अमेरिका में हुए 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिक पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडन के हाथों हार का मुंह देखना पड़ा। हालांकि ट्रंप ने अपनी हार को बड़ी मुश्किल से पचाया, लेकिन कैपिटल हिल में दंगा करवाने के बाद। किसी भी देश के चुनावों में अगर कोई बाहरी देश अपने पंसदीदा उम्मीदवार को स्पोर्ट करता है या चुनाव में लोगों को भ्रामक करता है तो यह अंतर्राष्ट्रीय कानूनों की अवहेलना के अंतर्गत आता है। हाल ही में अमेरिका के इंटेलिजेंस ने एक रिपोर्ट पेश की है जिसमें बताया गया है कि अमेरिका के 2020 के राष्ट्रपति चुनावों में रुस ने डोनाल्ड ट्रंप को जिताने के लिए उनका सहयोग किया था। यूएस खुफिया एजेंसी द्वारा जारी यह रिपोर्ट 15 पेजों की है।
एजेंसी द्दारा जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि रुस और ईरान ने अमेरिकी चुनाव नतीजों को व्यापक प्रभावित करने की कोशिश की, लेकिन इस बात के कोई सबूत नहीं मिले कि किसी विदेशी दखल से मतों या मतदान प्रक्रिया पर कोई असर पड़ा हो। राष्ट्रीय खुफिया कार्यालय ने जारी रिपोर्ट में अमेरिका में 2020 में हुए चुनावों में विदेशी दखल का विस्तृत आकलन दिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान ने मतदान पर विश्वास कम करने और ट्रंप के राष्ट्रपति बनने की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। पंरतु चुनाव प्रक्रिया को किसी भी तकनीकी पहलू से छेड़छाड़ का कोई सबूत नहीं मिला।
रिपोर्ट में चीन को लेकर भी कहा गया है। अधिकारियों ने बताया कि चीन ने चुनाव में दखल नहीं दिया। चीन अमेरिका को स्थिर संबंधों को अहमियत देता है। ट्रंप की 2020 के चुनावों में हार हुई और जो बाइडन अब अमेरिका के नए राष्ट्रपति है।