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विपक्षी नेता को अंडरवियर के जरिये जहर देकर मारना चाहती थी रूसी खुफिया  एजेंसी 

राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के घोर आलोचक रहे  रूसी विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी ने कहा है कि एक रूसी एजेंट ने उन्हें मारने की कोशिश करने की बात कबूल की है। नवलनी ने एक ब्लॉग पर  इस बारे में जानकारी दी है। बकौल एलेक्सी रूसी खुफिया एजेंसी ने उनके अण्डरवीयर में जहर छुपा कर उनकी जान लेने का प्रयास किया था।

क्रेमलिन आलोचक ने अपने ब्लॉग पोस्ट में कहा कि उन्होंने संघीय सुरक्षा सेवा (एफएसबी) के एक रासायनिक हथियार विशेषज्ञ कोंस्टैटिन कुर्दिस्तोव से बात की थी। कहा  कि “मैंने उसे खुद का परिचय सुरक्षा परिषद के प्रमुख निकोलाई पेत्रुशेव के सहयोगी के रूप में किया।” जिसके बाद उन्‍होंने एजेंट को आश्वस्त किया कि वह एफएसबी जनरल के सहयोगी हैं और जहर पर  आधिकारिक रिपोर्ट चाहते हैं।

नवलनी ने पिछले दिनों फोन पर हुई बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग और फोन पर बातचीत का वीडियो भी जारी किया है । विपक्षी नेता ने जो ऑडियो रिकॉर्डिंग और फोन कॉल का वीडियो जारी किया है, उसमें यह प्रदर्शित होता है कि वह कुद्रीवत्सेव बोल रहा है। ऑडियो रिकॉर्डिंग में लाइन के दूसरे छोर पर आवाज शुरू में हिचकिचाहट और सतर्क लगती है, लेकिन अंततः कहानी बताती है कि नवलनी जहर के हमले से क्यों बच पाए।

इस आरोप के जबाब में एफएसबी ने  फोन कॉल को एजेंसी को “बदनाम करने के उद्देश्य से उकसाने वाला” बताया। इसमें कहा गया है कि “नवलनी के खिलाफ कथित कार्रवाइयों” के बारे में फोन पर बातचीत “विदेशी खुफिया सेवाओं के समर्थन के बिना संभव नहीं होगी।” एजेंसी ने कहा कि कॉल से प्रकाशित क्रेमलिन आलोचक का वीडियो “नकली” था।

44 वर्षीय नवलनी अगस्त में साइबेरिया से मॉस्को जाने वाली उड़ान के दौरान बीमार पड़ गए थे और उन्हें चिकित्सा विमान द्वारा बर्लिन ले जाने से पहले रूसी शहर ओम्स्क में भर्ती कराया गया था।

कई पश्चिमी देशों के विशेषज्ञों ने निष्कर्ष निकाला कि क्रेमलिन आलोचक को सोवियत युग के नोविचोक तंत्रिका एजेंट के साथ जहर दिया गया था। जबकि मास्को ने बार-बार इससे इनकार किया है।

उस कॉल के दौरान, उस व्यक्ति ने माना कि उनके पायलट से ओम्स्क में आपातकालीन लैंडिंग की उम्मीद नहीं की थी। उन्होंने कहा कि अगर उड़ान को जारी रखने की अनुमति दी गई होती, तो नवलनी बच नहीं पाते । एजेंट ने कहा कि एक हमलावर ने नवलनी के अंडरवियर की एक जोड़ी के अंदरूनी सीम में जहर रखा था।

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन व्लादिमीर पुतिन के प्रमुख आलोचक एलेक्सी  नवलनी को जहर देने के मामले में एक नया खुलासा हुआ है। खबरों  के मुताबिक नवेलनी को जहर  अंडरवियर के जरिए दिया गया था। रूसी ख़ुफ़िया एजेंसी FSB के एक एजेंट ने इस बात का खुलासा किया है कि कैसे एक पूरी टीम ने इस काम को अंजाम दिया था। एजेंट ने ये खुलासा नवेलनी को फोन कर किया था, जिसकी रिकॉर्डिंग को उन्होंने सार्वजनिक किया है।

खबरो के मुताबिक नेवालनी को रूस का बदनाम  ‘नोविचोक नर्व एजेंट’ नामक ने जहर दिया था। यह नर्व एजेंट को उनके अंडरवियर पर छिड़क दिया गया था और यह काम उनके होटल के कमरे में एक एजेंट ने किया था। इस सनसनीखेज खुलासे से  दो  दिन पहले पुतिन ने नवेलनी पर हुए घातक हमले से जुड़े एक सवाल पर  हंसते हुए कहा कि “अगर मैं ये चाहता  तो वे आज जिंदा नहीं घूम रहे होते “।  जर्मनी के अलावा फ्रांस और स्वीडन की एक्सपर्ट इंडस्ट्री में हुए टेस्ट के बाद नवेलनी को सोवियत दौर के ‘नर्व एजेंट नोविचोक ‘ दिए जाने की पुष्टि हुई थी। जर्मनी की एक सैन्य प्रयोगशाला ने भी पूर्व में उनके उत्पाद में इस पदार्थ की पुष्टि की थी। 2017 में भी नवेलनी पर हमला हुआ था। उसके समय उन पर एंटिसेप्टिक डाई से हमला हुआ जिसकी वजह से उनकी दाहिनी आंख केमिकल बर्न से प्रभावित हुई थी। पिछले साल ही उनके ‘एंटी करप्शन फ़ाउंडेशन’ को विदेशी एजेंट घोषित किया गया था।

जर्मनी में बने सोवियत संघ के पूर्व वैज्ञानिक रहे व्लादिमीर उग्लेव ने दावा किया है कि नोविचोक या इसी से मिलते-जुलते किसी जहर को एलेक्सी के अंडरवियर, अंडरपैंट, अंडरशर्ट या सॉक्स के जरिए अपने शरीर में पहुंचाया गया है। कातिल ने अपने इनरवियर पर बस इसे छिड़क दिया होगा और ये इतना घातक है कि बहुत ज्यादा था। 73 साल के व्लादिमीर उग्लेव ने बताया कि रूसी ख़ुफ़िया एजेंसी के किसी एजेंट के लिए एलेक्सी के कमरे तक पहुंचना बेहद आसान था। वह शंख्स के बाद होटल के कमरे में घुसा और उनके कपड़े और खासकर अंडरवियर पर उसे चुटकी भर दी गई। एलेक्सी ने अनजाने में कपड़े पहन लिए और ये उनके शरीर तक त्वचा के जरिए पहुंच गए।

नोविचोक नाम का खास जहर दो साल पहले भी खूब चर्चित हुआ था जब ब्रिटेन में रहने वाले पूर्व जासूस सर्गेई स्क्रिपल और उनकी बेटी को इसी जहर से निशाना बना कर मार डाला गया था। नोविचोक एक खास तरह का रासायनिक हथियार है। इस जहर की बड़ी बात यह है कि यह आसानी से पकड़ में नहीं आता है। शीत युद्ध के दौरान सोवियत संघ में फोलिएंट नाम को कोडेम के कार्यक्रम के तहत यह चौथी पीढ़ी के रासायनिक हथियारों की श्रेणी के 1970-1980 के बीच विकसित नर्व एजेंट के समूह है जिसे नोविचोक कहा जाता है।

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