अमेरिकी चुनाव खत्म हो गए, जो बाइडन चुनाव जीत गए। रिपब्लिक पार्टी के प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रंप अभी भी अपनी हार स्वीकार नहीं कर रहे है। बाइडन के चुनाव जीतने के बाद कई देशों के राष्ट्रपतियों, प्रधानमंत्रियों ने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति को ट्विटर और फोन के माध्यम से बधाई दी। रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अभी तक जो बाइडन को बधाई नहीं दी। जिसको लेकर इंटरनेशनल मीडिया में माहौल गर्माया हुआ है। एक रुसी टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में पुतिन ने कहा कि वो कानूनी लड़ाई के फैसले आने तक इंतजार करेंगे तभी वह बाइडन को बधाई देंगे। उन्होंने कहा कि अगर हम देर से बधाई देते है तो रूस और अमेरिका के रिश्ते पर कोई असर नहीं पड़ेगा। पंरतु रूस और अमेरिका के रिश्ते काफी समय से खराब चल रहे है। ट्रंप ने हालांकि कई बार पुतिन की तारीफ भी की है। लेकिन आपसी संबंध उनके काफी खराब रहे है।
ट्रंप पर रूस से मदद लेने का आरोप भी लगा है। इंटरव्यू के दौरान जब पुतिन से पूछा गया कि आप बधाई न देकर दोनों देशों के रिश्तों को खराब कर रहे है तो इस पर पुतिन ने जवाब देते हुए कहा कि ” जो रिश्ता पहले से ही ख़राब है वो और क्या ख़राब होगा। हम लोगों का दोनों से सम्मानजनक संबंध है। निवर्तमान राष्ट्रपति ट्रंप और नव-निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन दोनों से सम्मानजनक रिश्ते हैं। हमें किसी से कोई समस्या नहीं है। यह एक औपचारिक मामला है। हमारा कोई छुपा हुआ एजेंडा नहीं है। मुझे नहीं लगता कि औपचारिक रस्म निभाने में जल्दबाज़ी दिखाने से ख़राब रिश्ते अच्छे हो जाएंगे।”
पुतिन ने आगे कहा कि “पिछली बार भी जब हिलेरी क्लिंटन जीत रही थी, तब सभी लोगों ने उन्हें बधाई दी थी। लेकिन अंत में जीत ट्रंप की हुई थी।
अमेरिका के किसी भी राष्ट्रपति के साथ काम करने को तैयार हैं जिन्हें वहाँ की जनता ने चुना है लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि वोट गिने जाने और घरेलू राजनीतिक संघर्ष के थमने तक इंतज़ार किया जाए।” बता दें कि इस बार अमेरिकी चुनाव में बाइडन को ट्रंप से 60 लाख ज्यादा वोट मिले है। जीत के लिए 270 इलेक्टोरल कॉलेज चाहिए, बाइडन को 306 वोट मिले। ट्रंप अपनी हार मानने को तैयार नहीं है वह बार-बार वोटों की गिनती पर धोखाधड़ी का आरोप लगा रहे है। रूस की तरह चीन ने भी जब बाइडन जीते तो बधाई नहीं दी थी। लेकिन 13 नंवबर को चीन ने भी बाइडन को बधाई दे दी थी।