चाड़ के राष्ट्रपति इदरिस डेबी की विद्रोही से फ्रंट लाइन पर लड़ते मृत्यु होने के बाद मोर्चा फॉर चेंज एंड कॉनकॉर्ड ( समूह के विद्रोहियों ने राजधानी न्द्जमीन में गश्त लगाते देखा। सभी के पास हथियार थे। 11 अप्रैल को राष्ट्रपति इदरिस डेबी ने मुख्य विपक्षी दलों द्वारा बहिष्कार किए गए वोट में छठे कार्यकाल की मांग की थी, उसी दिन लीबिया को पार करते हुए चाड के उत्तरी इलाके में मोर्चा फॉर चेंज एंड कॉनकॉर्ड ग्रुप के विद्रोही धुसे। विद्रोहियों ने दक्षिण की ओर बढ़ने से पहले एक बॉर्डर चौकी पर हमला किया। दूसरी तरफ चाड के सैनिक विद्रोहियों को रोकने के लिए फायरिंग कर रहे थे। दोनों और से एक-दूसरे पर गोलियां दागी जा रही थी।
विद्रोहियों पर हमला करते हुए चाड की सेना ने राजधानी न्द्जमीन से विद्रोहियों को 300 किलोमीटर तक पीछे धकेल दिया था। चाड के लोग उस समय शोक में चले गए जब चाड की सेना ने यह घोषणा कि राजधानी एन्डजामेना की ओर बढ़ते विद्रोहियों के खिलाफ फ्रंट पर लड़ते हुए सैनिकों की मृत्यु के बाद इदरिस डेबी की भी मौत हो गई। सेना के प्रवक्ता आजम बरमंडो अगौना ने एक बयान में कहा देश के राष्ट्रपति, राष्ट्राध्यक्ष, सेना के सर्वौच्च प्रमुख इदरिस डेबी युद्ध के मैदान में राष्ट्र की अखंडता की रक्षा करते हुए शहीद हो गए। हालांकि अभी तक डेबी की मौत की सही स्थिति स्पष्ट नहीं है। पश्चिमी अफ्रीकी देशों में सबसे लंबे समय तक चाड पर इदरिस डेबी ने शासन किया। उन्होंने 30 वर्षाों तक चाड को नियंत्रित किया।
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डेबी के 37 वर्षीय बेटे महातम इदरीस डेबी, जो चाड की सेना में चार स्टार वाले जनरल के पद पर है, उसका नाम पहले ही सैन्य प्रमुख के लिए नामित किया गया था। लेकिन संवैधानिक प्रोटोकॉल के सत्ता संसद के अध्यक्ष के हाथ में होनी चाहिए थी। उन्होंने सैन्य संविधान को भी निलंबित कर दिया और सरकार और संसद को भंग कर दिया,लेकिन 18 महीने के बाद “स्वतंत्र और लोकतांत्रिक” चुनाव कराने का वादा किया। एफएसीटी समूह ने अपनी डेबी की मृत्यु के बाद सोशल मीडिया पर अपने बयान जारी किया और कहा कि चाड कोई राजशाही नहीं है। देश में सत्ता परिवर्तन का वंशवाद नहीं है। उन्होंने अपने बयान में चेतावनी देते हुए कहा कि अगर नए नेता को हटाया नहीं गया तो अंजाम बुरा होगा।
डेबी ज़गहवा जातीय समूह से अलग होकर, उत्तर-पूर्वी क्षेत्र एनेडी में बड़ा हुआ। डेबी 1970 के दशक की शुरुआत में सेना में शामिल हुए, उस समय चाड गृहयुद्ध की चपेट में था। चाड आर्मी ज्वॉइन करने के बाद उन्होंने सेना का अतिरिक्त प्रशिक्षण फ्रांस से प्राप्त किया। इसके बाद डेबी चाड की आर्मी के कमांडर-इन-चीफ बने, 1990 के विद्रोह का अगुवा बनकर और दो अन्य साथियों के साथ मिलकर उन्होंने चाड के सत्ताधारी नेता हिसेन हेबर को सत्ता से बाहर किया था। फरवरी 1990 में उन्होंने अधिकारिक रुप से देश के राष्ट्रपति का पदभार संभाला, इसके बाद 1996 के चुनाव में भी डेबी की जीत होती है। उसके बाद 2001 में उन्होंने सविंधान में संशोधन करके 2018 के चुनाव में हिस्सा लिया, और सत्ता में 2033 तक बने रहने का प्रस्ताव पास करवाया।