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चीन की शादियों में दर्ज की गई गिरावट 

चीन में शादी ब्याह की संख्या ऐतिहासिक रूप से कम हो गई है। बीते दस सालों से यह गिरावट जारी है । लेकिन साल 2022 में अबतक की सबसे कम शादियां हुई हैं।  पिछले साल चीन में सिर्फ 6.83 करोड़ कपल ने अपनी शादियां रजिस्टर करवाई थी । चीन में नागरिक मामलों के मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर यह जानकारी प्रकाशित की है। साल 2021 के मुकाबले 2022 में शादियों में  लगभग आठ लाख तक की गिरावट पाई गई।

शादियों में आई गिरावट के पीछे की एक वजह  चीन में कोविड 19 -महामारी भी है। दरअसल इस दौरान चीन सरकार द्वारा लोगों पर उनकी सुरक्षा की दृष्टि से कई तरह के सख्त प्रतिबंध लगाए गए थे। जिसके तहत करोड़ो की संख्या में लोग घरों में कैद रहे थे। जिसका असर शादियों पर पड़ा। ये प्रतिबंध भी देश में ऐसे समय पर लगाए जब चीन लगातार घटती आबादी से जूझ रहा है। जहां पहले चीन दुनिया का सबसे बड़ी आबादी वाला देश था। वहीं भारत अब जनसंख्या के मामले में चीन से भी आगे निकल गया है।

गौरतलब है कि साठ सालों में पहली बार हुआ है कि चीन की आबादी में गिरावट दर्ज को गई है। जिसका सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। चीन की सरकार और अर्थशास्त्री  दोनों चिंता में है और इससे निपटने के लिए नीतियों में बड़े बदलाव किए जा रहें हैं। रिपोर्ट अनुसार पिछले साल हर एक हजार लोगों पर चीन में 6.77 बच्चों का जन्म हुआ था।  जो अब तक की सबसे कम जन्मदर है। साल 2021 में यह जन्मदर 7.52 रही थी। आशंका जताई जा रही है कि यदि ऐसे ही जन्मदर घटती रही तो चीन को अधिक जनसंख्या का लाभ मिलना बंद हो जाएगा और धनी होने से पहले ही यह देश बूढ़ों का देश बन जाएगा।  इससे काम करने वाले लोगों की संख्या घटेगी और खर्च बढ़ेगा क्योंकि प्रशासन को बुजुर्गों की देखभाल पर ज्यादा धन खर्च करना होगा।

 

 जन्म दर बढ़ाने की कोशिशों में चीन

 

चीन में घटती जन्मदर की वजह से पिछले साल चीन सरकार ने जोड़ो को तीन बच्चे तक पैदा करने की इजाजत दी गई। इससे पहले चीन में दशकों से एक ही बच्चा पैदा करने की नीति रही है। जिसका उलंघन करने पर लोगों को कई तरह की पाबंदियों का सामना करना पड़ता था। लेकिन साल 2016 में यह नीति खत्म कर दी गई। इस नीति के खत्म करने की पीछे की एक अहम वजह चीन की तेजी से बूढ़ी होती आबादी थी। चीन इसका आर्थिक खामियाजा नहीं भुगतना चाहता था, लेकिन शहरी इलाकों में महंगी होती रोजमर्रा की जिंदगी के चलते भी लोग एक ही बच्चा पैदा करते थे। चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक  साल 2021 में प्रति हजार लोगों पर जन्म दर 7.52 रही, जो 1949 के बाद से सबसे कम है।

राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के अनुसार चीन में पिछले वर्ष की तुलना में 2022 के अंत में आबादी 8,50,000 कम रही है।  यह ब्यूरो हांगकांग, मकाओ और स्वशासी ताइवान के साथ-साथ विदेशी निवासियों को छोड़कर केवल चीन की मुख्य भूमि की जनसंख्या की गणना करता है। घटती जनसंख्या से परेशान चीन सरकार लोगों को ज्यादा शादी करने और ज्यादा बच्चे पैदा करने के लिए कह रही है। इसी के अंतर्गत पिछले महीने ही चीन ने देश के 20 से ज्यादा शहरों में एक पाइलट परियोजना शुरू की थी, जिसका उद्देश्य शादी और बच्चे पैदा करने का ‘नया युग’ शुरू करना है। कुछ प्रांतों ने नये शादीशुदा जोड़ों को वेतन सहित अतिरिक्त छुट्टियां देने की योजना भी शुरू की । इसके अलावा ज्यादा बच्चे पैदा करने वाले लोगों को टैक्स में छूट और नगद सहायता देने की शुरुआत की गई है। मातृत्व अवकाश के लिए उदारता पूर्वक छुट्टियां भी दी गई है। साथ ही मेडिकल इंश्योरेंस और हाउसिंग सब्सिडी भी दी जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार द्वारा किए जा रहे ये प्रयास पर्याप्त नहीं हैं। उच्च शिक्षा का महंगा होना, नौकरियों में कम आय और काम के ज्यादा घंटों के साथ ही कोविड की पाबंदियां और कुल मिला कर अर्थव्यवस्था की स्थिति लोगों को बच्चे पैदा करने से दूर कर रही है।

 

दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला देश भारत : UN

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