सऊदी अरब की गिनती दुनिया के सबसे कट्टरपंथी देशों में होती है, जहां अभी भी सदियों पुराने कड़े नियम- कानून लागू हैं। लेकिन अब यह देश समय के साथ अपनी सोच में बदलाव लाने की ओर अग्रसर है।
हाल ही में सऊदी ने थाईलैंड से अपनी सदियों पुरानी दुश्मनी खत्म की है और अब सऊदी अरब अपने राष्ट्रगान और राष्ट्रीय ध्वज को लेकर कानून को बदलने की योजना बना रहा है। राज्य के मीडिया के अनुसार सऊदी अरब की गैर-निर्वाचित सलाहकार शूरा काउंसिल ने राष्ट्रगान और ध्वज में बदलाव के पक्ष में मतदान किया। हालाँकि, परिषद के निर्णयों का मौजूदा कानूनों या संरचनाओं पर कोई असर नहीं पड़ता है। लेकिन इसका निर्णय महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इसके सदस्यों की नियुक्ति सऊदी अरब के राजा द्वारा की जाती है।
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शूरा परिषद के निर्णय अक्सर देश के शीर्ष नेतृत्व के अनुरूप किए जाते हैं। शूरा परिषद ने इस संबंध में विस्तृत जानकारी नहीं दी है। सऊदी अरब के झंडे का रंग हरा है उसपर इस्लामिक शब्द अंकित हैं जिसपर एक तलवार चित्रित है। अब सऊदी अरब द्वारा इस्लाम के हरे झंडे से जुड़े कानूनों को दोबारा परिभाषित किया जाएगा।
गौरतलब है कि क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के सत्ता में आने के बाद से सऊदी अरब में महिलाओं को कई अधिकार देते हुए लगातार कड़े नियम टूट रहे हैं। साल 2017 से सऊदी अरब में महिलाओं के हितों के लिए कई अहम फैसले लिये जा रहे हैं। प्रिंस सलमान की आधुनिक सोच के चलते अब सख्त नियमों में शिथिलता प्रदान की जा रही है। राष्ट्रगान और राष्ट्रध्वज से जुड़े बदलाव का प्रस्ताव भी मोहम्मद बिन सलमान के इन्हीं सुधारों का हिस्सा है।