फ्रांस में सफाई कर्मचारी लगातार हड़ताल पर हैं, राजधानी पेरिस में सड़कों के दोनों ओर हजारों टन कचरा जमा हो गया है। ये सब हो रहा है नई पेंशन योजना बिल को लेकर, जिसे फ्रांस की संसद से अब हरी झंडी मिल चुकी है। विरोध प्रदर्शनों के बावजूद बिल अब कानून में तब्दील हो गया है।
हालांकि राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की सरकार ने विशेष प्रावधान का इस्तेमाल करते हुए इस कानून को अमलीजामा पहना दिया है। वहीं, विपक्षी पार्टियों का कहना है कि सरकार द्वारा कानून बनाने के लिए संसदीय नियमों का अनुसरण नहीं किया गया है। जिसके बाद अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। इस पूरे मामले मे मैक्रों मौन साधे नजर आ रहे हैं।
नेशनल असेंबली में दोनों अविश्वास प्रस्ताव के धड़ाम हो जाने के बावजूद इसे मैक्रों सरकार की बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है। दरअसल ये कानून फ्रांस के सरकारी और निजी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की उम्र दो साल बढ़ा देगा। फ्रांस के लोग इस बिल का विरोध कर रहे हैं। नतीजा यह हुआ कि पेरिस की सड़कों पर मंगलवार तक सात हजार टन कचरा जमा हो गया। फ्रांस के अन्य शहरों में भी ऐसी ही स्थिति है। राष्ट्रीय राजधानी में कचरे के ढेर जमा होने के कारण सबका ध्यान इस आंदोलन की ओर गया है। महाराष्ट्र में इस समय सरकारी कर्मचारी नई पेंशन योजना का विरोध कर रहे हैं। फ्रांस में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है।
नई पेंशन योजना को लेकर कर्मचारियों में गुस्सा क्यों?
राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों द्वारा प्रस्तावित नई पेंशन योजना के अनुसार, सेवानिवृत्ति की आयु 62 से बढ़ाकर 64 वर्ष की जाएगी। सफाई कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति की आयु 57 वर्ष है, जबकि सीवेज श्रमिकों के लिए सेवानिवृत्ति की आयु 52 वर्ष है। उनकी सेवानिवृत्ति की उम्र भी दो साल बढ़ाई जाएगी। इस बिल के प्रावधानों का फ्रांस के सभी क्षेत्रों के श्रमिकों द्वारा विरोध किया जा रहा है। सार्वजनिक परिवहन, ऊर्जा और बंदरगाहों के कर्मचारी भी हड़ताल पर हैं।
क्या कहते हैं कार्यकर्ता
श्रमिकों का कहना है कि कम उम्र में काम शुरू करने वाले श्रमिकों के लिए यह अनुचित निर्णय है। इस योजना पर आपत्ति जताने वाली एक वामपंथी संस्था सीजीटी यूनियन ने कहा कि ड्राइवर और कैरियर के रूप में काम करने वाले कर्मचारी 57 साल की उम्र में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। नए बदलाव के मुताबिक उन्हें दो साल और काम करना होगा। इस नए बदलाव में मेहनती कर्मचारियों के लिए जल्दी सेवानिवृत्ति का प्रावधान किया जाए। इस मांग के बारे में बात करते हुए सीजीटी यूनियन ने फ्रांस 24 न्यूज चैनल को बताया कि सफाई कर्मचारी के रूप में काम करने वाले कर्मचारियों की जीवन प्रत्याशा देश के अन्य नागरिकों की तुलना में 12 से 17 साल कम है।