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पाकिस्तान को भारी पड़ सकती है सऊदी अरब की नाराजगी 

इमरान खान जब से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने हैं,तब से दिक़्क़तों का सामना कर रहे हैं। कभी  सीमा विवाद तो कभी देश की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था उनकी चुनौती बनी हुई  है। विपरीत हालत में कभी उनका साथ देने वाले देशों में से एक सऊदी अरब भी उनसे नाराज चल रहा है।इस बीच पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के बड़बोलेपन से नाराज सऊदी अरब को मनाने के लिए रियाद तक दौड़े भागे  सेना अध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा को भी इज्जत नहीं बख्शी गई। सऊदी ने पाकिस्तानी सेना अध्यक्ष को ज्यादा तवज्जो  नहीं देकर यह जता दिया है कि दोनों देशों के संबंध जल्दी से पटरी पर नहीं लौटने वाले हैं। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक बाजवा के हर संभव प्रयास के बावजूद क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने उन्हें मिलने का समय नहीं दिया।

इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के प्रमुख जनरल फैज हमीद के साथ सोमवार 17 अगस्त  को सऊदी पहुंचे बाजवा की मुलाकात सऊदी अरब के रक्षा राज्य मंत्री खालिद बिन सलमान और सऊदी अरब के सेना अध्यक्ष जनरल फयाद बिन अहमिद अल रुआइलि से हुई, लेकिन वे क्राउन प्रिंस से समय लेने में असफल रहे।

इन दोनों देशों में दशकों पुरानी दोस्ती ने उस समय बुरे दौर की ओर रुख कर लिया जब पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भारत के कश्मीर के मुद्दे पर भारत के खिलाफ उसका साथ नहीं देने को लेकर सऊदी को चेतावनी दे डाली। भारत की ओर से जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाए जाने की पहली वर्षगांठ के मौके पर कुरैशी ने एक टीवी इंटरव्यू में सऊदी पर निशाना साधा था।

कुरैशी के इस बयान से नाराज रियाद ने पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर का कर्ज वापस करने को मजबूर कर दिया और 1 अरब डॉलर की और मांग की जा रही है। जिसके बाद खस्ताहाल पाकिस्तान ने चीन से उधार लेकर एक अरब डॉलर का कर्ज चुकाया । सऊदी से रिश्ता बिगड़ना पाकिस्तान को काफी भारी पड़ सकता है। जिसके बाद माना जा रहा था कि सऊदी अरब से इसलिए जल्द संबंध सुधारने के लिए पाकिस्तान में काफी बेचैनी है।

रियाद ने पाकिस्तान की कई बार मदद की है। इससे पहले सऊदी ने ही 1980 के दशक में पाकिस्तान को F-16 लड़ाकू विमानों का पहला बेड़ा सौंपा था।इसके बाद  दो साल पहले भी 6 अरब डॉलर की आर्थिक सहायता दी थी ।

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