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चीन में स्कूलों और सार्वजनिक स्थलों पर बांटे जा रहे सैनिटरी पैड

महिलाओं के मासिक धर्म के प्रति वर्षों पुरानी छुआछूत की घृणा को लेकर चीन ने एक मुहिम शुरू की है। मासिक धर्म और इससे संबंधित चीजों के बारे में समाज का रवैया हमेशा से रूढ़िवादी रहा है, जिसके कारण महिलाओं के जीवन में एक सामान्य और प्राकृतिक गतिविधि भी शर्म और चुप्पी का विषय बन हुई है। दुनिया भर के कई देशों में मासिक धर्म को लेकर महिलाओं को अब भी शर्म और कई रूढ़िवादी धारणाओं से गुजरना पड़ता है।

भले ही आज समय के साथ देशों में महिलाओं को लेकर समाज का रवैया बदल गया है और महिलाएं हर क्षेत्र में अपना लोहा मनवा रही है। इन सबके बावजूद भी महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान परिवार से अलग कर दिया जाता है, मंदिर या पूजा करने के लिए मना किया जाता है, रसोई घर में उनका प्रवेश वर्जित हो जाता है। यहां तक कि उनके बिस्तर को अलग कर दिया जाता है और परिवार के किसी भी पुरुष सदस्य से इस बारे में बात न करने के निर्देश दे दिए जाते हैं।

मासिक धर्म के बारे में इस सदियों पुरानी गलत धारणा को लेकर चुप्पी को तोड़ने की जरूरत है। इसी बात पर जोर देते हुए चीन ने एक मुहीम शुरू की है। जिससे की मासिक धर्म को लेकर बनी गलत धारणाओं को तोड़ा जा सके। इसके तहत देश के हर स्कूल कॉलेज के बाथरूम के बाहर बेटियों को मुफ्त सैनिटरी पैड उपलब्ध कराने की कोशिश की जा रही है। साथ ही उन्हें जागरूक किया जा रहा है कि वह बेझिझक पैड का इस्तेमाल करें और शर्म को छोड़े।

स्कूल-कॉलेजों में छात्र-शिक्षकों ने शुरू किया ‘स्टैंड बाय हर’ अभियान

चीन में शिक्षकों और छात्रों ने ‘स्टैंड बाय हर’ (stand by her) नाम से एक अभियान शुरू किया है। जिसका बीड़ा खुद शिक्षकों और छात्रों ने मिलकर उठाया है। उनका उद्देश्य है कि देश भर में मासिक धर्म की शर्म और पीरियड पावर्टी (पैसे के अभाव में पैड न खरीद पाना) खत्म हो। पिछले महीने से एक मिडिल स्कूल से शुरू हुआ यह अभियान अब तक चीन के शंघाई, बीजिंग सहित कई शहरों के 338 स्कूल कॉलेज तक पहुंच गया है। चीन में महिला अधिकारों के लिए काम करने वाले लोगों की ओर से भी मुहिम को सराहा गया है। महिलाओं के अधिकारों के लिए काम कर रहे लोगों ने कहा कि इसने विकास का दंभ भरने वाले देश को आईना दिखाया है।।

पूरी मुहीम में छात्राओं की ओर से विशेष योगदान दिया जा रहा है। छात्राओं द्वारा इस मुद्दे पर खुलकर बात की जा रही है। उन्होंने सैनिटरी उत्पाद खरीदने में होने वाली शर्मिंदगी की बात को सामने रखा जिसके बाद महिला अधिकार कार्यकर्ता जियांग जिनजिंग की ओर से ‘स्टैंड बाय हर’ मुहिम की नींव रखी गई।

साथ ही इसके लिए छात्रों शिक्षकों से आगे आने की अपील भी की। बीते अक्टूबर में अकेले जिनजिंग ने सवा लाख डॉलर चंदा इकट्ठा किया। जिससे उन्होंने गांव में दो हजार से ज्यादा किशोरियों को सेनेटरी पैड बांटे। रूढ़िवादी तबका निजता को उजागर करने को लेकर इसका मजाक भी बना रहा है। हालाँकि सोशल मीडिया पर मुहीम को काफी सराहा जा रहा। देशभर में इस मुहीम को लेकर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी जा रही है।

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