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ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बन सकते हैं भारतीय मूल के ऋषि सुनक

सेक्स स्कैंडल के चलते जॉनसन के इस्तीफे के बाद तकरीबन दर्जनभर दावेदार ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद की रेस में हैं। जिसमें भारतीय मूल के ऋषि सुनक का नाम सबसे आगे है। ऋषि सुनक द्वारा किए गए ट्वीट से ये दावेदारी और भी स्पष्ट हो गई है। ऋषि सुनक ने ट्विटर पर वीडियो जारी कर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने के लिए अपनी दावेदारी पेश की है। उन्होंने ट्वीट में कहा मैं कंजरवेटिव पार्टी का अगला नेता और आपका प्रधानमंत्री बनने के लिए आपके साथ खड़ा हूं। आइए अर्थव्यवस्था का पुनर्निर्माण करें और देश को फिर से जोड़ें। उन्होंन देश की जनता से अपील की कि मौके की नजाकत को समझना चाहिए और सही निर्णय लेने चाहिए। ऋषि सुनक सत्तारूढ़ कंजरवेटिव पार्टी से वित्त मंत्री रह चुके हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बन सकते है।

बोरिस जॉनसन के खिलाफ बगावत कर इस्तीफा देने वाले 45 मंत्रियों में ऋषि भी शामिल हैं। अपने कार्यकाल के दौरान से ही ब्रिटेन की जनता द्वारा ऋषि सुनक को उनके किये गए कार्यों की वजह से काफी पसंद किया जाता रहा है। जनता की पसंद का एक कारण यह भी माना जा रहा है कि वह ज्यादातर प्रेस कांफ्रेंस में सरकार के चेहरे के तौर पर नजर आते रहें हैं। कंजरवेटिव पार्टी के उभरते हुए सितारे के साथ पार्टी उन्हें अपने उत्तराधिकारी के तौर पर देखती आई है। इसी वजह से वो लंबे समय से ही प्रधानमंत्री पद के लिए दावेदार रहे हैं ।

कोरोना महामारी के दौरान जनता के लिए काफी काम किया था और ब्रिटेन को आर्थिक तंगी से उभारने लिए पूरा प्रयास किया। महामारी के दौरान रेस्क्यू पैकेज की घोषणा की । इस पैकेज के तहत उन्होंने कोरोना काल में चौपट हो चुकी टूरिज्म इंडस्ट्री को दस हजार करोड़ का पैकेज दिया था। उन्होंने राजनीति में प्रवेश करने से पहले एक अरब पाउंड की ग्लोबल इन्वेस्टमेंट कंपनी की स्थापना की थी। इस कंपनी ने ब्रिटेन के छोटे कारोबारियों को फ़ायदा पहुंचाया। दरअसल यह कंपनी ब्रिटेन के छोटे कारोबारों में निवेश करने के लिए मददगार साबित हुई । देश में बेरोजगारी को कम करने और रोजगार को बढ़ाने के लिए रोजगार सबंधी योजना भी लेकर आऐ थे। उनके द्वारा उठाये गए इन अहम कदमों ने देश की अर्थव्यवस्था को 514 अरब डॉलर का घाटा होने से बचा लिया। ऋषि सुनक ब्रिटेन की जनता के बीच इतने लोकप्रिय हैं कि जब से बोरिस जॉनसन विवादों में घिरे हैं। तब से संभावना जताई जा रही है कि ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बन सकते हैं।


ऋषि सुनक का राजनीतिक सफर

ऋषि सुनक वर्ष 2015 में पहली बार सांसद बने । वो नॉर्थ यॉर्कशायर में रिचमंड (यार्क) से संसद सदस्य हैं। गौरतलब है कि इस सीट पर कंजरवेटिव पार्टी 100 से भी अधिक वर्षों से जीतती आई हैं। उन्होंने सत्ता में अपनी पकड़ इतनी मजबूत बना ली कि इस सीट पर 2017 के चुनाव में भी ऋषि विजय होकर सदन में पहुँचे थे । इस दौरान उन्होंने पर्यावरण ,खाद्य ,ग्रामीण मामलों की चयनित समिति के सदस्य के रूप में कार्य किया। 2019 से 2020 तक वो ट्रेजरी के मुख्य सचिव भी रहे। 2019 चुनाव में प्रधानमंत्री जॉनसन का भरपूर समर्थन किया। 2020 में ब्रिटेन की एक फर्म ने सर्वेक्षण करवाया था। जिसमें साठ प्रतिशत जनता ने ऋषि सुनक को प्रधानमंत्री पद के लिए अपना पसंदीदा उम्मीदवार बताया था।


ऋषि का भारत से नाता

 

ऋषि सुनक प्रधानमंत्री पद के लिए लोगों का समर्थन जुटाने में जुटे हैं । उन्होंने रेडी फॉर ऋषि के साथ प्रचार- प्रसार शुरु कर दिया है। इस दौरान उन्होंने कहा -यह हमारा देश ब्रिटेन ही था जिसने उन्हें और उनके जैसे लाखों लोगों को बेहतर भविष्य का मौका दिया। साथ ही उन्होने यह भी कहा कि ब्रिटेन बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है और आज किए गए निर्णय से यह तय करेंगे कि अगली पीढ़ी के पास भी बेहतर भविष्य का मौका होगा या नहीं। सुनक के अनुसार वे देश को सही दिशा में आगे बढ़ाना चाहते हैं। एक वीडियो में उन्होने अपने परिवार की भारत से ब्रिटेन तक की यात्रा का जिक्र भी किया हैं। ऋषि सुनक की जड़े भारत से जुड़ी हुई हैं । उनके पिता यशवीर का जन्म केन्या और माँ उषा का जन्म भले ही तंजानिया में हुआ था लेकिन उनके दादा-दादी का जन्म ब्रिटिश इंडिया के समय पंजाब प्रांत में हुआ था। उसके बाद वे 1960 के दशक में अपने बच्चों के साथ ब्रिटेन में गए थे। दिलचस्प बात यह है कि ब्रिटेन के संभावित प्रधान मंत्री ऋषि सुनक भारत के दमाद भी है।

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ऋषि सूकेन की पत्नी अक्षता मूर्ति भारत के जाने माने उद्योगपति और प्रसिद्ध सॉफ़्टवेयर कंपनी इन्फोसिस टेक्नोलॉजीज के संस्थापक नागवार रामाराव नारायण मूर्ति की बेटी हैं। संभावना जताई जा रही है कि ऋषि सुनक के प्रधानमंत्री बनने से ब्रिटेन और भारत के रिश्तों को मजबूती मिल सकती है। दरअसल भारत के लिए उन्होंने हाल ही में कहा था कि भारत में बहुत अवसर हैं और भारत भविष्य को उम्मीद भरी नजरों से देख रहा है। उन्होंने भारत की पैरवी करते हुए कहा था कि ब्रिटेन द्वारा भारत को कमतर आंकने से बचना चाहिए। हमें भारत की नजरों में अपना स्थान अर्जित करना पड़ेगा इसके लिए ब्रिटेन को भारत के साथ संबंधों पर दोबारा काम करना होगा। दोनों देशों के बीच बराबरी की साझेदारी होनी चाहिए। हमारा ध्यान इस पर होना चाहिए कि हम ब्रिटेन आने वाले भारतीयों का जीवन किस तरह आसान बना सकते हैं।

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