत्पीड़न और सार्वजनिक नशीली दवाओं के इस्तेमाल के साथ ऐसे कई अपराधों के लिए दोषियों को कोड़े मारने की सजा सुनाई थी।