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कोरोना से पस्त हुआ सऊदी अरब, वैट की दर 5 फीसद से बढ़ाकर किया 15 फीसद

कोरोना से पस्त हुआ सऊदी अरब, वैट की दर 5 फीसद से बढ़ाकर किया 15 फीसद

विश्वभर में तेल का निर्यात करके मोटी कमाई करने वाला सऊदी अरब अब कोरोना वायरस से पस्त होता नजर आ रहा है। उसने खर्च में कटौती करने और जनता से वसूले जाने वाले टैक्स में तीन गुना वृद्धि करने का निर्णय लिया है। तेल का राजा कहलाने वाले सऊदी अरब की ओर से खर्च में 26 अरब डॉलर तक खर्च को घटाया गया है।

वैट की दर पांच फीसद से बढ़ाकर 15 फीसद

अब सऊदी के नागरिकों को कॉस्ट ऑफ लिविंग अलाउंस भी नहीं मिल सकेगा। यह सरकार की ओर से ही सालाना भत्ते के तौर पर सऊदी के नागरिकों को दिया जाता रहा है। सोमवार को सऊदी अरब के विदेश मंत्री द्वारा बताया गया कि सोमवार को यह कठिन निर्णय देश की आर्थिक स्थिति को और बेहतर और स्थाई बनाने के मकसद से किए गए हैं। सऊदी की सरकारी न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, वैट की दर पांच फीसद से बढ़ाकर 15 फीसद कर दी गई है। अब ये नई टैक्स दरें एक जुलाई से लागू भी हो जाएंगी।

बीते साल की पहली तिमाही के मुकाबले सऊदी अरब सरकार के राजस्व में  2020 में 22 फीसदी की बड़ी गिरावट देखी गई है। अरब सरकार क बजटीय घाटा 9 अरब डॉलर के भी पार पहुंच चुका है। पिछले साल की पहली तिमाही को देखा जाए तो इसके मुकाबले कच्चे तेल की बिक्री से मिलने वाले राजस्व में 24 फीसदी तक की कमी देखने को मिली है। सऊदी अरब की तरह अन्य तेल निर्यातक देश ईरान, इराक आदि की सरकारें की ओर से भी जनता से भारी टैक्स वसूली की राह अपनाई जा सकती है।

रेटिंग एजेंसी मूडीज ने जताई चिंता

इस घाटे की भरपाई के लिए सऊदी अरब सरकार की ओर से खर्च में 26.8 अरब डॉलर की बड़ी कटौती की गई है। इस पर मूडीज ने भी चिंता जताई है। रेटिंग एजेंसी मूडीज की ओर से कच्चे तेल में गिरावट के चलते सऊदी अरब के विदेशी मुद्रा भंडार में बड़ी गिरावट की आशंका जताई गई है। मूडीज के अनुसार, विदेशी मुद्रा भंडार जो 2019 में 488 अरब डॉलर था वो साल 2021 के अंत तक सऊदी अरब के पास 375 अरब ड़ॉलर तक ही सीमित हो जाएगा।

अभी तक सऊदी किंगडम द्वारा अर्थव्यवस्था की निर्भरता को निरन्तर कच्चे तेल से हटाकर अन्य सेक्टर्स की ओर ले जाने के प्रयास भी लगातार प्रभावहीन  साबित होते रहे हैं। गौरतलब है कि सऊदी अरब अपने राजस्व के लिए मोटे तौर पर कच्चे तेल के निर्यात पर ही आश्रित रहा है, लेकिन क्रूड ऑयल में बड़ी गिरावट के चलते कोरोना के संकट में सऊदी अरब की परेशानियां बढ़ गई हैं।

फिलहाल अभी लम्बे समय से क्रूड ऑयल 30 अरब डॉलर प्रति बैरल के लेवल पर ही बना हुआ है, जबकि सऊदी अऱब को अपने बजटीय घाटे को संतुलन में लाने के लिए काफी रकम की आवश्यकता है। साथ ही मुस्लिम समुदाय के लिए पवित्र स्थल माने जाने वाले मक्का और मदीना की धार्मिक यात्राओं को रोके जाने से भी सऊदी अरब को बड़े पैमाने पर राजस्व का नुकसान हुआ है।

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