अपने कट्टरवादी कानूनों को लेकर दुनिया में कुख्यात सऊदी अब अपनी इस छवि को बदलने के प्रयास में लगा हुआ है। देश में महिलाओं की स्थिति को सुधार कर अब सऊदी खुद को केवल तेल निर्यातक और कट्टरवादी सोच रखने वालों के तौर पर प्रदर्शित करना नहीं चाहता।
कहा जाता है कि सऊदी अरब में हो रहे सुधार क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के विज़न 2030 के तहत किए जा रहे हैं। क्राउन प्रिंस सऊदी महिलाओं को विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढ़ाने के लिए लगातार फैसले ले रहे हैं। अब सऊदी के रक्षा मंत्रालय की ओर से घोषणा की गई है कि अब सऊदी में महिलाएं भी पुरषों की तरह सेना में भर्ती हो सकेंगी। सेना में शामिल होने की महिलाओं को अनुमति को एक बड़े बदलाव की ओर कदम के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि इससे पहले भी कई कानूनों में महिलाओं को छूट दी गई है। जैसे ड्राइविंग का अधिकार, पुरुषों के साथ लिविंग में रहना और व्हॉट्सएप और स्काइप जैसी वॉइस और वीडियो कॉल ऐप से पाबंदी हटाना आदि।
महिलाओं को गुजरना होगा ऐडमिशन प्रक्रिया से
सेना के तीनों ही अंगों आर्मी, एयरफोर्स, नेवी, मेडिकल सेवा और रॉयल स्ट्रेटजिक मिसाइल फोर्स में महिलाएं शामिल होकर अपनी सेवा दे सकती हैं। इसके लिए महिलाएं अब से अप्लाई कर सकेंगी। महिलाएं सैनिक, लांस नायक, नायक, सार्जेंट और स्टाफ सार्जेंट के जैसे पदों पर आवेदन कर सकती हैं। बता दें कि इस फैसले की घोषणा सऊदी अरब सरकार ने सबसे पहले वर्ष 2019 में की थी। लेकिन अब इसे पूर्ण रूप से लागू किया गया है।
महिलाओं को सेना में शामिल होने के लिए मेडिकल तौर पर फिट होना चाहिए। उनकी उम्र 21 से 40 साल के बीच होना अनिवार्य हैं। सऊदी के नियम के अनुसार, कोई आपराधिक रिकॉर्ड न हो। लंबाई 155 सेंटीमीटर या उससे अधिक होनी चाहिए।