फोर्ब्स के रूसी संस्करण के मुताबिक ‘रूस में अब आधिकारिक रूप से 110 बिलियनेयर हैं पिछले साल यह आंकड़ा कम था लेकिन इस वर्ष यह बढ़कर 132 हो गया है। इन सभी अमीर लोगों के पास कुल 505 अरब डॉलर की संपत्ति है, जो वर्ष 2021 में केवल 152 अरब डॉलर थी, वर्ष 2022 में 353 अरब डॉलर आंकी गई थी लेकिन इस वर्ष यह और अधिक हो गई है। रूस और यूक्रैन के बीच लम्बे समय से चल रहे यश के बावजूद भी यहां के अरबपतियों को काफी फायदा हुआ है।
फोर्ब्स की रिपोर्ट में यह बी सामने आया कि ‘पिछले साल की सूची के मुकाबले रूस की अर्थव्यवस्था पर संकट के पूर्वानुमानों का असर देखा गया है।’ 2021 में यानी यूक्रेन युद्ध शुरू होने से पहले रूसी अरबपतियों की कुल संपत्ति 606 अरब डॉलर आंकी गई थी। 24 फरवरी 2022 को रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया था। उसके बाद पश्चिमी देशों, खासकर अमेरिका ने रूस पर कड़े आर्थिक और वित्तीय प्रतिबंध लगा दिए थे, जो की इतिहास में रूस पर ये सबसे बड़े प्रतिबंध हैं, इन प्रतिबंधों में रूस के कई अरबपतियों को भी शामिल किया गया था। युद्ध के कारण उत्पन्न हुए इन कारणों से रूस के कई अरबपतियों ने रूस की नागरिकता को त्याग दिया है।
अरबपतियों ने छोड़ी रूस की नागरिकता
फोर्ब्स का कहना है कि यह सूची और लंबी हो सकती थी लेकिन देश के पांच अरबपतियों ने रूसी नागरिकता छोड़ दी है जिसके कारण इस सूची में केवल 22 लोगों की एंट्री हुई है। रूस छोड़ने वाले लोगों में ‘डीएसटी ग्लोबल के संस्थापक यूरी मिलनर, रिवॉल्ट के संस्थापक निकोले स्ट्रोन्स्की, फ्रीडम फाइनैंस के तिमूर तूरलोव और जेटब्रेन्स के मालिकों सर्गेई दिमित्रीव व वेलेनटिन किप्यात्कोव हैं जिन्होंने देश में चल रहे युद्ध के कारण नागरिकता त्याग दी है। इन्ही के साथ खाद विक्रेता आंद्रेई मेलनिशेंको को फोर्ब्स ने रूस का सबसे धनी व्यक्ति बताया है। उनकी संपत्ति 25.2 अरब डॉलर आंकी गई है, जो बीते साल से दोगुना से भी ज्यादा देखी गई है।
व्यापारिक देशों द्वारा लगये गए इन प्रतिबंधों का रूस की अर्थव्यवस्था पर असर स्पष्ट दिख रहा है। वर्ष 2022 में रूस की अर्थव्यवस्था 2.1 फीसदी सिकुड़ गई है। लेकिन चीन, भारत और मध्य पूर्वी देशों ने उसके तेल, धातुएं और अन्य कुदरती संसाधनों का आयात ना सिर्फ जारी रखा बल्कि बड़े पैमाने पर बढ़ा दिया, जिससे रूसी धनपतियों को भरपूर फायदा हो रहा है। इसके पीछे रूस का तेज और अन्य धातुओं का एकल व्यापारी होना है।