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अमेरिका में समलैंगिक विवाह विधेयक पारित

देश को आजाद हुए 75 वर्ष पूरे हो गए हैं तो वही हाशिए पर रहने वाला एलजीबीटीक्यू समुदाय समाज में धीरे-धीरे अपनी अलग पहचान बना रहा है। विश्व भर में समलैंगिक संबंधों को अब संवेदनशील नजरिये से देखा जा रहा है। बदलते वक्त के साथ समुदाय को अधिकार भी मिल रहे हैं और उसकी आवाज को समर्थन भी मिल रहा है। इसी बीच अमेरिकी सीनेट ने समलैंगिक विवाह को मंजूरी देने वाला विधेयक पारित कर दिया है। दशकों से अमेरिका में समलैंगिक विवाह से विवादित रहा है।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने बिल पारित होने के बाद बयान दिया कि अमेरिका इस बुनियादी सच्चाई की पुष्टि करने के कगार पर है कि प्यार प्यार होता है, सीनेट द्वारा पारित बिल के लिए धन्यवाद। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकियों को यह अधिकार है कि वे जिससे चाहें शादी कर लें। सीनेट के नेता चक शूमर ने जवाब दिया है कि यह देश में समानता की दिशा में एक और कदम है। समलैंगिक विवाह से जुड़ा एक बिल इस साल की शुरुआत में अमेरिकी संसद में पारित हुआ था। बिल को 47 रिपब्लिकन और 47 डेमोक्रेट्स का समर्थन प्राप्त था। अमेरिकी जनगणना के अनुसार, देश में लगभग 568,000 विवाहित समलैंगिक जोड़े रहते हैं। इस बीच कुछ जोड़ों द्वारा भारत में भी समलैंगिक विवाह को वैध बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। ‘विशेष विवाह अधिनियम, 1954’ के तहत देश में समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दायर की गई हैं।

समलैंगिकता को दुनिया के कई हिस्सों में अवैध माना जाता है और कुछ जगहों पर इसमें मौत की सजा दी जाती है।

अफ्रीका
अफ्रीका के लगभग 30 देशों में समलैंगिकता पर बैन है। वहीं पूरे दक्षिण अफ्रीका में समलैंगिक शादी को अनुमति मिली हुई है। मिडिल ईस्ट और संयुक्त अरब अमीरात के देशों में तो समलैंगिक संबंधों को लेकर मौत की सजा तक दी जाती है। समलैंगिक अधिकारों को केवल इजरायल मान्यता देता है।

एशिया
समलैंगिकों को लेकर एशिया का अधिकतर हिस्सा नरमी बरतता है। एशिया में सबसे पहला क्षेत्र ताइवान है यहां साल 2017 में समलैंगिक विवाह को मंजूरी मिल गई थी। 2015 में वियतनाम ने भी समलैंगिक विवाह समारोहों से बैन हटाया था। बावजूद इसके समलैंगिक संगठनों को पूरी तरह से कानूनी मान्यता प्राप्त नहीं है। थाइलैंड में इसी वर्ष जून में सांसदों की ओर से समलैंगिक यूनियनों को वैध बनाने की प्रारंभिक मंजूरी दी गई थी। न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में समलैंगिक विवाह की क़ानूनी मंजूरी प्राप्त है।

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यूरोप
दुनिया में सबसे पहले नीदरलैंड ने समलैंगिक जोड़ों के विवाह को मान्यता दी थी। जिसके बाद से यूरोप के 17 देश समलैंगिक विवाह को वैध कर चुके हैं।  जहां समलैंगिक विवाह मान्य है वो देश हैं ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, ब्रिटेन, डेनमार्क, फिनलैंड, फांस, जर्मनी, आइसलैंड, आयरलैंड, लक्जमबर्ग, माल्टा, नॉर्वे, पुर्तगाल, स्पेन, स्वीडन, लोवेनिया और स्विटजरलैंड।  कुछ देश केवल समलैंगिक नागरिक भागीदारी को मान्यता देते हैं उनमें चेक गणराज्य, क्रोशिया, साइप्रस, एस्टोनिया, ग्रीस, हंग्री और इटली शामिल हैं।

1993 तक रूस में समलैंगिकता को अपराध माना जाता था और उसके बाद 1999 तक इसे मानसिक बीमारी करार दिया गया लेकिन मौजूदा समय में वहां अब समलैंगिकता वैध है।

सीनेट से यह विधेयक फिर निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स को भेजा जाएगा। उसकी मंजूरी के बाद इसे राष्ट्रपति बाइडन के हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा। यह पूरी प्रक्रिया तेजी से होने की संभावना है।

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