हांगकांग में चीन के विरोध में अभी भी प्रदर्शन थमे नहीं है। अब आंदोलनकारियों ने एक नई रणनीति के अनुसार 22 दिसंबर ,रविवार को चीन के उइगर मुसलमानों के प्रति एकजुटता दिखाते हुए उनके समर्थन में एक रैली निकाली। इस समर्थन रैली के दौरान हांगकांग पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पे भी देखने को मिली।
हांगकांग में लोकतंत्र और आजादी की मांग को लेकर पिछले छह महीने से प्रदर्शन कर रहे आंदोलनकारियों ने अपनी दशा को चीन में दमन का सामना करने वाले मुस्लिम अल्पसंख्यकों की स्थिति जैसा बताया।
रैली के दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने एक सरकारी भवन के पास से एक चीनी झंडे को उतार दिया, जिसके बाद दंगा नियंत्रण पुलिस हरकत में आ गई और भीड़ को तितर-बितर कर दिया।

हांगकांग में 22 दिसंबर ,रविवार की रैली विशेष रूप से उइगर मुसलमानों के लिए ही समर्पित थी। शहर में एक चौराहे पर करीब 1000 लोग ये भाषण सुनने जुटे कि चीन की शिंजियांग में कार्रवाई एक दिन हांगकांग में दोहराई जाएगी। चीन ने शुरुआत में बंदी शिविरों के अस्तित्व को खारिज किया था, लेकिन अब उसका कहना है कि ये व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र हैं, जो आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए जरूरी हैं।
माना जा रहा है कि हांगकांग में आंदोलनकारियों का उइगर मुसलमानों के समर्थन में उतरना चीन के लिए नई मुसीबत बन सकता है। चीन करीब 10 लाख उइगर और ज्यादातर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को उत्तर-पश्चिमी प्रांत शिंजियांग में बंदी शिविरों में रखने को लेकर अमेरिका समेत अंतरराष्ट्रीय दबाव का सामना कर रहा है।