यूक्रेन पर हमला करने के कारण रूस को खेल जगत से लगातार अलग-थलग किया जा रहा है। जहां राष्ट्रपति पुतिन को अंतरराष्ट्रीय जूडो महासंघ के मानद अध्यक्ष से निलंबित कर दिया वहीं, फीफा वर्ल्ड कप और यूईएफए चैंपियन लीग ने भी रूस को पूरी तरह से बैन कर दिया है
दुनिया भर में यूक्रेन पर रूस के हमले का विरोध शुरू हो गया है। संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) से लेकर दुनिया भर के देशों के नेता, कलाकार और आम लोग रूस के इस कदम की निंदा कर रहे हैं। रूस पर आर्थिक प्रतिबंध तो लग ही रहे हैं, इसके साथ ही अब खेलों में भी उसका बहिष्कार शुरू हो गया है। जिसकी वजह से साल के अंत में कतर में होने वाले फुटबॉल वर्ल्ड कप से रूस को बाहर निकाल दिया गया है। साथ ही रूसी फुटबॉल क्लबों को दुनियाभर के सभी टूर्नामेंट और चैंपियनशिप में हिस्सा लेने से रोक लगा दी गई है। इसी महीने मॉस्को में 24 मार्च को वर्ल्ड कप क्वालीफाईंग मैच का प्लेऑफ खेला जाना था। लेकिन पोलैंड, स्वीडन और चेक गणराज्य ने कहा कि वह रूस के खिलाफ अपनी टीम नहीं उतारेंगे।
यूईएफए चैंपियन लीग के फाइनल की मेजबानी से सेंट पीटर्सबर्ग से छीनकर पेरिस को इसकी जिम्मेदारी सौप दी। यह मैच पहले से तय कार्यक्रम के मुताबिक 28 मई को होगा लेकिन अब इसे पेरिस में खेला जाएगा। इसकी मेजबानी फ्रांस करेगा। इसके अलावा रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को अंतरराष्ट्रीय जूडो महासंघ के मानद अध्यक्ष के रूप से हटा दिया गया है। वो साल 2008 से ही इस संस्था के मानद अध्यक्ष थे। बता दें कि 69 साल के रूसी राष्ट्रपति जूटो में ब्लैकबेल्ट हैं।
यही नहीं फॉर्मूला वन मोटरस्पोर्ट ने 25 सितंबर को रूस के सोची के ओलंपिक पार्क में होने वाले रूसी ग्रां प्री के आयोजन को रद्द कर दिया है। वर्ल्ड मोटर स्पोर्ट काउंसिल की 1 मार्च को हुई बैठक में एफआईए और टीमों ने स्थिति पर चर्चा की और इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि ‘‘मौजूदा परिस्थितियों में रूसी ग्रां प्री आयोजित करना असंभव है।’’ इंटरनेशनल जूडो फेडरेशन (आईजेएफ) ने भी रूस के कज़ान में 20-22 मई तक होने वाले ग्रैंड स्लैम कार्यक्रम को रद्द कर दिया है।
यूईएफए यूरोप लीग ने यह भी घोषणा की कि वह वह रूस की सबसे बड़ी ऊर्जा कंपनी ‘गजप्रोम’ के साथ अपनी साझेदारी को समाप्त कर रहा है। खबरों के मुताबिक 2024 तक चलने वाले सौदे में गजप्रोम एक वर्ष में लगभग 40 मिलियन यूरो (45 मिलियन डॉलर) का भुगतान कर रहा था। इस युद्ध के चलते चेल्सी फुटबाल क्लब के रूसी मालिक रोमन अब्रामोविच को अपना पद छोड़ना पड़ा है। अब्रामोविच ने कहा कि वह प्रीमियर लीग क्लब को इसके धर्मार्थ फाउंडेशन के ट्रस्टियों को सौंप रहे हैं। ब्रिटेन ने रूसी कंपनियों और रूस से संबंध रखने वाले लोगों पर तमाम तरह की पाबंदियां लगा दी थी। जिसके बाद उन्हें यह फैसला लेने को मजबूर होना पड़ा।
रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले बाद अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक संघ आईओसी के कार्यकारी बोर्ड ने सभी स्पोर्ट्स फेडरेशन से रूस या बेलारूस में आयोजित होने वाले सभी टूर्नामेंट को रद्द करने और किसी अन्य जगह पर इन्हें आयोजित करने की बात कही है। बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन (बीडब्ल्यूएफ) ने भी रूस और बेलारूस में सभी स्वीकृत टूर्नामेंटों को रद्द कर दिया। साथ ही उन्हें ‘‘अगली सूचना तक“ भविष्य के टूर्नामेंट की मेजबानी करने से प्रतिबंधित कर दिया है। यहां तक की यूक्रेन के पड़ोसी देश पोलैंड ने रूस के खिलाफ खेलने से इनकार कर दिया है।
पोलिश फुटबॉल फेडरेशन के प्रेसिडेंट ने एलान किया है कि पोलैंड रूस के साथ होने वाला फीफा वर्ल्ड कप 2022 का प्लेऑफ मुकाबला नहीं खेलेगा। यह मुकाबला इसी महीने मास्को में 24 मार्च को होना था। पोलिश फुटबॉल फेडरेशन के प्रेसिडेंट सीजरी कुलेज ने कहा है कि यह एक्शन लेने का समय है। रूस द्वारा यूक्रेन पर किये गए हमले के कारण पोलिश टीम हमलावर देश के खिलाफ वर्ल्ड कप का प्लेऑफ मैच नहीं खेलेगी। पोलैंड के इस कदम के बाद अन्य खेलों में भी रूस का बहिष्कार करना जारी है।