वर्तमान में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख इमरान खान के खिलाफ चल रही क़ानूनी कार्यवाहियों को लेकर पाकिस्तान में बवाल मचा हुआ है। साथ ही वहां के रक्षामंत्री ने इमरान की पार्टी पर प्रतिबन्ध लगाने के संकेत भी दिए हैं। पाकिस्तान की सरकार ने इमरान खान, उनकी बीवी बुशरा सहित उनकी पार्टी (पीटीआई) के 80 पदाधिकारियों के नाम नो-फ्लाई लिस्ट में शामिल कर दिए हैं। देशभर में उनके समर्थकों का विरोध-प्रदर्शन चल रहा है जिसके कारण पाकिस्तानी पुलिस और सेना के बीच भी तनाव का माहौल है। माना जाता है कि इमरान खान को सत्ता तक पहुंचाने में सेना का ही हाथ है। लेकिन सत्ता में आने के बाद इमरान ने सेना की बात मानने से इंकार कर दिया।
जिसेक बाद सेना और इमरान के बीच विरोध बढ़ता गया और ऐसा पहली बार हुआ है कि इमरान सरकार सेना के विरोध में आई है। इस विरोध के कारण सेना के प्रमुख बाजवा और इमरान दोनों को अपनी सत्ता से हाथ धोना पड़ा। इमरान के सत्ता छिन जाने के बाद भी इमरान को सेना और सरकार से कोई रिहाई नहीं मिल पाई है। सेना द्वारा उनके खिलाफ कादरी ट्रस्ट मामले में उनकी गिरफ्तारी तो हुई लेकिन इसके अलावा आर्मी एक्ट, देशद्रोह, ईशनिंदा के तहत मामले दर्ज हुए हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार सेना इमरान के खिलाफ देशद्रोह के ये आरोप लगाकर उनकी पार्टी को बैन लगाने व सत्ता में इमरान की जगह किसी दूसरे को लाने की कोशिश कर रही है।इस वक़्त इमरान को सिर्फ अपनी जान का डर है। क्यूंकि उन्हें इस बात की जानकारी है कि उनसे पहले जिसने भी पाकिस्तानी सेना को चुनौती दी है, वह कभी सत्ता में भी रह नहीं पाया है। कई लोगों ने इसमें अपनी जान भी गंवाई है। जुल्फिकार अली भुट्टो भी इसका ही उदाहरण हैं, बेनजीर ने भी इसी प्रकार अपनी जान से हाथ धोया। पकिस्तान की सेना से जो भी सरकार पंगा लेती है तो कई बार उसे देश भी छोड़ना पड़ता है ऐसा ही हाल अभी नवाज शरीफ का है।
क्या है कादिर ट्रस्ट का मामला
इमरान खान पर करीब 140 से ज्यादा मामले चल रहे हैं। लंबे समय से वे तोशखाना मामले में फंसे हुए हैं। इस मामले में भी उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर तोशखाना मामले में इमरान की गिरफ्तारी नहीं हुई है तो वह क्या मामला है, जिसमें इमरान इतने बुरे फंस गए? दरअसल, यह मामला अल कादिर ट्रस्ट विश्वविद्यालय से जुड़ा है। एनएबी ने पिछले दिनों इमरान खान, उनकी पत्नी बुशरा बीवी और उनकी पार्टी पीटीआई से जुड़े कई नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किया था। जिसमें इमरान ने प्रधानमंत्री रहते अपनी पत्नी बुशरा बीबी और पीटीआई के कुछ नेताओं के साथ मिलकर अल कादिर यूनिवर्सिटी प्रोजेक्ट ट्रस्ट का गठन किया था।
इसका उद्देश्य पंजाब के सोहावा जिला झेलम में ‘गुणवत्तापूर्ण शिक्षा’ प्रदान करने हेतु विश्वविद्यालय स्थापित करना था। ट्रस्ट के कार्यालय के पते का उल्लेख ‘बनी गाला हाउस, इस्लामाबाद’ के रूप में किया गया है। इस विश्वविद्यालय के लिए इमरान और उनकी पत्नी ने एक रेशिडेंशियल कॉम्प्लेक्स की जमीन गैरकानूनी तरीके से हड़प ली। इसके लिए दोनों ने पाकिस्तान के सबसे अमीर शख्सियत मलिक रियाज को धमकी भी दी थी। इमरान की पत्नी बुशरा बीबी की ओर से पांच कैरेट के हीरे की अंगूठी मांगे जाने की बात भी सामने आई थी। इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री, उनकी पत्नी बुशरा बीबी और अन्य पीटीआई नेताओं पर राष्ट्रीय खजाने को 190 मिलियन पाउंड का नुकसान पहुंचाने का भी आरोप लगा है।